नमस्कार,
कल की बड़ी खबर INDIA ब्लॉक में मतभेद से जुड़ी रही। TMC चाहती है कि संसद में अडाणी मुद्दे के अलावा भी चर्चा हो। दूसरी बड़ी खबर बाबा बागेश्वर के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री को मिली हत्या की धमकी को लेकर रही।
आज के प्रमुख इवेंट्स:
अब कल की बड़ी खबरें…
महाराष्ट्र में भाजपा विधायक दल की बैठक कल, नए सीएम का नाम होगा तय
महाराष्ट्र में नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए भाजपा विधायक दल की बैठक 4 दिसंबर को सुबह 10 बजे विधान भवन में होगी। पार्टी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को इस बैठक के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। बैठक के बाद मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जाएगी।
शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को
भाजपा के अनुसार, नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को शाम 5 बजे मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित होगा।
शिंदे की तबियत खराब, लेकिन महायुति में सब ठीक: भाजपा नेता
भाजपा नेता और पिछली सरकार में मंत्री रहे गिरीश महाजन ने एकनाथ शिंदे से ठाणे में मुलाकात की। उन्होंने कहा,
“शिंदे को गले में संक्रमण और बुखार है। लेकिन उनका दिल बहुत बड़ा है। वे छोटी-छोटी बातों से नाराज होने वाले व्यक्ति नहीं हैं। महायुति में सब ठीक है, और अब सभी मिलकर काम करेंगे। हमारा लक्ष्य अगले पांच साल तक मजबूत सरकार चलाना है।”
शिंदे का दावा: “जनता चाहती है कि मैं ही मुख्यमंत्री बनूं”
एकनाथ शिंदे ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा,
“मैं आम जनता के लिए काम करता हूं। लोग मुझे ‘जनता का मुख्यमंत्री’ मानते हैं। इसी वजह से जनता चाहती है कि मैं ही मुख्यमंत्री बनूं।”
मुख्य बातें संक्षेप में:
- भाजपा विधायक दल की बैठक 4 दिसंबर को सुबह 10 बजे।
- निर्मला सीतारमण और विजय रूपाणी होंगे पर्यवेक्षक।
- शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में।
- शिंदे ने जनता के समर्थन का दावा किया।
- महायुति में सब कुछ ठीक, पांच साल सरकार चलाने पर फोकस।
बाबा बागेश्वर को हत्या की धमकी, सिख कट्टरपंथी परवाना का बयान- “तेरी उल्टी गिनती शुरू”
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री को जान से मारने की धमकी मिली है। यह धमकी पंजाब के सिख कट्टरपंथी बरजिंदर परवाना ने दी है। परवाना ने कहा,
“धीरेंद्र शास्त्री की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। उन्हें मार डालेंगे।”
विवाद का कारण
यह विवाद धीरेंद्र शास्त्री के 18 मार्च को दिए गए बयान के बाद शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने कहा था कि हरिहर मंदिर में जल्द पूजा शुरू होनी चाहिए।
परवाना ने इसे अमृतसर के हरमंदिर साहिब (गोल्डन टेंपल) से जोड़कर देखा। हालांकि, कई लोगों का कहना है कि धीरेंद्र शास्त्री का बयान गोल्डन टेंपल से नहीं, बल्कि कल्की धाम संभल से संबंधित था।
परवाना की गिरफ्तारी की मांग
एंटी टेरेरिस्ट फ्रंट इंडिया और विश्व हिंदू तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने बरजिंदर परवाना की गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने पुलिस से 48 घंटे के भीतर कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
मुख्य बिंदु:
- बाबा बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री को हत्या की धमकी।
- सिख कट्टरपंथी बरजिंदर परवाना ने दिया भड़काऊ बयान।
- विवाद हरिहर मंदिर और हरमंदिर साहिब के बयान को लेकर।
- एंटी टेरेरिस्ट फ्रंट इंडिया ने परवाना की गिरफ्तारी की मांग की।
यूपी के किसानों का दिल्ली में प्रदर्शन, अफसरों से बैठक के बाद हुआ समझौता
उत्तर प्रदेश के किसान अपनी मांगों को लेकर फिर से सड़कों पर उतर आए। किसानों ने संसद का घेराव करने के लिए दिल्ली की ओर रुख किया, लेकिन पुलिस ने चिल्ला बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर उन्हें रोकने की कोशिश की। किसानों ने बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की, जिसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गए।
बैठक और समझौता
इस प्रदर्शन के बाद किसान नेताओं की ग्रेटर नोएडा, नोएडा, और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। बातचीत के दौरान किसानों ने फिलहाल एक हफ्ते तक दिल्ली कूच न करने का फैसला किया।
किसानों की प्रमुख मांगें
- जमीन अधिग्रहण के बदले 10% प्लॉट: किसानों को उनकी जमीन के बदले 10% विकसित प्लॉट दिए जाएं।
- 64.7% मुआवजा दर: किसानों को 64.7% की दर से उचित मुआवजा दिया जाए।
- नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा: बाजार दर का चार गुना मुआवजा सुनिश्चित किया जाए।
- रोजगार और पुनर्वास: भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास की सुविधाएं दी जाएं।
मुख्य बातें:
- किसानों ने दिल्ली की तरफ मार्च किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
- अधिकारियों से बातचीत के बाद किसानों ने प्रदर्शन को एक हफ्ते के लिए टाल दिया।
- किसान अपनी जमीन, मुआवजा, और पुनर्वास से जुड़ी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं।
INDIA ब्लॉक की बैठक में TMC अनुपस्थित, कांग्रेस पर लगाया अडाणी मुद्दे पर अटकने का आरोप
संसद के शीतकालीन सत्र के पांचवें दिन भी कार्यवाही बाधित रही। इस दौरान INDIA ब्लॉक के नेताओं ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की। हालांकि, इस बैठक में TMC (तृणमूल कांग्रेस) के सांसद शामिल नहीं हुए।
TMC की नाराजगी
TMC के सूत्रों के अनुसार, पार्टी बेरोजगारी, मणिपुर, और महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा करना चाहती है। उनका कहना है कि कांग्रेस इन अहम विषयों को नजरअंदाज कर केवल अडाणी मुद्दे पर जोर दे रही है, जिससे वे सहमत नहीं हैं।
सदन को सुचारू रूप से चलाने पर बनी सहमति
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने पक्ष और विपक्ष के फ्लोर लीडर्स के साथ बैठक की। इस बैठक में सहमति बनी कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों की कार्यवाही सुचारू रूप से चलेगी। विपक्ष ने अपनी कुछ मांगें रखीं, जिन्हें स्वीकार कर लिया गया है।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का बयान
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरें रिजिजू ने कहा:
“सदन का न चलना और जनता के पैसों का नुकसान होना ठीक नहीं है। सभी ने इसे स्वीकार किया है।”
मुख्य बिंदु:
- TMC ने INDIA ब्लॉक की बैठक में हिस्सा नहीं लिया।
- TMC का आरोप: कांग्रेस केवल अडाणी मुद्दे पर फोकस कर रही है।
- पक्ष-विपक्ष की बैठक में सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने पर सहमति बनी।
- रिजिजू ने सदन की बाधाओं को जनता के हित में गलत बताया।
अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को दी टॉयलेट साफ करने की सजा, राम रहीम के प्रति नरम रुख समेत 4 आरोप
श्री अकाल तख्त साहिब ने शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को सजा सुनाई है। उन्हें अमृतसर के स्वर्ण मंदिर (गोल्डन टेंपल) में 2 दिन तक बाथरूम और जूठे बर्तन साफ करने की सेवा करनी होगी। यह सजा 2015 के बेअदबी मामले और डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के प्रति नरम रुख अपनाने के कारण दी गई है। सुखबीर बादल ने इन आरोपों को स्वीकार किया है।
सुखबीर बादल पर आरोप
- 2015 की बेअदबी घटना में जिम्मेदारी से बचने का प्रयास।
- डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को माफी देने के लिए नरम रुख।
- 2007-2017 के बीच गलत राजनीतिक फैसले।
- सिख समुदाय की भावनाओं के प्रति उदासीनता।
प्रकाश सिंह बादल से ‘फख्र-ए-कौम’ सम्मान छीना
इसी मामले में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से ‘फख्र-ए-कौम’ (गौरव-ए-समाज) का सम्मान वापस ले लिया गया है। यह सम्मान उन्हें 2011 में सिख समुदाय के लिए किए गए कार्यों के लिए दिया गया था।
मुख्य बिंदु:
- सुखबीर सिंह बादल को गोल्डन टेंपल में सेवा की सजा।
- 2015 की बेअदबी और डेरा प्रमुख राम रहीम को लेकर नरम रुख के आरोप।
- प्रकाश सिंह बादल से 2011 में दिया गया सम्मान वापस लिया गया।
- सिख समुदाय के लिए अकाल तख्त का सख्त रुख।
सेक्स वर्कर्स को अधिकार देने वाला पहला देश बना बेल्जियम
बेल्जियम दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने सेक्स वर्कर्स को समान अधिकार देने का कानून बनाया है। 1 दिसंबर से लागू इस कानून के तहत सेक्स वर्कर्स को मैटर्निटी लीव, पेंशन, हेल्थ इंश्योरेंस, और सिक लीव जैसी सुविधाएं दी गई हैं।
नए कानून के प्रमुख प्रावधान
- सेक्स से इनकार का अधिकार: सेक्स वर्कर्स को अपनी मर्जी के खिलाफ काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
- सिक लीव और छुट्टियों का अधिकार: सेक्स वर्कर्स छुट्टी लेने पर नौकरी से नहीं निकाले जा सकते।
- हेल्थ और पेंशन सुरक्षा: स्वास्थ्य बीमा और पेंशन जैसी सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा।
पृष्ठभूमि
- 2022 में बदलाव: बेल्जियम ने 2022 में सेक्स वर्क को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था।
- इसके बाद, सेक्स वर्कर्स के लिए सुरक्षा और रोजगार अधिकारों की मांग बढ़ी, जो अब कानून का रूप ले चुकी है।
अन्य देशों के लिए उदाहरण
यह कानून न केवल सेक्स वर्क को एक पेशे के रूप में सम्मान देने का प्रयास है, बल्कि सेक्स वर्कर्स की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने का भी कदम है। यह नीति अन्य देशों के लिए एक उदाहरण हो सकती है।
मुख्य बिंदु:
- बेल्जियम ने सेक्स वर्कर्स को समान अधिकार देने का कानून बनाया।
- छुट्टियां, हेल्थ इंश्योरेंस, और पेंशन जैसी सुविधाएं शामिल।
- 2022 में सेक्स वर्क को अपराधमुक्त किया गया था।
- यह कदम सेक्स वर्कर्स के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा प्रयास है।
दिल्ली प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख: GRAP-IV पाबंदियां जारी रहेंगी
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि GRAP-IV के तहत लागू पाबंदियां अभी हटाई नहीं जाएंगी। कोर्ट ने कहा कि जब तक अगले तीन दिनों में AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) स्तर में सुधार नहीं होता, पाबंदियों में कोई ढील नहीं दी जाएगी।
क्या हैं GRAP-IV की पाबंदियां?
GRAP-IV (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) का यह चरण सबसे सख्त है, जिसमें कंस्ट्रक्शन गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध, औद्योगिक गतिविधियों पर रोक, और वाहनों के आवागमन को नियंत्रित किया जाता है। यह 18 नवंबर से लागू है।
मजदूरों के मुआवजे पर कोर्ट का सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश की सरकारों से यह जानकारी मांगी है:
- GRAP-IV के दौरान कितने मजदूरों को मुआवजा दिया गया?
- इसका प्रमाण मुख्य सचिवों से पेश करने को कहा गया है।
कोर्ट ने पहले राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि कंस्ट्रक्शन पर रोक के कारण आर्थिक समस्या झेल रहे मजदूरों को मुआवजा दिया जाए।
अगली सुनवाई
इस मामले की अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी। तब तक GRAP-IV की पाबंदियां जारी रहेंगी।
मुख्य बिंदु:
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण में सुधार के बाद ही पाबंदियों में ढील मिलेगी।
- GRAP-IV के तहत कंस्ट्रक्शन कार्य पर रोक के कारण मजदूरों को मुआवजे का सवाल उठाया।
- चार राज्यों से मुआवजे का सबूत मांगा गया।
- अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी।