नमस्कार,
कल की बड़ी खबर महाराष्ट्र की रही, कार्यवाहक CM एकनाथ शिंदे ने 6 दिन में दूसरी बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी। एक खबर RSS चीफ मोहन भागवत के उस बयान की रही, जिसमें उन्होंने 2 की बजाय 3 बच्चे पैदा करने की बात कही है।
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महायुति में कोई मतभेद नहीं, लेकिन मंत्रालयों के बंटवारे पर शिंदे ने चुप्पी साधी
महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सातारा में अपने बयान में कहा कि महायुति में कोई मतभेद नहीं है और मुख्यमंत्री पद पर फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ही लेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि वह व्यस्त चुनावी कार्यक्रम के बाद कुछ समय आराम करने आए हैं। शिंदे ने यह भी साफ किया कि 2 दिसंबर को महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री तय हो जाएगा।
हालांकि, जब शिंदे से मंत्रालयों के बंटवारे के बारे में तीन बार सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
गृह मंत्रालय पर असमंजस
शिंदे सरकार में डिप्टी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास गृह मंत्रालय था, लेकिन वह इसे छोड़ना नहीं चाहते। वहीं, शिंदे गुट का यह कहना है कि अगर उन्हें डिप्टी CM पद मिल रहा है, तो गृह मंत्रालय भी उनके पास होना चाहिए। इस मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में भी कोई समाधान नहीं निकल सका।
मंत्रालयों के बंटवारे पर चर्चा
सूत्रों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (BJP) गृह, राजस्व, उच्च शिक्षा, कानून, ऊर्जा और ग्रामीण विकास मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है। वहीं, शिवसेना को हेल्थ, शहरी विकास, सार्वजनिक कार्य और उद्योग मंत्रालय दिए जाने की पेशकश की गई है। एनसीपी के अजित गुट को वित्त, योजना, सहयोग और कृषि मंत्रालय सौंपने का प्रस्ताव है।
इस बीच, मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर बातचीत जारी है, और अगले कुछ दिनों में इस पर कोई ठोस निर्णय लिया जा सकता है।
जय शाह ICC के सबसे युवा चेयरमैन बने, महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने का दिया वादा
36 वर्षीय जय शाह, इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के सबसे युवा चेयरमैन बन गए हैं। उन्होंने न्यूजीलैंड के ग्रेग बार्कले की जगह ली है। जय शाह ICC के 16वें चेयरमैन हैं और इस पद पर काबिज होने वाले पांचवे भारतीय हैं।
जय शाह ने इस अवसर पर कहा, “मैं क्रिकेट को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए निरंतर काम करूंगा। महिला क्रिकेट को और तेजी से बढ़ावा देना हमारी प्रमुख प्राथमिकता होगी।”
निर्विरोध चुने गए जय शाह
ICC चेयरमैन के पद के लिए 30 नवंबर को ग्रेग बार्कले का कार्यकाल समाप्त हुआ। 20 अगस्त को यह घोषणा की गई थी कि बार्कले तीसरे कार्यकाल के लिए आवेदन नहीं करेंगे। इसके बाद नए चेयरमैन के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू की गई, जिसमें केवल जय शाह का नाम सामने आया। किसी अन्य व्यक्ति ने नामांकन नहीं भरा, जिससे वे निर्विरोध रूप से ICC के चेयरमैन चुने गए।
केजरीवाल का ऐलान: दिल्ली चुनाव में गठबंधन नहीं करेंगे, शाह को ठहराया जिम्मेदार
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट रूप से कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले अपने दम पर लड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन नहीं किया जाएगा।
केजरीवाल ने दिल्ली में अपनी सुरक्षा से जुड़ी एक घटना का जिक्र करते हुए गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “उम्मीद थी कि जब मैं मुद्दे उठाऊंगा, तो अमित शाह जी इस पर कार्रवाई करेंगे। लेकिन इसके बजाय, कल मुझ पर हमला करवाया गया।” इस बयान से केजरीवाल ने यह इशारा किया कि वह अपनी सुरक्षा को लेकर सरकार से संतुष्ट नहीं हैं।
हरियाणा चुनाव में भी नहीं हुआ था गठबंधन
केजरीवाल ने यह भी याद दिलाया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन नहीं हो सका था। AAP ने राज्य की 90 में से 89 सीटों पर चुनाव लड़ा था, हालांकि पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली। वहीं, कांग्रेस ने 37 सीटें जीतकर विपक्षी दल के रूप में मजबूत स्थिति बनाई, जबकि BJP ने 48 सीटें जीतकर सरकार बनाई।
संभल हिंसा पर SP का बयान: न्यायिक आयोग को बताया पथराव का सीन
उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग की टीम जामा मस्जिद पहुंची। इस दौरान, संभल के SP कृष्ण विश्नोई ने आयोग को हिंसा की घटनाओं का विवरण दिया। उन्होंने बताया, “एक बाइक खड़ी थी, और भीड़ सामने से पथराव कर रही थी। हम लोग समझाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन तब तक भीड़ ने बाइक में आग लगा दी।”
आयोग की टीम ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में जाकर दुकानदारों से भी बातचीत की, ताकि हिंसा के कारणों और घटनाओं का सही आकलन किया जा सके।
सपा विधायक का बयान: मुस्लिम समुदाय के शहीद होने का जिक्र
संभल के सपा विधायक इकबाल महमूद ने इस हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मस्जिदों के नाम पर शहीद होने के लिए पूरी मुस्लिम कौम हमेशा तैयार रहती है। जो कुछ भी हुआ, वह ठीक नहीं था। जिसने भी यह किया, वह गलत था।” उन्होंने यह भी बताया कि वे उन परिवारों से मिले हैं जिन्होंने इस हिंसा में अपनी जान गंवाई।
EVM हैक करने का दावा करने वाले सैयद शुजा पर FIR, चुनाव आयोग ने बताया झूठा
चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) हैक करने का दावा करने वाले सैयद शुजा के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है। 14 नवंबर को सैयद शुजा का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उसने कहा था, “मैं महाराष्ट्र चुनाव में EVM हैक कर सकता हूं। अगर मुझे ₹53 करोड़ दो, तो मैं 63 सीटों की EVM हैक कर दूंगा।”
चुनाव आयोग ने दावे को झूठा बताया
महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने शुजा के दावे को पूरी तरह से निराधार, झूठा और अप्रमाणित बताया। चुनाव आयोग ने इस मामले की गंभीरता से जांच की और इसे सिरे से नकारा।
यह पहली बार नहीं है जब सैयद शुजा ने ऐसा दावा किया था। 2019 में भी उसने इसी तरह का दावा किया था, जिसके बाद चुनाव आयोग ने दिल्ली में उसके खिलाफ FIR दर्ज करवाई थी।
ट्रंप की BRICS देशों को धमकी: डॉलर के अलावा अन्य करेंसी में व्यापार किया तो 100% टैरिफ लगाएंगे
नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने BRICS देशों को एक कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि BRICS देश व्यापार के लिए अमेरिकी डॉलर के अलावा कोई नई करेंसी इस्तेमाल करने का विचार करते हैं, तो उन्हें अमेरिकी निर्यात पर 100% टैरिफ देना होगा। ट्रम्प का यह बयान उन देशों के लिए सीधी धमकी है जो डॉलर के बाहर किसी अन्य मुद्रा में व्यापार करने की योजना बना सकते हैं।
क्या BRICS अपनी करेंसी बनाने की योजना पर विचार कर रहा है?
BRICS देशों में भारत, रूस और चीन समेत उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं वाले 9 देश शामिल हैं। हाल ही में, अक्टूबर में रूस के कजान में BRICS देशों की समिट आयोजित की गई थी, जहां सदस्य देशों के बीच एक नई साझा करेंसी बनाने पर चर्चा हुई थी, लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पाई।
डॉलर के माध्यम से अमेरिका की आर्थिक ताकत
अमेरिका ने 1973 में 22 देशों के 518 बैंकों के साथ SWIFT नेटवर्क की शुरुआत की थी, और अब इस नेटवर्क में 200 से ज्यादा देशों के 11,000 बैंक शामिल हैं। ये सभी बैंक अपनी विदेशी मुद्रा भंडार को अमेरिकी बैंकों में रखते हैं। इस सिस्टम के चलते, अन्य देशों के पास अतिरिक्त पैसा अमेरिकी बॉन्ड में निवेश होता है, जिससे ब्याज मिलता रहता है। कुल मिलाकर, दुनियाभर के देशों द्वारा अमेरिकी बॉन्ड में निवेश की गई राशि करीब 7.8 ट्रिलियन डॉलर है, जो भारत की कुल अर्थव्यवस्था से भी दोगुना है।