नमस्कार,
कल की बड़ी खबर भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर पेट्रोलिंग को लेकर बनी सहमति की रही, अब 4 साल बाद दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट सकेंगी। एक गोल्ड प्राइस की रही, 10 ग्राम सोने की कीमत पहली बार 78 हजार रुपए के पार पहुंची है।
आज के प्रमुख इवेंट्स:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी BRICS समिट के लिए रूस पहुंचेंगे:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के कजान शहर में होने वाली BRICS समिट में हिस्सा लेंगे। यह समिट दो दिन तक चलेगा और इसमें सदस्य देशों के बीच विभिन्न आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा होगी। - मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई:
सुप्रीम कोर्ट में आज मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई होगी। इस मामले पर देशभर में चर्चा और बहस हो रही है, और कोर्ट के फैसले का व्यापक असर हो सकता है। - दिल्ली में एयर पॉल्यूशन के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई:
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। राजधानी में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए कोर्ट ने सख्त कदम उठाने के संकेत दिए हैं।
अब कल की बड़ी खबरें…
भारत-चीन के बीच LAC पर पेट्रोलिंग के लिए नई व्यवस्था, लद्दाख में पीछे हट सकेंगी सेनाएं
भारत और चीन ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पेट्रोलिंग की नई व्यवस्था पर सहमति बनाई है। इस समझौते के तहत दोनों देश अपने सैनिकों को LAC से पीछे हटा सकते हैं, जिससे गलवान जैसी टकराव की घटनाओं को टाला जा सकेगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि इस नई व्यवस्था से मई 2020 से पहले की स्थिति को बहाल किया जाएगा।
समझौते के मुख्य बिंदु:
- यह समझौता मुख्य रूप से देपसांग और डेमचोक इलाकों में पेट्रोलिंग से संबंधित है।
- यह समझौता सिर्फ पेट्रोलिंग के लिए है, सीमा विवाद सुलझाने के लिए नहीं। सीमा विवाद को हल करने के लिए अब तक 21 दौर की कोर कमांडर स्तर की बातचीत हो चुकी है।
- मई 2020 के बाद से लद्दाख के LAC क्षेत्र में तैनात करीब 50 से 60 हजार सैनिकों को अब पीछे हटाने का रास्ता साफ हुआ है।
गलवान झड़प का संदर्भ: 15 जून 2020 को गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। इस झड़प से पहले चीन ने लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों को एक्सरसाइज के बहाने जमा किया था, जिसके बाद कई जगहों पर घुसपैठ की घटनाएं सामने आईं। इसके जवाब में भारत ने भी अपनी सेना की भारी संख्या तैनात कर दी थी।
समझौते का संभावित असर: यह नई व्यवस्था दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली की दिशा में एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है। हालांकि, यह समझौता केवल पेट्रोलिंग के लिए है, सीमा विवाद के समाधान के लिए नहीं।
खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने एअर इंडिया फ्लाइट्स में बम धमाके की धमकी दी, 1 से 19 नवंबर तक यात्रा न करने की अपील
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू, जो अमेरिका में रह रहा है, ने एअर इंडिया की फ्लाइट्स में बम ब्लास्ट की धमकी दी है। पन्नू, जो सिख फॉर जस्टिस (SFJ) संगठन का मुखिया है, ने एक वीडियो संदेश में 1984 के सिख विरोधी दंगों का बदला लेने की बात कही। उसने कहा, “नवंबर 1984 में हुए सिख दंगों की 40वीं बरसी है। इस दौरान लोग 1 से 19 नवंबर तक एअर इंडिया की फ्लाइट्स का बहिष्कार करें, क्योंकि इन फ्लाइट्स में बम हो सकता है।”
पिछले साल भी दी थी धमकी: पिछले साल, 4 नवंबर 2023 को भी पन्नू ने एक वीडियो जारी कर एअर इंडिया की फ्लाइट्स में बम ब्लास्ट की धमकी दी थी। इसके बाद, 19 नवंबर को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बंद करने की धमकी दी थी। उस दिन अहमदाबाद में क्रिकेट वर्ल्ड कप का फाइनल भी था।
सुरक्षा एजेंसियां सतर्क: पन्नू की धमकी के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ा दी है और संबंधित अधिकारियों को सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। एअर इंडिया और संबंधित हवाई अड्डों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है ताकि किसी भी संभावित खतरे से निपटा जा सके।
सोना ₹78,241 के ऑल टाइम हाई पर, चांदी ₹97,254 प्रति किलो तक पहुंची
सोने और चांदी की कीमतों में जोरदार उछाल देखा गया है। 10 ग्राम सोने की कीमत 804 रुपए बढ़कर ₹78,241 हो गई है, जो अब तक का सर्वाधिक स्तर है। वहीं, चांदी 4,971 रुपए बढ़कर ₹97,254 प्रति किलोग्राम हो गई है। इस साल सोने की कीमतों में अब तक ₹14,889 की वृद्धि हो चुकी है।
चांदी का भी नया रिकॉर्ड: चांदी ने पहले 29 मई को ₹94,280 प्रति किलो का ऑल टाइम हाई बनाया था, जिसे अब पीछे छोड़ दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि साल के अंत तक सोना ₹79,000 प्रति 10 ग्राम और चांदी ₹1 लाख प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है।
निवेशकों के लिए क्या है इसका मतलब: सोने और चांदी की बढ़ती कीमतों के चलते निवेशकों का रुझान कीमती धातुओं की ओर बढ़ा है। ऐसे समय में निवेश करने वाले लंबी अवधि में अच्छे रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं।
सपा सांसद रामगोपाल यादव ने CJI पर की आपत्तिजनक टिप्पणी, बाद में बयान से पलटे
समाजवादी पार्टी के महासचिव और सांसद रामगोपाल यादव ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, “अब भी मंदिर और बाबरी मस्जिद दिख रहा है। अरे छोड़ो यार, वो जो —- हैं, वो इस तरह की बातें करते रहते हैं, हम उनका नोटिस क्यों लें।” हालांकि, बाद में रामगोपाल ने अपने बयान से पलटते हुए कहा कि उन्होंने CJI को लेकर ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।
CJI का बयान:
दरअसल, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने रविवार को पुणे में अपने पैतृक गांव के लोगों को संबोधित करते हुए राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा, “हम अयोध्या विवाद के समाधान तक नहीं पहुंच पा रहे थे। मैं ईश्वर के सामने बैठा और कहा कि आपको समाधान निकालना होगा। अगर आपकी आस्था है, तो ईश्वर हमेशा रास्ता निकालते हैं।”
राजनीतिक विवाद:
रामगोपाल यादव की टिप्पणी के बाद सियासी हलकों में हलचल मच गई। हालांकि, उनके बयान से पलटने के बाद भी मामला चर्चा में बना हुआ है।
फ्लाइट्स में बम धमकी पर सख्त कार्रवाई, दोषियों को नो-फ्लाई लिस्ट में डालेगी सरकार
सिविल एविएशन मंत्री राममोहन नायडू ने घोषणा की है कि फ्लाइट्स में बम की धमकियों से निपटने के लिए सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे। धमकी देने वालों को “नो-फ्लाई लिस्ट” में डाला जाएगा, जिससे वे हवाई यात्रा नहीं कर पाएंगे। साथ ही, एविएशन सिक्योरिटी नियमों और सिविल एविएशन एक्ट, 1982 में भी संशोधन किया जाएगा।
धमकियों से भारी आर्थिक नुकसान: पिछले हफ्ते लगभग 100 फ्लाइट्स में बम होने की धमकियां मिली हैं, जिससे एयरलाइंस को करीब ₹200 करोड़ का नुकसान हुआ है। इसके बाद सरकार ने सिविल एविएशन महानिदेशक (DGCA) विक्रम देव दत्त को पद से हटा दिया। धमकियों के कारण एयरलाइन कंपनियों को सुरक्षा इंतजामों में वृद्धि करनी पड़ी है, जिससे यात्रियों और उद्योग दोनों पर असर पड़ा है।
आने वाले सुधार: सरकार धमकी देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेगी और सुरक्षा नियमों को और कड़ा करने की दिशा में काम कर रही है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
सरकारी सहायता प्राप्त मदरसे बंद करने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, केंद्र और राज्यों को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों को बंद करने के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने 7 और 25 जून को सुझाव दिया था कि मदरसे राइट टू एजुकेशन (RTE) के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, इसलिए उन्हें बंद किया जाए। केंद्र सरकार ने इस सिफारिश का समर्थन किया था और राज्यों को इस पर कार्रवाई करने के लिए कहा था।
गैर-मुस्लिम स्टूडेंट्स का ट्रांसफर भी रोका: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा सरकार के उस आदेश पर भी रोक लगा दी, जिसमें मदरसों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को सरकारी स्कूलों में ट्रांसफर किया जाना था। यह रोक गैर-मान्यता प्राप्त और सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों में पढ़ने वाले गैर-मुस्लिम छात्रों के लिए है।
अगले कदम: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, NCPCR और सभी राज्यों को नोटिस जारी कर इस मुद्दे पर 4 हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है।
इजराइल ने हिजबुल्लाह के बैंकों पर की एयर स्ट्राइक, लड़ाकों को सैलरी देने वाली संस्थाएं निशाने पर
इजराइल ने लेबनान की राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह से जुड़े बैंकों की 15 इमारतों पर हवाई हमला किया। इन बैंकों में प्रमुख रूप से “अल-कर्द अल-हसन एसोसिएशन” शामिल है, जो हिजबुल्लाह के सदस्यों को बिना ब्याज वाले लोन उपलब्ध कराता है और यहीं से लड़ाकों को सैलरी दी जाती थी। सितंबर और अक्टूबर में इजराइली हमलों में 1,800 से ज्यादा लेबनानी नागरिकों की जान जा चुकी है।
हिजबुल्लाह के डिप्टी कमांडर का ईरान भागना: हिजबुल्लाह के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल नईम कासिम लेबनान से ईरान भाग गया है। 5 अक्टूबर को कासिम, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरघची के विमान से रवाना हुआ। ईरान को आशंका थी कि इजराइल, हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की तरह कासिम को भी मारने की कोशिश कर सकता है।
बढ़ती हिंसा और अस्थिरता: इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच चल रहे संघर्ष ने लेबनान को और अस्थिर कर दिया है, जिससे नागरिकों की मौत और आर्थिक तबाही की स्थिति गंभीर होती जा रही है। इजराइल की यह रणनीति हिजबुल्लाह की आर्थिक संरचना को कमजोर करने के उद्देश्य से है।