Saturday, November 23, 2024

Morning News Brief : PAK आर्मी ने कबूला- कारगिल युद्ध में शामिल थे; बजरंग बोले- हिम्मत है तो बृजभूषण हरियाणा आएं; सुनीता के बिना लौटा स्पेसक्राफ्ट

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नमस्कार,

कल की बड़ी खबर पाकिस्तानी आर्मी चीफ के बयान की रही, जिसमें उन्होंने स्वीकारा कि कारगिल जंग में पाकिस्तानी सैनिक शामिल थे। एक खबर कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह और पूर्व रेसलर बजरंग पूनिया के बीच हुई तकरार की रही।

Table of Contents

आज के प्रमुख इवेंट्स:

  • UAE के क्राउन प्रिंस का दिल्ली दौरा:
    आज UAE के क्राउन प्रिंस, शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, दिल्ली में होंगे। उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होगी। यह बैठक दोनों देशों के बीच रणनीतिक और आर्थिक सहयोग को और मजबूत करने के उद्देश्य से होगी।
  • राहुल गांधी का अमेरिकी दौरा:
    कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज से तीन दिन के अमेरिकी दौरे पर होंगे। वह वॉशिंगटन डीसी और डलास में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे और टेक्सास यूनिवर्सिटी में संबोधन भी देंगे। यह दौरा भारत-अमेरिका संबंधों और भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ उनके संवाद का हिस्सा है।
  • विदेश मंत्री एस. जयशंकर का विदेश दौरा:
    विदेश मंत्री एस. जयशंकर आज से 6 दिन के दौरे पर सऊदी अरब, जर्मनी और स्विट्जरलैंड जाएंगे। दौरे की शुरुआत रियाद में ‘इंडिया-गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल’ की मीटिंग से होगी। इस बैठक में भारत और खाड़ी देशों के बीच सहयोग पर चर्चा की जाएगी, जिसमें व्यापार, ऊर्जा और सुरक्षा प्रमुख मुद्दे होंगे।

अब कल की बड़ी खबरें…

पाकिस्तानी सेना ने पहली बार कबूला- कारगिल युद्ध में हमारे सैनिक मारे गए, आर्मी चीफ बोले- इस्लाम और देश के लिए हजारों ने दी कुर्बानी

रावलपिंडी में रक्षा और शहीद दिवस कार्यक्रम के दौरान बोलते पाकिस्तान के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) असीम मुनीर।

पाकिस्तानी सेना की ऐतिहासिक स्वीकारोक्ति

पाकिस्तान की सेना ने पहली बार आधिकारिक रूप से माना है कि 1999 के कारगिल युद्ध में उसके सैनिक शहीद हुए थे। रावलपिंडी में आयोजित रक्षा दिवस कार्यक्रम में पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने यह बात कही। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के लोग बहादुर हैं और आजादी की कीमत समझते हैं। 1948, 1965, 1971 और 1999 के कारगिल युद्ध में हमारे हजारों सैनिकों ने इस्लाम और देश के लिए जान दी है।”

पहली बार पद पर रहते हुए स्वीकारोक्ति

यह पहली बार है जब पाकिस्तानी सेना के किसी उच्चाधिकारी ने, पद पर रहते हुए, कारगिल युद्ध में अपने सैनिकों की शहादत को स्वीकार किया है। इससे पहले पाकिस्तान हमेशा यह कहता रहा है कि कारगिल की लड़ाई कश्मीरी मुजाहिदीन, यानी स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा लड़ी गई थी और इसमें पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं थी।

मुशर्रफ ने भी किया था स्वीकार

कारगिल युद्ध के समय पाकिस्तान के आर्मी चीफ परवेज मुशर्रफ थे। उन्होंने अपनी किताब ‘इन द लाइन ऑफ फायर’, जो 2006 में प्रकाशित हुई, उसमें भी इस बात को स्वीकार किया था कि कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना शामिल थी। मुशर्रफ ने अपनी सेना के नॉर्दर्न लाइट इन्फैंट्री के जवानों को युद्ध के लिए भेजा था। युद्ध के बाद पाकिस्तान ने अपनी सिंध रेजिमेंट की 27वीं बटालियन के कैप्टन करनाल शेर खान और नॉर्दर्न लाइट इन्फैंट्री के हवलदार लालक जान को देश के सर्वोच्च सैन्य सम्मान ‘निशान-ए-हैदर’ से सम्मानित किया था।

पाकिस्तान का बदला नजरिया

इस स्वीकारोक्ति से पहले, पाकिस्तान ने कारगिल युद्ध में अपनी सेना की भागीदारी से इंकार किया था और इसे कश्मीरी विद्रोहियों की कार्रवाई बताया था। लेकिन अब, पाकिस्तानी सेना के शीर्ष अधिकारी ने यह बात सार्वजनिक रूप से कबूल की है, जो पाकिस्तान के रुख में बदलाव का संकेत है।

 

 

 

 

बजरंग पूनिया की चुनौती: बृजभूषण हरियाणा आकर दिखाएं

हिम्मत है तो विनेश के खिलाफ प्रचार करने हरियाणा आएं', बजरंग पुनिया ने दी  बृजभूषण शरण सिंह को चुनौती

ऑल इंडिया किसान कांग्रेस के चेयरमैन और पहलवान बजरंग पूनिया ने BJP नेता बृजभूषण सिंह को खुली चुनौती देते हुए कहा, “अगर हिम्मत है तो बृजभूषण हरियाणा आकर चुनाव प्रचार करें। यहां की जनता तय करेगी कि उनका स्वागत किस तरह होगा।” बजरंग की यह प्रतिक्रिया बृजभूषण द्वारा हरियाणा में विनेश फोगाट के खिलाफ चुनाव प्रचार करने की घोषणा पर आई है। विनेश, जो जींद की जुलाना सीट से कांग्रेस की प्रत्याशी हैं, को लेकर बृजभूषण ने बयान दिया था।

बृजभूषण का जवाब: विनेश और बजरंग खलनायक
BJP नेता बृजभूषण सिंह ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को हरियाणा और खिलाड़ियों का “खलनायक” बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि ये दोनों कांग्रेस के हाथों की कठपुतली हैं और उन्होंने हमेशा से यही कहा था कि ये कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं। बृजभूषण ने BJP हाईकमान से हरियाणा में चुनाव प्रचार के लिए भेजे जाने की अपील की, ताकि वे विनेश फोगाट के खिलाफ प्रचार कर सकें।

संजय सिंह का बयान
कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने भी इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पूरा देश जानता है कि यह आंदोलन कांग्रेस के इशारे पर हुआ था। उनका दावा है कि इसकी योजना कांग्रेस कार्यालय में तैयार की गई थी।

राजनीतिक तनाव बढ़ा
यह बयानबाजी विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के कांग्रेस में शामिल होने के बाद शुरू हुई है, जिससे हरियाणा की राजनीति में तनाव और बढ़ गया है। अब देखना यह है कि आने वाले चुनावों में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।

 

 

सुनीता विलियम्स के बिना लौटा स्पेसक्राफ्ट: नासा ने खराबी के कारण खाली लौटाया

स्टारलाइनर शनिवार सुबह 9 बजकर 32 मिनट पर न्यू मैक्सिको के व्हॉइट सैंड स्पेस हॉर्बर (रेगिस्तान) में लैंड हुआ।

नासा का स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट, जिसमें भारतीय-अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विलमोर को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से वापस लाना था, तकनीकी खराबी के कारण खाली लौटा। 5 जून को सुनीता और बुच एक 8 दिन के मिशन पर ISS गए थे, लेकिन स्पेसक्राफ्ट में हीलियम गैस का रिसाव हो गया। इस कारण दोनों एस्ट्रोनॉट्स वापस नहीं लौट सके और अब उनकी वापसी फरवरी 2025 में स्पेस-एक्स के क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए होगी।

मिशन का उद्देश्य और स्टारलाइनर की टेस्टिंग
सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को ISS पर भेजने का मुख्य उद्देश्य प्राइवेट कंपनी बोइंग के ‘स्टारलाइनर’ स्पेसक्राफ्ट की टेस्टिंग करना था। उनके मिशन के दौरान, उन्हें 8 दिन तक रिसर्च और एक्सपेरिमेंट्स करने थे। इसके अलावा, इस मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा स्पेसक्राफ्ट को मैन्युअल रूप से उड़ाने की भी प्रक्रिया थी। यह पहली बार था जब किसी स्पेस मिशन में एस्ट्रोनॉट्स को एटलस-वी रॉकेट के जरिए भेजा गया।

फरवरी 2025 में वापसी की योजना
अब, सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की वापसी के लिए स्पेस-एक्स के क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट का उपयोग किया जाएगा, जिसकी योजना फरवरी 2025 में बनाई गई है।

 

 

 

पेरिस पैरालिंपिक: जैवलिन थ्रोअर नवदीप ने जीता गोल्ड, सिमरन ने विमेंस 200 मीटर रेस में ब्रॉन्ज

पेरिस पैरालिंपिक के 10वें दिन भारत ने एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। मेंस F41 कैटेगरी के जैवलिन थ्रो इवेंट में नवदीप ने पहले सिल्वर मेडल जीता था, लेकिन ईरान के एथलीट बेइत सयाह सादेघ के डिस्क्वालिफाई होने के बाद नवदीप के सिल्वर को गोल्ड में अपग्रेड कर दिया गया। यह भारत का मेंस जैवलिन F41 कैटेगरी में पहला गोल्ड मेडल है, जिसमें ऐसे एथलीट्स शामिल होते हैं जिनकी हाइट कम होती है।

सिमरन ने 200 मीटर रेस में जीता ब्रॉन्ज
महिलाओं की T-12 कैटेगरी की 200 मीटर रेस में भारत की सिमरन ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। इस प्रदर्शन के साथ पेरिस पैरालिंपिक में भारत का सफर समाप्त हो गया।

भारत की मेडल टैली और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
भारत ने कुल 29 मेडल जीते, जिनमें 7 गोल्ड, 9 सिल्वर, और 13 ब्रॉन्ज शामिल हैं। यह किसी भी पैरालिंपिक में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले, टोक्यो पैरालिंपिक में भारत ने 5 गोल्ड समेत 19 मेडल जीते थे। मेडल टैली में भारत 15वें स्थान पर रहा, जबकि टॉप-3 में चीन (208 मेडल), ब्रिटेन (115), और अमेरिका (98) रहे।

पेरिस पैरालिंपिक की समापन समारोह आज रात 11:30 बजे आयोजित की जाएगी।

 

 

 

असम में आधार के लिए अब NRC रसीद जरूरी: घुसपैठ रोकने के प्रयास

हिमंत बिस्वा सरमा ने असम में आधार कार्ड बनवाने के लिए 'NRC आवेदन' को किया  अनिवार्य

असम में अब नए आधार कार्ड के लिए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) आवेदन की रसीद नंबर अनिवार्य होगी। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने इस कदम की घोषणा करते हुए कहा कि यह नियम 1 अक्टूबर से लागू होगा और इसका उद्देश्य अवैध घुसपैठियों को रोकना है। जिन 9.55 लाख लोगों की बायोमेट्रिक जानकारी NRC प्रक्रिया के दौरान लॉक कर दी गई थी, उन पर यह नया नियम लागू होगा।

नए नियम की आवश्यकता क्यों?
CM सरमा ने बताया कि धुबरी जिले में आबादी से ज्यादा आधार कार्ड जारी किए गए थे, जिससे यह संदेह पैदा हुआ कि कुछ अवैध घुसपैठियों को भी आधार कार्ड मिल सकता है। इसके चलते सरकार ने NRC रसीद की मांग करने का फैसला किया। जनवरी 2024 से अब तक 54 अवैध प्रवासियों की पहचान हुई है, जिनमें से 45 को उनके देश वापस भेजा जा चुका है।

घुसपैठियों की संख्या और सरकारी आंकड़े
असम में पिछले 43 वर्षों में 47,900 से अधिक विदेशी घुसपैठियों को पकड़ा गया है। राज्य सरकार के मुताबिक, 1971 से 2014 तक पकड़े गए घुसपैठियों में 27,309 मुस्लिम, 20,613 हिंदू और 6 अन्य धर्मों के लोग थे। राज्य में सीमा पार से होने वाली घुसपैठ एक प्रमुख समस्या बनी हुई है, जिसे रोकने के लिए यह नया कदम उठाया गया है।

 

 

 

 

केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर की IAS सेवा समाप्त की: UPSC नियमों के उल्लंघन का मामला

पूजा खेडकर के खिलाफ UPSC ने पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम देने के मामले में FIR दर्ज कराई थी।

केंद्र सरकार ने पूर्व ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर को भारतीय प्रशासनिक सेवा से हटा दिया है। पूजा पर आरोप है कि उन्होंने अपनी उम्र, माता-पिता की पहचान और अन्य जानकारियों में गलत जानकारी देकर सिविल सर्विसेस एग्जाम के लिए तय सीमा से अधिक बार परीक्षा दी। UPSC ने जांच के बाद पूजा को दोषी पाया और 31 जुलाई को उनका सिलेक्शन रद्द कर दिया। इसके साथ ही, पूजा को भविष्य में किसी भी UPSC एग्जाम में बैठने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

पूजा का बयान: UPSC के अधिकार पर सवाल
28 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट में पूजा खेडकर ने कहा कि UPSC के पास उन्हें हटाने का कोई अधिकार नहीं है। पूजा का दावा था कि उनके खिलाफ की गई कार्रवाई अनुचित है, लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें सेवामुक्त कर दिया है।

UPSC की जांच: अटेम्प्ट्स और गलत जानकारी का मामला
पूजा खेडकर के केस के बाद UPSC ने 2009 से 2023 तक 15,000 से अधिक उम्मीदवारों के डेटा की जांच की। इस जांच में पाया गया कि खेडकर ने कई बार अपने और अपने माता-पिता के नाम बदलकर परीक्षा दी थी, जिससे उनके प्रयासों की सही संख्या का पता लगाना मुश्किल हो गया। UPSC की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) में सुधार की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ताकि भविष्य में इस तरह के मामलों को रोका जा सके।

 

 

 

 

मणिपुर में एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात: जिरीबाम हिंसा में 5 की मौत

तस्वीर मणिपुर राइफल्स हेडक्वार्टर की है, जहां गुस्साई भीड़ ने शुक्रवार रात हमला कर दिया।

मणिपुर में जारी हिंसा के बीच, राज्य की सुरक्षा बढ़ाने के लिए इंफाल में एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात किया गया है। इंटेलिजेंस के आईजी के. कबीब ने बताया कि पुलिसकर्मियों के लिए नए हथियार खरीदे जा रहे हैं और आर्मी के हेलिकॉप्टर द्वारा लगातार हवाई पेट्रोलिंग की जा रही है। इस दौरान, जिरीबाम जिले में हुई ताजा हिंसा में 5 लोगों की मौत की खबर है।

एंटी ड्रोन सिस्टम की तैनाती की जरूरत क्यों पड़ी?
मणिपुर में 3 मई 2023 से हिंसा जारी है, जिसमें अब तक 226 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि, सितंबर 2023 में पहली बार राज्य में ड्रोन हमलों की घटनाएं देखने को मिलीं। 1 सितंबर को इंफाल वेस्ट जिले के कोत्रुक गांव में ड्रोन हमला हुआ था, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई और 9 लोग घायल हो गए थे। इसके बाद 3 सितंबर को इंफाल जिले के सेजम चिरांग गांव में भी ड्रोन अटैक हुआ, जिसमें एक महिला समेत 3 लोग घायल हुए। इन घटनाओं के बाद, राज्य में ड्रोन हमलों को रोकने के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात करना आवश्यक हो गया।

सुरक्षा बढ़ाने के उपाय
सुरक्षा एजेंसियां लगातार राज्य में शांति बहाल करने के प्रयास कर रही हैं। पुलिसकर्मियों को अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया जा रहा है, और हवाई निगरानी के लिए आर्मी की हेलिकॉप्टर पेट्रोलिंग जारी है। इसके बावजूद, जिरीबाम जैसी हिंसक घटनाएं स्थिति की गंभीरता को दर्शाती हैं।

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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