नमस्कार,
कल की बड़ी खबर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान से जुड़ी रही। उन्होंने कहा कि वोटर वेरिफिकेशन मामले में पिक्चर अभी बाकी है। दूसरी बड़ी खबर गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग को लेकर रही।
आज के प्रमुख इवेंट्स:
1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देशभर में हर घर तिरंगा अभियान शुरू होगा।
2. मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ रांची की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई होगी।
3. नई दिल्ली में भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज (ISMR) की तीसरी बैठक में दोनों देशों के मंत्री अहम चर्चा करेंगे।
कल की बड़ी खबरें:
राहुल गांधी का आरोप: कई सीटों पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी, मिंता देवी मामला सिर्फ शुरुआत
राहुल गांधी ने कहा कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी सिर्फ एक सीट तक सीमित नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है।
संसद में विपक्ष का हंगामा, कागज फाड़कर स्पीकर की ओर फेंके गए।
मिंता देवी के मामले में उम्र 124 साल दर्ज, असल उम्र 35 साल बताई गई।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण (Voter List Revision) को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। लोकसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी केवल एक सीट पर नहीं, बल्कि कई सीटों पर हो रही है और यह काम राष्ट्रीय स्तर पर सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है।
राहुल गांधी ने सिवान (बिहार) के अरजनीपुर गांव की मिंता देवी के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक उदाहरण है। दरअसल, मतदाता सूची में मिंता देवी की उम्र 124 साल दर्ज की गई, जबकि उनकी असली उम्र 35 साल है। राहुल ने कहा कि ऐसे अनगिनत मामले मौजूद हैं और “पिक्चर अभी बाकी है।”
इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में भी विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। बिहार SIR पर चर्चा की मांग करते हुए विपक्षी सांसदों ने लोकसभा में कागज फाड़कर स्पीकर की कुर्सी की ओर फेंके। कार्यवाही की अध्यक्षता कर रहे भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि विपक्ष के इशारे पर यह कार्रवाई की गई।
वोट चोरी के मुद्दे पर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अन्य विपक्षी सांसदों ने मिंता देवी की तस्वीर वाली टी-शर्ट पहनकर विरोध प्रदर्शन किया। यह घटना बिहार में मतदाता सूची की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट की फटकार: OBC के 13% होल्ड पदों पर 6 साल से कार्रवाई क्यों नहीं?
सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार से पूछा—OBC के 13% होल्ड पदों पर छह साल में क्या किया?
मामला MPPSC चयनित अभ्यर्थियों की याचिका से जुड़ा है, अंतिम सुनवाई 23 सितंबर को होगी।
हाईकोर्ट ने 2022 में 27% OBC आरक्षण पर रोक लगाई थी, मामला अब सुप्रीम कोर्ट में लंबित।
सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार को ओबीसी (OBC) के 13% होल्ड पदों के मुद्दे पर कड़ी फटकार लगाई है। MPPSC चयनित अभ्यर्थियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पूछा—”क्या एमपी सरकार सो रही है? इन पदों पर छह साल में क्या कदम उठाए गए?” अदालत ने इस मामले की अंतिम सुनवाई 23 सितंबर को तय की है।
यह विवाद 2019 से जुड़ा है, जब मध्यप्रदेश विधानसभा ने ओबीसी को 27% आरक्षण देने का बिल पास किया था। इससे राज्य में आरक्षण की कुल सीमा 73% हो गई थी। वर्ष 2022 में हाईकोर्ट ने इस आरक्षण पर रोक लगा दी, जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्टे हटाने की अर्जी दी है, ताकि OBC का 27% आरक्षण फिर से लागू हो सके। इस मामले से जुड़ी 70 से अधिक याचिकाएं अदालत में लंबित हैं।
कैश कांड: जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लोकसभा में महाभियोग प्रस्ताव मंजूर
146 सांसदों के हस्ताक्षर के साथ महाभियोग प्रस्ताव लोकसभा में पेश और मंजूर।
जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के एक-एक जज और एक लीगल एक्सपर्ट की 3 सदस्यीय समिति गठित।
जस्टिस वर्मा के घर अधजले नोट मिलने के बाद से पद से हटाने की मांग तेज।
कैश कांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लोकसभा ने महाभियोग प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि उन्हें 146 सांसदों के हस्ताक्षर वाला प्रस्ताव प्राप्त हुआ, जिसमें जस्टिस वर्मा को पद से हटाने की मांग की गई है।
जांच के लिए 3 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के एक-एक जज तथा एक कानूनी विशेषज्ञ शामिल होंगे। यह समिति अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसके आने तक महाभियोग प्रस्ताव लंबित रहेगा।
मामला 14 मार्च 2025 की रात का है, जब जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित घर में आग लग गई थी। फायर सर्विस को घर में बोरियों में भरे 500-500 रुपए के अधजले नोट मिले थे। उस समय वे दिल्ली हाईकोर्ट में कार्यरत थे। विवाद बढ़ने पर 28 मार्च 2025 को उनका ट्रांसफर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कर दिया गया और उन्हें न्यायिक कार्यों से हटा दिया गया। इसके बाद से ही उनके पद से हटाने की मांग जोर पकड़ रही थी।
बिहार वोटर लिस्ट विवाद: जिंदा लोगों को मृत बताने पर चुनाव आयोग ने कहा—’कुछ गलतियां हो जाती हैं’
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान 12 जीवित लोगों को मृतक घोषित करने का मामला सामने आया।
चुनाव आयोग ने कहा—यह ड्राफ्ट लिस्ट है, गलतियां सुधारी जा सकती हैं।
कोर्ट ने कहा—आधार नागरिकता का निर्णायक प्रमाण नहीं, स्वतंत्र सत्यापन जरूरी।
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को बिहार की SIR (Special Summary Revision) प्रक्रिया को लेकर सुनवाई हुई। आरजेडी सांसद मनोज झा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि राज्य की मतदाता सूची में 12 ऐसे लोग मृतक घोषित कर दिए गए हैं, जो वास्तव में जीवित हैं।
इस पर चुनाव आयोग के वकील ने स्वीकार किया कि प्रक्रिया में “कुछ गलतियां” हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि यह एक ड्राफ्ट लिस्ट है और इसमें पाई गई त्रुटियों को सुधारा जा सकता है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि आधार कार्ड को नागरिकता का निर्णायक प्रमाण नहीं माना जा सकता। अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों में स्वतंत्र रूप से सत्यापन किया जाना चाहिए, ताकि गलत सूचनाओं को रोका जा सके।
शुभमन गिल जुलाई के ICC प्लेयर ऑफ द मंथ, बेन स्टोक्स और मुल्डर को पछाड़ा
गिल ने जुलाई में 3 टेस्ट में 94.50 की औसत से 567 रन बनाए, जिसमें एक डबल सेंचुरी और 2 सेंचुरी शामिल।
इंग्लैंड के खिलाफ एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में प्लेयर ऑफ द सीरीज भी बने।
करियर में चौथी बार जीता ICC प्लेयर ऑफ द मंथ अवॉर्ड।
टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान शुभमन गिल को ICC ने जुलाई 2025 का प्लेयर ऑफ द मंथ अवॉर्ड दिया है। उन्होंने इस रेस में इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स और साउथ अफ्रीका के ऑलराउंडर वियान मुल्डर को पीछे छोड़ा।
गिल ने जून से अगस्त के बीच इंग्लैंड में खेली गई एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन करते हुए 4 शतक जमाए। इसी सीरीज में उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज भी चुना गया।
जुलाई के महीने में गिल ने 3 टेस्ट मैचों में 94.50 की औसत से कुल 567 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने एक डबल सेंचुरी और 2 सेंचुरी लगाईं। अगस्त में लगाया गया उनका एक शतक जुलाई के आंकड़ों में शामिल नहीं किया गया।
यह चौथी बार है जब शुभमन गिल को ICC प्लेयर ऑफ द मंथ का सम्मान मिला है।
गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की योजना नहीं: केंद्र सरकार
केंद्र ने संसद में कहा—गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने की कोई योजना नहीं।
संविधान के अनुच्छेद 246(3) के तहत पशु संरक्षण कानून बनाने का अधिकार राज्यों को।
देश के कुल दूध उत्पादन में गाय का योगदान 53.12%, भैंस का 43.62%।
केंद्र सरकार ने संसद में स्पष्ट किया है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की कोई योजना नहीं है। केंद्रीय पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री एस. पी. सिंह बघेल ने यह जानकारी एक सवाल के जवाब में दी।
बघेल ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 246(3) के अनुसार पशु संरक्षण से जुड़े कानून बनाने का अधिकार केवल राज्य विधानमंडल को है, इसलिए इस विषय में कोई केंद्रीय योजना नहीं बनाई गई है।
उन्होंने दूध उत्पादन के आंकड़े भी साझा किए। वर्ष 2024 में देश का कुल दूध उत्पादन 239.30 मिलियन टन रहा, जिसमें गाय के दूध का योगदान 53.12% और भैंस के दूध का योगदान 43.62% रहा।
अमेरिका ने बलूच लिबरेशन आर्मी को आतंकी संगठन घोषित किया, मजीद ब्रिगेड भी सूची में शामिल
अमेरिका ने BLA और मजीद ब्रिगेड को विदेशी आतंकी संगठन (FTO) घोषित किया।
BLA पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाला संगठन, कई हमलों की जिम्मेदारी ले चुका।
ऐलान ऐसे समय में हुआ जब पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर अमेरिका दौरे पर हैं।
अमेरिका ने बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) और उसके सहयोगी संगठन मजीद ब्रिगेड को आधिकारिक रूप से विदेशी आतंकी संगठन (FTO) घोषित कर दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस फैसले की घोषणा की और कहा कि BLA ने पाकिस्तान में हुए कई हमलों की जिम्मेदारी ली है।
BLA एक सशस्त्र संगठन है, जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहा है। इसकी स्थापना 2000 के दशक की शुरुआत में हुई थी और इसे पहले भी कई देशों द्वारा आतंकी संगठन घोषित किया जा चुका है।
अमेरिका का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर अमेरिका के दौरे पर हैं। यह उनका डेढ़ महीने में दूसरा अमेरिका दौरा है।
पाकिस्तान ने भारतीय राजनयिकों की गैस, पानी और अखबार की सप्लाई रोकी
इस्लामाबाद में भारतीय डिप्लोमैट्स के घरों में गैस सप्लाई और सिलेंडर बिक्री पर रोक।
मिनरल वाटर और न्यूजपेपर की डिलीवरी भी बंद की गई।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बदले की कार्रवाई के तौर पर उठाया गया कदम।
पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में तैनात भारतीय राजनयिकों के घरों में गैस सप्लाई रोक दी है। साथ ही स्थानीय गैस सिलेंडर विक्रेताओं को निर्देश दिया गया है कि वे भारतीय डिप्लोमैट्स को सिलेंडर न बेचें। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मिनरल वाटर और समाचार पत्र की आपूर्ति भी रोक दी गई है।
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान ने यह कार्रवाई भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद बदले के रूप में की है। यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने इस तरह की हरकत की हो। 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत की एयर स्ट्राइक के जवाब में भी पाकिस्तानी अधिकारियों ने भारतीय राजनयिकों को परेशान किया था।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामाबाद में भारतीय डिप्लोमैट्स को परेशान करने की अब तक 19 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। भारतीय उच्चायोग यह मामला पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के समक्ष उठा चुका है।