नमस्कार,
कल की बड़ी खबर चीन में फैले नए वायरस से जुड़ी रही। इसके लक्षण भी कोरोना वायरस की तरह हैं। दूसरी बड़ी खबर दिल्ली की राजनीति को लेकर रही। विधानसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैंपेन की शुरुआत की। उन्होंने AAP को आपदा बताया।
आज के प्रमुख इवेंट्स:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर 11वीं बार चादर चढ़ाई जाएगी।
- कर्नाटक हाईकोर्ट में इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड मामले में पत्नी निकिता सिंघानिया की जमानत याचिका पर सुनवाई होगी।
अब कल की बड़ी खबरें…
दिल्ली चुनाव: PM मोदी बोले- ‘आपदा सरकार’, केजरीवाल का पलटवार- ‘आपदा BJP में है’
प्रधानमंत्री मोदी का हमला:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार की शुरुआत करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आप सरकार को “आपदा सरकार” करार देते हुए कहा, “दिल्ली में कट्टर बेईमान लोग सत्ता में बैठे हैं। ये लोग खुद को ईमानदारी का चेहरा बताते हैं, लेकिन असल में शराब घोटाले के आरोपी हैं। ये चोरी भी करते हैं और सीनाजोरी भी।”
प्रधानमंत्री ने दिल्लीवासियों से अपील की कि वे इस “आपदा सरकार” को सत्ता से हटाकर भाजपा को लाएं। इसके लिए उन्होंने नया नारा दिया:
“आपदा को हटाना है, भाजपा को लाना है।”
PM मोदी ने किए कई परियोजनाओं का उद्घाटन:
दिल्ली के अशोक विहार में प्रधानमंत्री ने 1,675 फ्लैट्स का उद्घाटन किया, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए बनाए गए हैं। साथ ही, 4,500 करोड़ रुपये की अन्य परियोजनाओं का भी इनॉगरेशन और शिलान्यास किया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा,
“मैं चाहता तो अपने लिए शीशमहल बना सकता था, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया। पिछले 10 सालों में 4 करोड़ गरीब परिवारों को पक्का घर दिया है।”
केजरीवाल का पलटवार:
प्रधानमंत्री मोदी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “आपदा दिल्ली में नहीं, भाजपा में आई हुई है। भाजपा के पास न तो मुख्यमंत्री का चेहरा है और न ही कोई एजेंडा।”
केजरीवाल ने यह भी कहा, “हमने दिल्ली में इतने काम किए हैं कि उन्हें गिनाने में घंटों लग सकते हैं। लेकिन पीएम मोदी अपने 43 मिनट के भाषण में एक भी काम नहीं गिना पाए।”
चुनाव का माहौल गरम:
प्रधानमंत्री मोदी और अरविंद केजरीवाल के इस जुबानी हमले से दिल्ली का राजनीतिक माहौल और गरमा गया है। आगामी चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसे चुनती है।
चीन में कोरोना जैसा नया वायरस फैला, छोटे बच्चों पर सबसे ज्यादा असर
नए वायरस का नाम:
कोविड-19 के पांच साल बाद, चीन में एक नए वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इस वायरस का नाम ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) है, जो एक RNA वायरस है। इसके लक्षण कोरोना वायरस जैसे हैं, जिनमें खांसी, बुखार, नाक बंद होना और गले में घरघराहट शामिल हैं।
सबसे ज्यादा प्रभावित कौन?
यह वायरस खासकर छोटे बच्चों को प्रभावित कर रहा है, जिनमें 2 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
संक्रमण का प्रभाव:
- नए HMPV वायरस के साथ ही इन्फ्लुएंजा ए, माइकोप्लाज्मा निमोनिया, और कोविड-19 के मामले भी सामने आ रहे हैं।
- प्रभावित इलाकों में अस्पतालों और श्मशान घाटों में भीड़ बढ़ने के दावे किए जा रहे हैं।
दावे और स्थिति:
सोशल मीडिया पर कई लोगों का दावा है कि चीन ने इस वायरस के कारण कई इलाकों में इमरजेंसी घोषित की है। हालांकि, चीन की सरकार ने अब तक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
क्या है HMPV?
यह एक सांस से संबंधित वायरस है, जो ठंड और कोविड जैसे लक्षण पैदा करता है। विशेषज्ञ इसे बच्चों के लिए अधिक खतरनाक मान रहे हैं।
चीन का इतिहास और सावधानी:
2019 में वुहान से फैले कोविड-19 ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया था। अब एक और वायरस के फैलने की खबरें सामने आने से दुनिया सतर्क हो गई है।
लद्दाख पर चीन के दावे का भारत ने विरोध किया, कहा- ‘हमारे क्षेत्र का हिस्सा’
भारत का सख्त रुख:
भारत ने चीन द्वारा लद्दाख के कुछ इलाकों को अपना बताने पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा,
“लद्दाख में चीन के अवैध कब्जे को भारत ने कभी स्वीकार नहीं किया है। चीन के नए काउंटी घोषित करने से हमारी संप्रभुता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हमने राजनयिक माध्यम से अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।”
चीन ने क्या किया?
चीन ने हाल ही में अपने होतान प्रांत में दो नए काउंटी, हेआन और हेकांग, बनाने की घोषणा की है। इनमें से कुछ क्षेत्र भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का हिस्सा हैं।
भारत की दो मुख्य आपत्तियां:
- लद्दाख पर दावा:
भारत ने स्पष्ट रूप से कहा कि ये इलाके भारत का अभिन्न हिस्सा हैं और चीन का दावा पूरी तरह अवैध है। - ब्रह्मपुत्र नदी पर डैम:
चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर एक डैम का निर्माण कर रहा है, जिसे लेकर भारत ने आपत्ति जताई है। यह डैम भारत की जल सुरक्षा पर असर डाल सकता है।
भारत का संदेश:
विदेश मंत्रालय ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे कदम न केवल क्षेत्रीय शांति को प्रभावित करते हैं, बल्कि भारत की संप्रभुता के खिलाफ हैं। भारत अपनी सुरक्षा और हितों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगा।
चीन के दावे का असर नहीं:
भारत ने दोहराया कि चीन द्वारा किए गए ये दावे और नई प्रशासनिक इकाइयों की घोषणा भारत के रुख या अधिकार को कमजोर नहीं कर सकते।
यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर प्रदर्शन, MP में दो युवकों ने आत्मदाह की कोशिश
प्रदर्शन में हिंसा और आत्मदाह का प्रयास:
मध्यप्रदेश के इंदौर के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले कचरे को नष्ट करने का विरोध तेज हो गया है। प्रदर्शन के दौरान दो युवकों ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश की। किसी ने पीछे से आग लगा दी, जिससे दोनों बुरी तरह झुलस गए। उन्हें तुरंत इंदौर के चोइथराम अस्पताल में भर्ती कराया गया।
प्रदर्शन के दौरान माहौल बिगड़ने पर पुलिसकर्मियों पर पथराव हुआ। जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज कर आंदोलनकारियों को खदेड़ा। इस दौरान एक महिला को पुलिसकर्मी घसीटते हुए नजर आए, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।
क्या है विवाद?
- 40 साल पुराना गैस कांड:
2 दिसंबर 1984 की रात भोपाल में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से जहरीली गैस लीक होने से 5,479 लोगों की मौत हो गई थी। यह घटना भारत की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदियों में से एक है। - 358 मीट्रिक टन जहरीला कचरा:
फैक्ट्री में मौजूद 358 मीट्रिक टन कचरा 1 जनवरी 2025 को भोपाल से बाहर निकाला गया। इसे 12 कंटेनरों में भरकर 250 किमी लंबे ग्रीन कॉरिडोर से पीथमपुर लाया गया। - कचरे को जलाने की योजना:
कचरे को रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज में जलाने की योजना बनाई गई है। इस पर स्थानीय लोगों और संगठनों ने विरोध जताया है, उनका कहना है कि इससे पर्यावरण और स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ेगा।
विरोध के कारण:
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कचरे को जलाने से जहरीली गैसें निकल सकती हैं, जिससे आसपास के इलाकों के लोगों की जान को खतरा हो सकता है। उनका आरोप है कि सरकार इस मामले में स्थानीय लोगों की चिंता को नजरअंदाज कर रही है।
स्थिति गंभीर:
विरोध प्रदर्शनों के चलते पीथमपुर में तनाव बना हुआ है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है, लेकिन प्रदर्शनकारियों का गुस्सा कम होता नहीं दिख रहा।
सोशल मीडिया अकाउंट के लिए बच्चों को पेरेंट्स की इजाजत जरूरी, केंद्र सरकार बनाएगी नए नियम
नए नियमों की तैयारी:
अब 18 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाने के लिए अपने माता-पिता की सहमति लेना अनिवार्य होगा। केंद्र सरकार ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट (DPDP), 2023 के तहत इस नियम का ड्राफ्ट तैयार किया है।
ड्राफ्ट की मुख्य बातें:
- पेरेंट्स की सहमति अनिवार्य:
बच्चों का सोशल मीडिया अकाउंट बनाने के लिए माता-पिता की मंजूरी जरूरी होगी। - सत्यापन का प्रावधान:
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि जो व्यक्ति खुद को बच्चे का माता-पिता बता रहा है, उसके पास वैध कानूनी आधार है।
सरकार ने मांगे सुझाव:
केंद्र सरकार ने इस ड्राफ्ट पर जनता से आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं।
- लोग MyGov.in पोर्टल पर जाकर 18 फरवरी तक अपनी राय दर्ज करा सकते हैं।
- सरकार इन सुझावों और आपत्तियों पर विचार करेगी और उसके आधार पर अंतिम नियम बनाएगी।
नए नियम क्यों जरूरी?
इस कदम का उद्देश्य बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित करना है। सोशल मीडिया पर बढ़ते साइबर अपराध, बच्चों के डेटा के दुरुपयोग और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए यह नियम जरूरी माना जा रहा है।
अगले कदम:
सरकार के मुताबिक, नियम लागू होने के बाद सोशल मीडिया कंपनियों और पेरेंट्स दोनों की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी। यह बच्चों की डिजिटल गतिविधियों को नियंत्रित करने और उनके डेटा की सुरक्षा में मदद करेगा।
BPSC परीक्षा को लेकर प्रदर्शन तेज, पप्पू यादव समर्थकों ने ट्रेनें रोकीं, PK आमरण अनशन पर
प्रदर्शन और हिंसा:
बिहार में BPSC परीक्षा में हुई गड़बड़ियों को लेकर विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा। 13 दिसंबर से शुरू हुए इस आंदोलन के तहत निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के समर्थकों ने कई जगहों पर ट्रेनें रोकीं और चक्का जाम किया। वहीं, प्रशांत किशोर (PK) का आमरण अनशन पटना के गांधी मैदान में 17वें दिन भी जारी है। प्रशांत किशोर पर छात्रों को भड़काने का मामला दर्ज किया गया है।
क्या है विवाद?
- पेपर लीक का आरोप:
13 दिसंबर को हुई BPSC 70वीं प्रारंभिक परीक्षा के दौरान पटना के बापू सेंटर से पेपर लीक होने की खबर सामने आई। - आयोग की स्वीकारोक्ति:
बीपीएससी ने गड़बड़ी की बात मानी और परीक्षा को पुनः आयोजित करने की बात कही।
प्रदर्शनकारियों की मांगें:
- परीक्षा रद्द हो:
प्रदर्शनकारी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को पूरी तरह रद्द करने की मांग कर रहे हैं। - लाठीचार्ज के दोषियों को सजा:
परीक्षा के विरोध में हुए प्रदर्शन पर पुलिस के लाठीचार्ज के जिम्मेदार अधिकारियों को दंडित करने की मांग की गई है। - मुआवजा:
मृतक BPSC छात्र सोनू के परिवार को 5 करोड़ रुपए का मुआवजा देने की मांग की गई है।
आगे की योजना:
महागठबंधन छात्र संगठन ने ऐलान किया है कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो 6 जनवरी को पूरे राज्य में बड़े प्रदर्शन किए जाएंगे।
अनशन पर PK:
प्रशांत किशोर का अनशन छात्रों के समर्थन में जारी है। उनके अनुसार, बीपीएससी में बार-बार हो रही गड़बड़ियां बिहार के युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेल रही हैं। सरकार पर दबाव बनाने के लिए वे आमरण अनशन पर हैं।
सरकार की स्थिति:
राज्य सरकार प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील कर रही है। हालांकि, आंदोलन की बढ़ती तीव्रता ने प्रशासन की चुनौतियां बढ़ा दी हैं।
चंदन गुप्ता हत्याकांड: कासगंज दंगे के 28 दोषियों को उम्रकैद
फैसला:
2018 के कासगंज दंगे के दौरान ABVP कार्यकर्ता चंदन गुप्ता की हत्या के मामले में लखनऊ NIA कोर्ट ने 28 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
- जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने इस मामले में फैसला सुनाया।
- दोषियों ने इस सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया।
क्या है पूरा मामला?
- हत्या:
26 जनवरी 2018 को कासगंज में चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। - दंगे का कारण:
हत्या के बाद कासगंज में सांप्रदायिक तनाव फैल गया। हालात इतने खराब हो गए कि पूरे जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद करनी पड़ीं। - दंगे का दायरा:
चंदन की मौत के बाद करीब एक हफ्ते तक जिले में जगह-जगह दंगे हुए, जिसमें कई जान-माल की हानि हुई।
न्याय का प्रतीक:
यह फैसला चंदन गुप्ता और उनके परिवार को न्याय दिलाने का प्रतीक माना जा रहा है। कोर्ट का यह कदम सामाजिक सौहार्द बनाए रखने और अपराधियों को सख्त संदेश देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
सजा के खिलाफ याचिका:
दोषियों ने उम्रकैद के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया, जिससे यह सजा बरकरार रही।
समाज पर प्रभाव:
यह निर्णय न केवल दंगों में शामिल लोगों के खिलाफ एक कड़ा संदेश है, बल्कि समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उदाहरण भी है।
संजय राउत ने की CM फडणवीस की तारीफ, बोले- नक्सलियों का सरेंडर सराहनीय कार्य
शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की गढ़चिरौली में नक्सलियों के सरेंडर को लेकर तारीफ की। उन्होंने पार्टी के मुखपत्र सामना में लेख लिखकर फडणवीस सरकार की इस पहल को सराहनीय बताया।
राउत के बयान:
- “गढ़चिरौली में नक्सलियों का सरेंडर करवाकर राज्य सरकार ने सराहनीय कार्य किया है।
- जब अच्छा काम होता है, तो उसकी प्रशंसा करना चाहिए। हमने देवेंद्र फडणवीस की तारीफ इसलिए की क्योंकि उनकी सरकार ने अच्छा काम किया।”
गढ़चिरौली में नक्सलियों का सरेंडर:
- 1 जनवरी 2025 को गढ़चिरौली में 11 नक्सलियों ने सरेंडर किया।
- इनमें 8 महिला और 3 पुरुष नक्सली शामिल थे।
- सरेंडर करने वाले नक्सलियों पर 1 करोड़ रुपए का इनाम घोषित था।
राजनीतिक संदेश:
संजय राउत का यह बयान महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई चर्चा का विषय बन गया है। विपक्ष के नेता की ओर से मुख्यमंत्री की तारीफ करना सियासी हलकों में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
गढ़चिरौली का महत्व:
गढ़चिरौली, जो लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का केंद्र रहा है, में नक्सलियों का सरेंडर सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इससे क्षेत्र में शांति स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
प्रभाव:
संजय राउत की यह प्रशंसा दिखाती है कि राजनीति से ऊपर उठकर सकारात्मक कार्यों की सराहना की जानी चाहिए।
सोना-चांदी के दाम में उछाल: चांदी ₹954 बढ़कर ₹88,121 प्रति किलो, सोना ₹425 चढ़कर ₹77,504 प्रति 10 ग्राम
सोने-चांदी की कीमतों में बढ़त दर्ज की गई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के अनुसार:
- 24 कैरेट गोल्ड:
- 10 ग्राम सोने का भाव शुक्रवार को ₹425 बढ़कर ₹77,504 पर बंद हुआ।
- गुरुवार को इसकी कीमत ₹77,079 थी।
- चांदी:
- 1 किलोग्राम चांदी का भाव ₹954 बढ़कर ₹88,121 हो गया।
- गुरुवार को चांदी की कीमत ₹87,167 थी।
पिछले साल के रिकॉर्ड:
- 2024 में सोने ने 20% का रिटर्न दिया।
- ऑल-टाइम हाई:
- 23 अक्टूबर 2023 को चांदी ₹99,151 प्रति किलो पर थी।
- 30 अक्टूबर 2023 को सोने की कीमत ₹79,681 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई थी।
क्या हैं कारण?
- वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव:
- डॉलर में कमजोरी और महंगाई के दबाव से सोने-चांदी की मांग बढ़ी है।
- निवेशकों का रुझान:
- सुरक्षित निवेश के रूप में सोने-चांदी में निवेश बढ़ रहा है, जिससे कीमतों में तेजी आई है।
विशेषज्ञों की राय:
विशेषज्ञों का कहना है कि सोने-चांदी की कीमतों में आगे भी स्थिरता बनी रह सकती है। निवेशकों के लिए यह एक अच्छा अवसर है।