नमस्कार,
कल की बड़ी खबर जयपुर में LPG टैंकर में ब्लास्ट की रही, भयावह हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई, 33 लोग झुलस गए। एक खबर मध्य प्रदेश में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की कार्रवाई की रही, टीम ने भोपाल के जंगल से 52 किलो सोना और ₹11 करोड़ कैश बरामद किया।
आज के प्रमुख इवेंट्स:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के दौरे पर कुवैत पहुंचेंगे। भारत-कुवैत के बीच डिफेंस और ट्रेड रिलेशंस मजबूत करने पर बात होगी। इससे पहले 1981 में इंदिरा गांधी कुवैत गई थीं।
- राजस्थान के जैसलमेर में GST काउंसिल की 55वीं मीटिंग होगी। हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स में छूट देने का फैसला लिया जा सकता है।
अब कल की बड़ी खबरें…
जयपुर में LPG टैंकर ब्लास्ट: 14 की मौत, 33 घायल, 1 किमी तक फैली आग
जयपुर के अजमेर हाईवे पर एक बड़ा हादसा हुआ, जब LPG गैस से भरे टैंकर को एक ट्रक ने टक्कर मार दी। इस टक्कर से हुए ब्लास्ट में 14 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और 33 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसे का विवरण
- टैंकर में 18 टन गैस भरी हुई थी। टक्कर के बाद गैस का रिसाव हुआ और आग लग गई, जो धीरे-धीरे एक किलोमीटर के क्षेत्र में फैल गई।
- टैंकर के पास चल रही एक स्लीपर बस और हाईवे किनारे मौजूद एक पाइप फैक्ट्री भी आग की चपेट में आ गईं।
- आग की लपटों ने 40 से अधिक गाड़ियों को भी अपनी चपेट में ले लिया।
मौके का मंजर
- हादसे के दौरान कई लोगों को गाड़ियों से बाहर निकलने का मौका नहीं मिला और वे जिंदा जल गए।
- जो लोग किसी तरह बाहर निकलने में कामयाब हुए, वे जलते हुए कपड़ों के साथ सड़क पर भागते नजर आए।
- घटनास्थल के दृश्य बेहद भयावह थे, जहां जलती हुई गाड़ियों के बीच लोग मदद के लिए चीख-पुकार कर रहे थे।
राहत कार्य और प्रशासन की प्रतिक्रिया
- घायलों को 15 किलोमीटर दूर सवाई मान सिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया।
- मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और घटनास्थल का निरीक्षण किया।
- हादसे के बाद बचाव दल ने आग पर काबू पाने के लिए कई घंटों तक मशक्कत की।
अन्य नुकसानों की जानकारी
- हादसे में केवल इंसानी जानें ही नहीं गईं, बल्कि आसमान में उड़ रहे कई पक्षी भी आग की चपेट में आकर झुलस गए।
यह हादसा सिस्टम की लापरवाही और सड़क पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर करता है। प्रशासन को ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।
भोपाल के जंगल में कार से बरामद 52 किलो सोना और ₹11 करोड़ कैश
भोपाल के मेंडोरी जंगल में गुरुवार देर रात इनकम टैक्स (IT) विभाग को बड़ी सफलता मिली। एक कार से 52 किलो सोना और ₹11 करोड़ नकद बरामद किए गए। सोने की बाजार कीमत करीब ₹40.47 करोड़ आंकी गई है।
घटना का विवरण
- IT विभाग की टीम ने मध्यप्रदेश में रियल एस्टेट कारोबारियों पर छापेमारी अभियान के तहत यह बरामदगी की।
- बीते दो दिनों में भोपाल और इंदौर में 51 जगहों पर छापे मारे गए हैं।
संदिग्ध कार और मालिक की जानकारी
- बरामदगी जिस कार से हुई, वह चेतन गौर नामक व्यक्ति की है।
- चेतन गौर, RTO के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा का दोस्त है।
- सौरभ शर्मा के घर पर लोकायुक्त ने 19 दिसंबर को छापा मारा था, जिसमें ₹2.85 करोड़ नकद मिले थे।
मालिक की प्रतिक्रिया
- चेतन गौर ने दावा किया है कि जंगल में मिला यह सोना और नकद उसका नहीं है और वह इसके बारे में कुछ नहीं जानता।
आगे की कार्रवाई
फिलहाल इनकम टैक्स विभाग यह पता लगाने में जुटा है कि सोना और नकद किसका है और इसे जंगल में क्यों छिपाया गया था। मामले की जांच जारी है।
यह बरामदगी न केवल अवैध संपत्ति की ओर इशारा करती है, बल्कि मध्यप्रदेश में रियल एस्टेट कारोबार में चल रहे गहरे भ्रष्टाचार को भी उजागर करती है।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला का निधन, आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला का 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्हें गुरुग्राम स्थित अपने आवास पर दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्होंने मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार आज शाम 3 बजे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन
- ओमप्रकाश चौटाला हरियाणा के पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के सबसे बड़े बेटे थे।
- उनका जन्म 1 जनवरी 1935 को हुआ था।
- उन्होंने शुरुआती शिक्षा प्राप्त करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी।
कठिन समय में भी पढ़ाई का जुनून
- 2021 में शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोप में जेल में रहते हुए, 86 वर्ष की उम्र में उन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की, जो उनके दृढ़ संकल्प का प्रमाण है।
विरासत
ओपी चौटाला ने अपने राजनीतिक जीवन में कई अहम भूमिकाएं निभाईं और हरियाणा की राजनीति में गहरी छाप छोड़ी। उनका निधन न केवल हरियाणा बल्कि देश की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है।
BJP सांसद ने प्रियंका गांधी को ‘1984’ लिखा बैग देकर सिख दंगों की याद दिलाई
ओडिशा से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद अपराजिता सारंगी ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को ‘1984’ लिखा बैग गिफ्ट कर 1984 के सिख दंगों की ओर इशारा किया। यह घटना संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान हुई, जहां प्रियंका गांधी अपने बैग को लेकर चर्चा में रही थीं।
प्रियंका गांधी और बैग की चर्चा
- प्रियंका गांधी पहले संसद में ऐसे बैग लेकर आई थीं, जिन पर मोदी-अडाणी के कार्टून, बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों और फिलिस्तीन के समर्थन के संदेश थे।
- इस बार अपराजिता सारंगी ने उन्हें ‘1984’ लिखा हुआ बैग देकर जवाबी प्रतिक्रिया दी।
बैग सौंपने का तरीका
- अपराजिता सारंगी संसद परिसर में प्रियंका गांधी का इंतजार करती नजर आईं।
- जैसे ही प्रियंका गांधी वहां पहुंचीं, अपराजिता ने पीछा करते हुए बैग उन्हें सौंप दिया।
- प्रियंका गांधी ने बैग बिना देखे ही अपने हाथ में लिया और आगे बढ़ गईं।
राजनीतिक संदेश
1984 के सिख दंगे कांग्रेस के इतिहास में एक संवेदनशील और विवादास्पद अध्याय हैं। इस गिफ्ट के जरिए BJP ने कांग्रेस को इस घटना की याद दिलाने की कोशिश की।
यह घटना शीतकालीन सत्र के दौरान नेताओं के बीच बढ़ते राजनीतिक कटाक्ष और संदेशों का प्रतीक बन गई है।
संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त: 105 घंटे कार्यवाही, 4 बिल पेश, लेकिन कोई पास नहीं
25 नवंबर से शुरू हुआ संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को समाप्त हो गया। इस सत्र में कुल 20 बैठकें हुईं और दोनों सदनों में 105 घंटे की कार्यवाही चली। हालांकि, सत्र के दौरान पेश किए गए 4 बिलों में से कोई भी पास नहीं हो सका।
सत्र का प्रदर्शन
- लोकसभा की प्रोडक्टिविटी: 57.87%
- राज्यसभा की प्रोडक्टिविटी: 41%
- सबसे चर्चित ‘एक देश, एक चुनाव’ बिल पेश किया गया, जिसे 39 सदस्यीय जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को भेज दिया गया।
धक्का-मुक्की केस की जांच क्राइम ब्रांच को
- दिल्ली पुलिस ने संसद परिसर में हुए धक्का-मुक्की मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है।
- इस मामले में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ 6 धाराओं में FIR दर्ज की गई।
- गुरुवार सुबह संसद परिसर में मकर द्वार पर INDIA ब्लॉक और भाजपा सांसदों के प्रदर्शन के दौरान दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की हुई, जिसमें BJP के 2 सांसद घायल हो गए।
सत्र की उपलब्धियां और विवाद
सत्र में उत्पादकता कम रही और बिलों पर चर्चा के बजाय राजनीतिक विवादों ने अधिक ध्यान खींचा। ‘एक देश, एक चुनाव’ बिल की चर्चा आगामी सत्रों में केंद्र बिंदु बनी रहेगी।
मेरठ में पं. प्रदीप मिश्रा की कथा के दौरान भगदड़, महिलाएं और बुजुर्ग चोटिल
मेरठ में पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा के दौरान भीड़ बेकाबू हो गई, जिससे भगदड़ मच गई। इस घटना में कई महिलाएं और बुजुर्ग घायल हो गए। कथा में लगभग 1 लाख लोग पहुंचे थे, जो कार्यक्रम स्थल की क्षमता से कहीं अधिक थे।
भगदड़ कैसे मची?
- कथा शुरू होते ही बड़ी संख्या में लोग जल्दबाजी में अंदर जाने की कोशिश करने लगे।
- बाउंसर्स ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रवेश रोक-रोक कर शुरू किया, जिससे स्थिति बिगड़ गई और भगदड़ मच गई।
- घायलों को तुरंत नजदीकी हेल्थ कैंप में प्राथमिक उपचार दिया गया।
पंडित प्रदीप मिश्रा का परिचय
- जन्म: 16 जून 1977, सीहोर, मध्य प्रदेश
- प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल-कॉलेज में हुई।
- माता-पिता के साथ भजन-कीर्तन और कथाएं करने से शुरुआत की।
- कोरोनाकाल में उनकी कथाओं ने लाखों लोगों को ऑनलाइन जोड़ा।
- उनका आश्रम सीहोर से 6 किमी दूर कुबेरेश्वर धाम में स्थित है, जहां हर साल रुद्राक्ष महोत्सव आयोजित होता है। इस महोत्सव में देशभर से लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं।
घटना का प्रभाव
इस भगदड़ ने आयोजकों की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे आयोजनों में सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण की बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करना जरूरी है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
अमेरिका में फंडिंग संकट: सरकार के पास पैसे खत्म, बिल संसद में पास नहीं हो सका
अमेरिका में सरकार के खर्च चलाने के लिए आवश्यक फंडिंग बिल संसद से पास नहीं हो सका, जिससे देश वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। यह बिल नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी ने पेश किया था, लेकिन इसे आवश्यक समर्थन नहीं मिला।
बिल पास न होने का कारण
- संसद में वोटिंग:
- समर्थन में: 174 वोट
- विरोध में: 235 वोट
- बिल पास करने के लिए 435 सदस्यीय हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में दो-तिहाई यानी 290 वोटों की जरूरत थी।
- स्पीकर माइक जॉनसन ने डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ मिलकर बिल तैयार किया था, लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प ने इसे पेश नहीं होने दिया।
सरकारी फंडिंग की आवश्यकता
- अमेरिका में सरकारी खर्च चलाने के लिए एक बिल पास होना अनिवार्य है।
- सरकार के कर्ज की एक सीमा तय होती है, जिसे जरूरत पड़ने पर बढ़ाया जाता है।
- यदि बिल पास नहीं हुआ, तो 20 लाख कर्मचारियों को नए साल पर वेतन नहीं मिलेगा।
- हालांकि, आपातकालीन सेवाएं जैसे मेडिकल, सीमा सुरक्षा, और हवाई सेवाएं जारी रहेंगी।
अमेरिका में शटडाउन का इतिहास
- पिछले 50 सालों में 20 बार अमेरिका को शटडाउन का सामना करना पड़ा है।
- ट्रम्प के पिछले कार्यकाल में ही 3 बार शटडाउन हुआ।
- 2019 का शटडाउन सबसे लंबा रहा, जो 35 दिन तक चला और इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को ₹25 हजार करोड़ का नुकसान हुआ।
मौजूदा स्थिति का असर
फंडिंग बिल पास न होने से अमेरिकी सरकार के कामकाज पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। कर्मचारियों का वेतन रुक सकता है और वित्तीय संकट बढ़ सकता है। यह घटना राजनीतिक असहमति का परिणाम है, जो देश की स्थिरता को चुनौती दे रही है।