नमस्कार,
कल की बड़ी खबर पाकिस्तान की मेजबानी में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी से जुड़ी रही। एक खबर UGC चेयरमैन एम. जगदीश कुमार के बयान की रही, उन्होंने कहा है कि अगले एकेडमिक ईयर से ग्रेजुएशन डिग्री दो से ढाई साल में पूरी की जा सकेगी।
आज के प्रमुख इवेंट्स:
- PM मोदी का ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ कार्यक्रम
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ कार्यक्रम के तहत भाजपा कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे।
- इस कार्यक्रम के बाद, PM मोदी दो दिन के दौरे पर नाइजीरिया रवाना होंगे, जहां वे कई उच्चस्तरीय बैठकों में हिस्सा लेंगे।
- राहुल गांधी की रैलियां
- कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज महाराष्ट्र के चंद्रपुर और अमरावती में रैलियों को संबोधित करेंगे। इन रैलियों में बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की संभावना है।
- प्रियंका गांधी की सभाएं
- कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आज शिरडी और कोल्हापुर में चुनावी सभाएं करेंगी। यहां पर वे किसानों और महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर चर्चा कर सकती हैं।
अब कल की बड़ी खबरें…
झारखंड: PM मोदी और राहुल गांधी के विमान फंसे, तकनीकी खराबी और ATC की इजाजत न मिलने से हुई देरी
झारखंड के देवघर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्लेन में तकनीकी खराबी आने की वजह से उन्हें ढाई घंटे तक विमान में ही रहना पड़ा। इसके बाद वे दिल्ली से आए स्पेशल प्लेन से वापस रवाना हुए।
इसी दौरान, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हेलिकॉप्टर को झारखंड के गोड्डा में एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से उड़ान भरने की अनुमति नहीं मिली, जिसके कारण उन्हें डेढ़ घंटे तक हेलिपैड पर इंतजार करना पड़ा।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की शिकायत
राहुल गांधी के हेलिकॉप्टर को क्लियरेंस न मिलने पर कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज कराई है। सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी उस समय बिहार के जमुई से देवघर एयरपोर्ट आ रहे थे, इसी वजह से राहुल गांधी के हेलिकॉप्टर को उड़ान की अनुमति नहीं दी गई।
झारखंड चुनाव का दूसरा चरण
झारखंड में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत 20 नवंबर को 38 सीटों पर मतदान होना है। इससे पहले, पहले चरण में 43 सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग हो चुकी है। चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
राजस्थान थप्पड़कांड: SDM को थप्पड़ मारने के आरोपी नरेश मीणा 14 दिन की न्यायिक हिरासत में, वकील ने SDM पर लगाया मारपीट का आरोप
राजस्थान के टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान SDM को थप्पड़ मारने के आरोपी उम्मीदवार नरेश मीणा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
वकील का आरोप: थाने में हुई मारपीट
नरेश मीणा के वकील ने आरोप लगाया है कि SDM अमित चौधरी, जिन्हें थप्पड़ मारा गया था, ने थाने में नरेश मीणा से मारपीट की है।
क्या था पूरा मामला?
घटना समरावता गांव की है, जहां स्थानीय लोगों ने उपचुनाव का बहिष्कार किया था। नरेश मीणा भी ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठे थे और अधिकारियों पर जबरन मतदान कराने का आरोप लगा रहे थे। जब मीणा ने पोलिंग बूथ में घुसने की कोशिश की, तो SDM ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इसी दौरान गुस्से में आकर नरेश मीणा ने SDM को थप्पड़ मार दिया।
यह घटना इलाके में तनाव का कारण बन गई और पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए मीणा को गिरफ्तार कर लिया।
चैंपियंस ट्रॉफी टूर: PoK में नहीं जाएगा, BCCI की आपत्ति के बाद ICC का फैसला
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के टूर को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आयोजित करने से मना कर दिया है। यह फैसला भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) की आपत्ति के बाद लिया गया है।
क्या था पूरा मामला?
चैंपियंस ट्रॉफी का टूर 16 नवंबर से इस्लामाबाद से शुरू होकर पाकिस्तान के विभिन्न शहरों से होते हुए PoK के स्कार्दू, हुंजा, और मुजफ्फराबाद तक जाना था। लेकिन BCCI ने इस पर कड़ा विरोध जताया।
भारत का चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेने से इनकार
पाकिस्तान फरवरी 2025 में चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी करेगा, लेकिन भारत पहले ही इसमें भाग लेने से इनकार कर चुका है। BCCI का कहना है कि सुरक्षा और राजनीतिक कारणों से भारतीय टीम पाकिस्तान नहीं जाएगी।
ICC का कदम
BCCI की आपत्ति के बाद ICC ने PCB को PoK में टूर करने से रोक दिया है। इसके बाद अब यह टूर केवल पाकिस्तान के अन्य शहरों तक ही सीमित रहेगा।
इस घटनाक्रम से चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के आयोजन पर सवाल खड़े हो गए हैं, खासकर भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों को लेकर।
बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला: 18 साल से कम उम्र की पत्नी से संबंध रेप माना जाएगा, सहमति का कोई महत्व नहीं
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि 18 साल से कम उम्र की पत्नी के साथ शारीरिक संबंध को रेप माना जाएगा, चाहे पत्नी की सहमति हो या न हो। अदालत ने नाबालिग पत्नी से रेप के आरोपी को 10 साल की सजा बरकरार रखी है, जिसे ट्रायल कोर्ट ने 2019 में POCSO एक्ट के तहत दोषी ठहराया था।
क्या है पूरा मामला?
- गिरफ्तारी और आरोप: इस केस में आरोपी को 25 मई 2019 को नाबालिग लड़की की शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया था। उस समय लड़की 31 हफ्ते की गर्भवती थी।
- पीड़िता का बयान: पीड़िता ने बताया कि आरोपी के साथ उसका अफेयर था। आरोपी ने जबरन शारीरिक संबंध बनाए और शादी का झूठा वादा कर इसे जारी रखा।
- नकली शादी: युवक ने एक किराए के मकान में पड़ोसियों की मौजूदगी में नकली शादी रचाई, जिससे लड़की को विश्वास दिलाया कि वह उसकी कानूनी पत्नी है।
- अबॉर्शन का दबाव: शादी के बाद, आरोपी पीड़िता पर गर्भपात कराने का दबाव डालने लगा।
कोर्ट का निर्णय
बॉम्बे हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि 18 साल से कम उम्र की पत्नी के साथ यौन संबंध को रेप माना जाएगा, भले ही वह सहमति दे। कोर्ट ने POCSO एक्ट के तहत दिए गए 10 साल की सजा को बरकरार रखा।
फैसले का महत्व
यह फैसला समाज में बाल विवाह और नाबालिगों के शोषण को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है। कोर्ट का यह निर्णय बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक सख्त कदम है।
फडणवीस का बयान: ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे में कुछ गलत नहीं, अजित पवार को जनता का मूड समझने में लगेगा वक्त
महाराष्ट्र के डिप्टी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस नारे में कुछ भी गलत नहीं है। फडणवीस के अनुसार, “मुझे योगी आदित्यनाथ के इस नारे में कोई समस्या नहीं दिखती। अजित दादा (अजित पवार) दशकों से हिंदू विरोधी विचारधारा वाले दलों के साथ रहे हैं, इसलिए उन्हें जनता की भावना को समझने में थोड़ा वक्त लगेगा।”
क्या है ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे पर विवाद?
- अजित पवार का विरोध: महायुति गठबंधन के नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी CM अजित पवार ने 10 नवंबर को इस नारे का विरोध करते हुए कहा था, “यह नारा उत्तर प्रदेश और झारखंड में चल सकता है, लेकिन महाराष्ट्र में नहीं। हमारा नारा ‘सबका साथ, सबका विकास’ है।”
- योगी आदित्यनाथ का नारा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झारखंड और महाराष्ट्र की चुनावी रैलियों में ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक रहेंगे तो नेक रहेंगे’ के नारे लगाए थे, जो जनता के बीच काफी चर्चा का विषय बना।
फडणवीस का तर्क
फडणवीस ने कहा कि अजित पवार को महाराष्ट्र की जनता के मूड और उनकी प्राथमिकताओं को समझने में समय लगेगा क्योंकि वह लंबे समय से ऐसी विचारधारा के साथ जुड़े रहे हैं, जो हिंदू विरोधी मानी जाती है।
राजनीतिक माहौल में गर्मी
इस बयानबाजी के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में तनाव बढ़ गया है। महायुति गठबंधन के भीतर इन बयानों से दरार की अटकलें लगाई जा रही हैं, जबकि विपक्ष इसे राजनीतिक ध्रुवीकरण का प्रयास बता रहा है।
अब 2 साल में कर सकेंगे ग्रेजुएशन, UGC की नई पॉलिसी अगले साल से लागू हो सकती है
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) के चेयरमैन एम. जगदीश कुमार ने घोषणा की है कि छात्रों के लिए ग्रेजुएशन की अवधि को लचीला बनाया जा रहा है। नई पॉलिसी के तहत, स्टूडेंट्स अगले शैक्षणिक सत्र से ग्रेजुएशन का ड्यूरेशन घटा या बढ़ा सकेंगे। इसका मतलब है कि टैलेंटेड छात्र 2 से 2.5 साल में ही ग्रेजुएशन पूरी कर सकते हैं, जबकि पढ़ाई में कमजोर छात्र 5 साल तक का समय ले सकेंगे।
क्या हैं नई पॉलिसी के फायदे?
- टैलेंटेड छात्रों के लिए: जो छात्र तेजी से क्रेडिट स्कोर हासिल कर लेते हैं, वे 2 साल में ग्रेजुएशन पूरी कर सकते हैं। इससे उन्हें समय और संसाधनों की बचत होगी।
- कमजोर छात्रों के लिए: पढ़ाई में धीमे या किसी कारणवश ब्रेक लेने वाले छात्रों को 5 साल तक का समय मिलेगा, ताकि वे अपनी ग्रेजुएशन पूरी कर सकें।
- फ्लेक्सिबल अप्रोच: UGC इस नई पॉलिसी के तहत छात्रों को एक फ्लेक्सिबल लर्निंग सिस्टम प्रदान कर रही है, जिससे वे अपनी सुविधा के अनुसार कोर्स की अवधि को चुन सकेंगे।
किसे मिलेगा लाभ?
- इस पॉलिसी का लाभ सभी विषयों के ग्रेजुएशन छात्रों को मिलेगा।
- यह विशेष रूप से उन छात्रों के लिए फायदेमंद होगा, जो जल्दी सीखने और अपने क्रेडिट्स जल्द पूरा करने की क्षमता रखते हैं।
- डिग्री के लिए इंतजार खत्म: यदि छात्र 2 साल में क्रेडिट स्कोर पूरा कर लेते हैं, तो उन्हें 3 या 5 साल का इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी।
अभी तक क्या है स्थिति?
UGC ने फिलहाल इस पॉलिसी की विस्तृत जानकारी नहीं दी है, लेकिन संकेत दिए हैं कि यह अगले शैक्षणिक वर्ष से लागू की जा सकती है। यह कदम छात्रों के लर्निंग एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
इस नई पॉलिसी से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव की उम्मीद है, जिससे छात्रों को अपनी पढ़ाई को अधिक प्रभावी ढंग से मैनेज करने का अवसर मिलेगा।
भारत की धमाकेदार जीत: चौथे T20 में साउथ अफ्रीका को 135 रन से हराया, सीरीज 3-1 से जीती
भारत ने जोहान्सबर्ग के वांडरर्स स्टेडियम में खेले गए चौथे T20 मैच में साउथ अफ्रीका को 135 रन से हराकर सीरीज 3-1 से अपने नाम कर ली। इस जीत के साथ, साउथ अफ्रीका को टी-20 इतिहास की सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा।
भारत की विस्फोटक बैटिंग
- टॉस जीतकर बैटिंग: भारत ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया और विशाल स्कोर खड़ा कर दिया।
- तिलक वर्मा और संजू सैमसन की सेंचुरी: तिलक वर्मा ने शानदार 120 रन और संजू सैमसन ने 109 रन बनाए, जिससे टीम का स्कोर 283/5 पहुंच गया।
साउथ अफ्रीका का खराब प्रदर्शन
- लड़खड़ाती शुरुआत: 284 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीका ने मात्र 10 रन पर अपने 4 विकेट गंवा दिए।
- संभल नहीं पाई टीम: ट्रिस्टन स्टब्स और डेविड मिलर ने पारी को संभालने की कोशिश की, लेकिन कोई भी बल्लेबाज लंबी पारी नहीं खेल सका।
- अर्शदीप सिंह का कहर: भारतीय गेंदबाज अर्शदीप सिंह ने घातक गेंदबाजी करते हुए 3 विकेट चटकाए।
- ऑलआउट: पूरी टीम सिर्फ 18.2 ओवर में 148 रन पर सिमट गई, जिससे उन्हें 135 रन की करारी हार का सामना करना पड़ा।
मैच के हीरो
- तिलक वर्मा: 120 रन (मैन ऑफ द मैच)
- संजू सैमसन: 109 रन
- अर्शदीप सिंह: 3 विकेट
सीरीज का नतीजा
इस जीत के साथ, भारत ने 5 मैचों की T20 सीरीज को 3-1 से जीत लिया। टीम इंडिया की इस शानदार जीत ने फैंस को खूब खुश किया और सीरीज में अपना दबदबा कायम रखा।
ट्रम्प का चौंकाने वाला फैसला: वैक्सीन विरोधी रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर बने अमेरिका के हेल्थ मिनिस्टर
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक अहम और चौंकाने वाला कदम उठाते हुए रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर को हेल्थ मिनिस्टर नियुक्त किया है। रॉबर्ट, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के भतीजे हैं। यह नियुक्ति इसलिए विवादों में है क्योंकि रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर कोविड-19 महामारी के दौरान वैक्सीनेशन का मुखर विरोध करते रहे हैं।
रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर का वैक्सीन विरोध
- रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर लंबे समय से वैक्सीन के खिलाफ अपने विचारों को सार्वजनिक रूप से व्यक्त करते आए हैं। उन्होंने दावा किया है कि वैक्सीन के दुष्प्रभाव हो सकते हैं और इस पर गहन शोध की आवश्यकता है।
- कोविड-19 के दौरान, कैनेडी ने अमेरिका और दुनिया भर में वैक्सीनेशन कार्यक्रमों का विरोध किया था, जिससे उनकी छवि एक प्रमुख वैक्सीन विरोधी के रूप में बनी।
राजनीतिक सफर और ट्रम्प का समर्थन
- रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर ने पिछले साल डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी पेश की थी, लेकिन बाद में पार्टी से अलग हो गए।
- इस बार, उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर राष्ट्रपति चुनाव लड़ा था। हालांकि, चुनावी प्रक्रिया के दौरान उन्होंने अंततः डोनाल्ड ट्रम्प का समर्थन किया।
नियुक्ति का प्रभाव
ट्रम्प के इस फैसले ने राजनीतिक हलकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच नई बहस छेड़ दी है। जहां कुछ इसे एक साहसिक कदम मान रहे हैं, वहीं कई इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों के लिए एक चुनौती के रूप में देख रहे हैं।
रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर की नियुक्ति से यह देखना दिलचस्प होगा कि वह हेल्थ मिनिस्टर के रूप में अमेरिका की स्वास्थ्य नीतियों को कैसे प्रभावित करते हैं, खासकर वैक्सीनेशन के मुद्दे पर।