नमस्कार,
कल की बड़ी खबर भाजपा और कांग्रेस सांसदों के बीच संसद परिसर में हुई धक्कामुक्की की रही, इसमें BJP के 2 नेता चोटिल हो गए। एक खबर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान की रही, जिसमें उन्होंने सेक्स रेश्यो के संतुलन पर बात की।
आज के प्रमुख इवेंट्स:
- हिंदू सेना ने अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा किया है। इस पर ट्रायल कोर्ट में सुनवाई होगी।
- गृह मंत्री अमित शाह नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल (NEC) की 72वीं मीटिंग में शामिल होने अगरतला जाएंगे।
- विदेश सचिव विक्रम मिसरी 3 दिन के दौरे पर मॉरीशस जाएंगे। मॉरीशस में नवीन चंद्र रामगुलाम के PM बनने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली द्विपक्षीय बातचीत है।
अब कल की बड़ी खबरें…
संसद परिसर में धक्का-मुक्की: BJP के 2 सांसद घायल, राहुल गांधी पर FIR दर्ज
संसद परिसर में धक्का-मुक्की की घटना के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। इस घटना में ओडिशा के बालासोर से BJP सांसद प्रताप सारंगी और फर्रुखाबाद से BJP सांसद मुकेश राजपूत घायल हो गए।
क्या हुआ था?
घटना के बारे में प्रताप सारंगी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक सांसद को धक्का दिया, जिससे वह उनके ऊपर गिर गया। वहीं, राहुल गांधी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि उन्हें ही धक्का दिया गया। घटना के बाद राहुल गांधी, सारंगी से मिलने पहुंचे और कहा, “इन्होंने मुझे धक्का दिया।”
BJP का आरोप और FIR
BJP ने राहुल गांधी पर धमकाने और चोट पहुंचाने समेत 6 धाराओं में FIR दर्ज कराई है।
प्रदर्शन की पृष्ठभूमि
घटना के दौरान संसद में I.N.D.I.A. गठबंधन और BJP सांसद प्रदर्शन कर रहे थे। I.N.D.I.A. गठबंधन ने गृहमंत्री अमित शाह के डॉ. अंबेडकर पर दिए बयान की निंदा की और उनके इस्तीफे की मांग की।
राहुल गांधी ने कहा, “मैं मेन गेट (मकर द्वार) से सांसदों के साथ अंदर जाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन BJP सांसद मुझे रोकने और धमकाने लगे।”
BJP का जवाब
केंद्रीय मंत्री शिवराज चौहान ने राहुल पर आरोप लगाते हुए कहा, “पहले जब कांग्रेस के सदस्य मकर द्वार पर खड़े होते थे, तो हम चुपचाप दरवाजा बदल लेते थे। लेकिन आज जब भाजपा के सांसद वहां विरोध कर रहे थे, तो राहुल जानबूझकर उनके बीच पहुंचे। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें दूसरे गेट से जाने को कहा था।”
मुंबई में तोड़फोड़
इस घटना के बाद मुंबई में BJP कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस दफ्तर पर हमला कर दिया। उन्होंने दरवाजों और खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए। कांग्रेस दफ्तर के बाहर लगे सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, और मल्लिकार्जुन खड़गे के पोस्टरों पर स्याही फेंकी गई।
पुलिस का हस्तक्षेप
स्थिति बेकाबू होते देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान BJP कार्यकर्ता ‘वंदे मातरम’ के नारे लगा रहे थे। उनका कहना था कि डॉ. अंबेडकर का अपमान अमित शाह ने नहीं, बल्कि कांग्रेस ने किया है।
भारत-पाकिस्तान क्रिकेट: टीमें एक-दूसरे की जमीन पर नहीं खेलेंगी, चैंपियंस ट्रॉफी के मैच न्यूट्रल वेन्यू पर
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने फैसला लिया है कि भारत और पाकिस्तान की टीमें भविष्य में एक-दूसरे की जमीन पर क्रिकेट नहीं खेलेंगी। इस निर्णय के अनुसार, 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के सभी मैच न्यूट्रल वेन्यू पर आयोजित किए जाएंगे।
क्या है निर्णय?
- भारत 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान की जमीन पर कोई मैच नहीं खेलेगा।
- पाकिस्तान की टीम भी 2027 तक भारत में कोई मैच नहीं खेलेगी।
- दोनों देशों के बीच होने वाले मैच न्यूट्रल वेन्यू पर ही होंगे।
क्यों लिया गया ये फैसला?
भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से राजनीतिक और सुरक्षा कारणों के चलते क्रिकेट संबंध सीमित हैं। इसी वजह से ICC ने यह कदम उठाया है ताकि टूर्नामेंट सुचारू रूप से आयोजित हो सके।
क्रिकेट प्रेमियों को निराशा
इस निर्णय से दोनों देशों के क्रिकेट प्रशंसकों को निराशा हो सकती है, क्योंकि उन्हें घरेलू मैदान पर दोनों टीमों का मुकाबला देखने का मौका नहीं मिलेगा।
निष्कर्ष
अब आने वाले बड़े टूर्नामेंट जैसे चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भारत-पाकिस्तान के बीच सभी मैच तटस्थ स्थानों पर ही खेले जाएंगे।
गडकरी का बयान: ‘लिंगानुपात बिगड़ा तो पुरुषों को 2 पत्नियां रखनी पड़ेंगी,’ लिव-इन रिलेशनशिप को बताया गलत
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक यूट्यूब पॉडकास्ट में लिंगानुपात, लिव-इन रिलेशनशिप और समलैंगिक विवाह पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि समाज में लिंगानुपात का संतुलन जरूरी है।
गडकरी का बयान
गडकरी ने कहा, “अगर प्रति 1000 पुरुषों पर 1500 महिलाएं हो गईं, तो पुरुषों को दो पत्नियां रखने की इजाजत देनी पड़ सकती है।” उन्होंने लिव-इन रिलेशनशिप को गलत करार देते हुए कहा कि यह भारतीय सामाजिक ढांचे को कमजोर कर सकता है। साथ ही, उन्होंने समलैंगिक विवाह पर भी चिंता जताई और कहा कि इससे समाज की संरचना ध्वस्त हो सकती है।
भारत में लिंगानुपात के आंकड़े
- 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में प्रति 1000 पुरुषों पर 943 महिलाएं थीं।
- 2021 में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की रिपोर्ट के मुताबिक, यह आंकड़ा बढ़कर प्रति 1000 पुरुषों पर 1020 महिलाएं हो गया है।
क्यों अहम है लिंगानुपात संतुलन?
गडकरी का कहना है कि समाज में पुरुषों और महिलाओं के बीच संतुलन होना जरूरी है, ताकि सामाजिक व्यवस्था में कोई असंतुलन न हो।
विवाद की संभावना
गडकरी के इस बयान के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में बहस की संभावना बढ़ गई है। उनके लिव-इन रिलेशनशिप और समलैंगिक विवाह को लेकर दिए गए विचारों पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ सकती हैं।
अश्विन के पिता का दावा: ‘अपमान के कारण लिया संन्यास’; अश्विन ने दी सफाई
भारतीय क्रिकेटर आर अश्विन के संन्यास को लेकर उनके पिता के बयान से विवाद खड़ा हो गया है। अश्विन के पिता रविचंद्रन ने दावा किया कि प्लेइंग-11 में जगह न मिलने के कारण उनके बेटे ने संन्यास लेने का फैसला किया।
पिता का बयान
रविचंद्रन ने कहा, “अश्विन को विदेश में युवा ऑफ स्पिनर से रिप्लेस किया गया। यह उनके लिए अपमानजनक था, शायद इसी वजह से उन्होंने संन्यास का फैसला लिया।”
अश्विन की सफाई
हालांकि, अश्विन ने पिता के बयान का खंडन करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर लिखा, “मेरे पापा मीडिया फ्रेंडली नहीं हैं। कृपया उन्हें अकेला छोड़ दें।”
सीरीज में अश्विन की स्थिति
- बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) में अश्विन को सिर्फ एक मैच खेलने का मौका मिला।
- पर्थ टेस्ट में वॉशिंगटन सुंदर को बतौर स्पिनर मौका दिया गया।
- एडिलेड डे-नाइट टेस्ट में अश्विन को शामिल किया गया।
- ब्रिस्बेन टेस्ट में अश्विन की जगह रवींद्र जडेजा को टीम में चुना गया।
मीडिया रिपोर्ट्स का दावा
रिपोर्ट्स के अनुसार, अश्विन को लगा कि वह अब टीम के फर्स्ट चॉइस ऑफ स्पिनर नहीं रहे। इसलिए उन्होंने पर्थ टेस्ट के बाद संन्यास लेने की योजना बनाई थी।
नतीजा
इस पूरे मामले ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। अश्विन की सफाई के बाद उनके प्रशंसकों को राहत मिली, लेकिन पिता के बयान ने चयन प्रक्रिया को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
किसान नेता डल्लेवाल की हालत नाजुक, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को दी चेतावनी
24 दिनों से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत अचानक बिगड़ गई। पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे डल्लेवाल बेहोश होकर गिर पड़े। डॉक्टरों के अनुसार, उन्हें हार्ट अटैक और मल्टी-ऑर्गन फेलियर का खतरा है।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
किसान आंदोलन पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा:
- “70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है। कौन डॉक्टर है, जो बिना किसी टेस्ट के डल्लेवाल की सेहत को सही बता रहा है?”
- कोर्ट ने पंजाब सरकार को उनकी सेहत की पूरी जिम्मेदारी लेने के निर्देश दिए।
किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि
- किसान संगठन फरवरी 2024 से विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
- उनकी प्रमुख मांगों में सभी फसलों पर MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) लागू करने समेत 13 मांगें शामिल हैं।
डल्लेवाल की स्थिति
डल्लेवाल का अनशन लगातार जारी था, लेकिन लंबे समय तक भूखे रहने की वजह से उनकी हालत बिगड़ गई। डॉक्टरों ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए तत्काल मेडिकल सहायता की जरूरत बताई है।
नतीजा
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद पंजाब सरकार पर दबाव बढ़ गया है। डल्लेवाल की हालत और किसानों की मांगों को लेकर सरकार की प्रतिक्रिया पर सबकी नजरें टिकी हैं।
मेलबर्न एयरपोर्ट पर कोहली की झड़प: परिवार की फोटो खींचने पर जताई नाराज़गी
भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली मेलबर्न एयरपोर्ट पर एक टीवी जर्नलिस्ट से भिड़ गए। कोहली अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा और बच्चों के साथ बॉक्सिंग डे टेस्ट के लिए मेलबर्न पहुंचे थे। इसी दौरान चैनल-7 की एक महिला जर्नलिस्ट ने उनका वीडियो बनाना शुरू कर दिया।
क्या हुआ एयरपोर्ट पर?
- कोहली ने जब जर्नलिस्ट को परिवार की तस्वीरें खींचते देखा, तो उन्होंने तुरंत उन तस्वीरों को डिलीट करने को कहा।
- जर्नलिस्ट ने सफाई दी कि उन्होंने बच्चों की तस्वीरें नहीं खींची हैं।
- बावजूद इसके, कोहली ने नाराज़गी ज़ाहिर की और अपने परिवार की निजता का सम्मान करने की बात कही।
फैमिली की निजता के पक्षधर कोहली
- कोहली हमेशा से अपने परिवार, खासकर बच्चों की निजता को लेकर सतर्क रहे हैं।
- उन्होंने कई बार मीडिया से बच्चों की तस्वीरें न लेने की अपील की है।
ऑस्ट्रेलिया का कानून
ऑस्ट्रेलिया में किसी भी पब्लिक प्लेस पर किसी सेलिब्रिटी की वीडियो या तस्वीर लेने पर कोई कानूनी रोक नहीं है। इस वजह से जर्नलिस्ट की कार्रवाई कानूनी रूप से सही थी, लेकिन कोहली ने इसे निजी सीमा का उल्लंघन माना।
निष्कर्ष
यह घटना विराट कोहली की निजता को लेकर उनके सख्त रवैये को दिखाती है। सेलिब्रिटीज़ और मीडिया के बीच इस प्रकार की झड़पों से अक्सर निजता बनाम स्वतंत्र प्रेस की बहस छिड़ जाती है।