नमस्कार,
कल की बड़ी खबर पुलवामा अटैक मामले से जुड़ी रही। हमले के लिए विस्फोटक अमेजन से खरीदा गया था। दूसरी बड़ी खबर बिहार में सरकारी नौकरी में लागू हुई डोमिसाइल पॉलिसी को लेकर है।
आज के प्रमुख इवेंट्स:
1. बिहार में स्पेशल वोटर लिस्ट रिवीजन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। राजद और TMC समेत 9 दलों ने चुनौती दी है।
2. दिल्ली हाईकोर्ट 2020 दंगों के मामले में शरजील इमाम की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा।
कल की बड़ी खबरें:
FATF रिपोर्ट का खुलासा: पुलवामा हमले में अमेज़न से खरीदा गया विस्फोटक, गोरखनाथ हमले में PayPal से भेजे गए पैसे
पुलवामा आतंकी हमले में इस्तेमाल हुआ एल्यूमीनियम पाउडर अमेज़न से खरीदा गया था।
गोरखनाथ मंदिर हमले में आतंकी ने VPN के जरिए PayPal से विदेश भेजे 6.7 लाख रुपये।
FATF ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के दुरुपयोग को लेकर चिंता जताई और कड़े नियंत्रण की जरूरत बताई।
वित्तीय मामलों की निगरानी करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में भारत में हुए दो बड़े आतंकी हमलों को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
1. पुलवामा हमला (2019):
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में CRPF के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। FATF की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में 200 किलोग्राम विस्फोटक और अमेज़न से खरीदा गया एल्यूमीनियम पाउडर इस्तेमाल किया गया था। इस हमले की साजिश आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने रची थी।
2. गोरखनाथ मंदिर हमला (2022):
वर्ष 2022 में गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर पर आतंकी हमला हुआ था। आरोपी मुर्तजा अब्बासी ने मंदिर की सुरक्षा में तैनात जवानों पर हमला किया था, जिसमें एक जवान गंभीर रूप से घायल हुआ। जांच में सामने आया कि मुर्तजा ने VPN का इस्तेमाल कर PayPal के जरिए करीब 6.7 लाख रुपये विदेश भेजे थे।
FATF ने इन दोनों मामलों में यह चेतावनी दी है कि ई-कॉमर्स और डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म्स का आतंकवादी संगठन गलत मकसद से इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में इनके दुरुपयोग को रोकने के लिए कड़े नियम और निगरानी तंत्र विकसित किए जाने की आवश्यकता है।
आज देशभर में हड़ताल: 25 करोड़ कर्मचारियों का निजीकरण और लेबर कोड्स के खिलाफ प्रदर्शन
ट्रेड यूनियनों का दावा: बैंक, डाकघर, बीमा और परिवहन जैसी सेवाएं रहेंगी प्रभावित
सरकार की नीतियों को मजदूर-विरोधी और कॉरपोरेट समर्थक बताया
लेबर कोड लागू होने पर कर्मचारियों से 12 घंटे काम लिए जाने की आशंका
देशभर में सेंट्रल ट्रेड यूनियनों और उनसे जुड़े 10 संगठनों ने आज एक बड़ी हड़ताल का आह्वान किया है। उनका दावा है कि इस आंदोलन में 25 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी शामिल हो रहे हैं।
इस हड़ताल से बैंकिंग, बीमा, डाक, कोयला खनन, निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्ग और कई राज्यों में सरकारी परिवहन जैसी अहम सेवाओं के प्रभावित होने की संभावना है।
हड़ताल के पीछे का कारण:
ट्रेड यूनियनों का आरोप है कि केंद्र सरकार की नीतियां मजदूरों और किसानों के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि सरकार:
पब्लिक सेक्टर कंपनियों का निजीकरण कर रही है, जिससे कर्मचारियों का भविष्य खतरे में है।
चार नए लेबर कोड्स के जरिए मजदूरों के अधिकारों को कमजोर कर रही है।
कॉरपोरेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए आम जनता के हितों की अनदेखी कर रही है।
लेबर कोड्स से जुड़ी चिंता:
अगर प्रस्तावित नए लेबर कोड लागू होते हैं, तो कर्मचारियों को एक दिन में 12 घंटे तक काम करना पड़ सकता है। हालांकि, इसके बदले उन्हें सप्ताह में तीन दिन की छुट्टी मिल सकती है। ट्रेड यूनियनों का मानना है कि इससे श्रमिकों का शोषण बढ़ेगा और जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होगी।
हड़ताल के चलते आम लोगों को बैंक और डाक सेवाओं सहित कई क्षेत्रों में असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।
ट्रंप का बड़ा फैसला: 14 देशों पर 1 अगस्त से टैरिफ लागू, भारत को राहत
अमेरिका ने बांग्लादेश, जापान, दक्षिण कोरिया समेत 14 देशों पर 25% से 40% तक टैक्स लगाया
टैरिफ 1 अगस्त से होंगे प्रभावी, भारत इस सूची में शामिल नहीं
ट्रंप ने कहा— व्यापार असंतुलन दूर करने के लिए यह कदम जरूरी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 14 देशों पर नया टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने का ऐलान किया है, जो 1 अगस्त से लागू होगा। इस फैसले में भारत को शामिल नहीं किया गया है, जिससे भारत को राहत मिली है।
इन देशों में बांग्लादेश, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे प्रमुख व्यापारिक साझेदार शामिल हैं। अलग-अलग देशों पर 25% से लेकर 40% तक का आयात शुल्क लगाया गया है। ट्रंप ने इस फैसले की जानकारी संबंधित देशों के राष्ट्राध्यक्षों को औपचारिक पत्र भेजकर दी है। सबसे पहले यह पत्र जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-म्यांग को भेजे गए।
ट्रंप का तर्क:
अपने पत्र में ट्रंप ने कहा कि,
“ये टैक्स जरूरी हैं ताकि अमेरिका और इन देशों के बीच व्यापार में जो असंतुलन है, उसे सुधारा जा सके।”
पृष्ठभूमि:
ट्रंप ने अप्रैल 2025 में भी ऐसा ही प्रस्ताव दिया था, जिसमें उन्होंने सभी अमेरिकी आयात पर 10% बेसलाइन टैक्स और 60 देशों पर अलग-अलग शुल्क लगाने की बात कही थी। उस समय इस घोषणा के चलते दुनियाभर के शेयर और बॉन्ड बाजारों में उथल-पुथल मच गई थी। इसके बाद उन्होंने टैरिफ को कुछ समय के लिए टाल दिया था ताकि देश नई व्यापारिक डील्स के लिए तैयार हो सकें।
बिहार में डोमिसाइल पॉलिसी लागू: अब सिर्फ राज्य की महिलाओं को मिलेगा 35% आरक्षण
सरकारी नौकरियों में महिलाओं को मिलने वाला 35% आरक्षण अब केवल बिहार की महिलाओं को मिलेगा
अन्य राज्यों की महिलाएं सामान्य श्रेणी में गिनी जाएंगी
पहले यह आरक्षण सभी राज्यों की महिलाओं पर समान रूप से लागू था
बिहार सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए डोमिसाइल पॉलिसी लागू कर दी है। इस नई नीति के तहत अब केवल बिहार की मूल निवासी महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण का लाभ मिलेगा।
क्या बदला है:
अब तक, बिहार में महिलाओं को 35% आरक्षण दिया जा रहा था, और इसका लाभ अन्य राज्यों की महिलाएं भी उठा सकती थीं। लेकिन नई डोमिसाइल नीति के तहत,
केवल बिहार की महिलाएं इस आरक्षण की पात्र होंगी
बाहर की महिलाओं को अब जनरल कैटेगरी में रखा जाएगा, यानी उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा
सरकार का उद्देश्य:
इस फैसले के पीछे सरकार का उद्देश्य राज्य की महिलाओं को रोजगार में प्राथमिकता देना है। यह कदम स्थानीय महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए लिया गया है, जिससे उन्हें सशक्तिकरण और सरकारी अवसरों में बढ़त मिल सके।
देश में अब तक सामान्य से 15% ज्यादा बारिश, MP में पुल टूटने से कार बही, 4 की मौत
अब तक देश में 254 मिमी बारिश, जबकि सामान्य 221.6 मिमी होती है
मध्य प्रदेश, हिमाचल, छत्तीसगढ़, राजस्थान और उत्तराखंड में बारिश से हालात गंभीर
हिमाचल में 6 दिन में 14 की मौत, 28 लोग लापता
भारत में इस मानसून सीजन में अब तक 254 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो कि सामान्य आंकड़े 221.6 मिमी से 15% अधिक है। लगातार बारिश के कारण देश के कई राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाओं की स्थिति बन गई है।
मध्य प्रदेश:
राज्य के बालाघाट, मंडला, सिवनी, इटारसी और कटनी जिलों में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात हैं। अनूपपुर जिले में एक पुल टूट गया, जिससे एक कार बह गई। इस हादसे में पति, पत्नी और दो बच्चों की मौत हो गई।
हिमाचल प्रदेश:
पिछले 6 दिनों में तेज बारिश के कारण 14 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 28 लोग लापता हैं। राहत की बात यह है कि अब मौसम सामान्य होने लगा है।
छत्तीसगढ़:
यहां तीन दिनों से मूसलधार बारिश हो रही है। बिलासपुर में कई इलाके पानी में डूब गए हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है।
राजस्थान:
राज्य के 20 से ज्यादा जिलों में लगातार बारिश जारी है, जिससे फसलों और यातायात पर असर पड़ा है।
उत्तराखंड:
पीपलकोटी क्षेत्र में भूस्खलन के कारण बद्रीनाथ हाईवे बंद हो गया है, जिससे तीर्थयात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
देशभर में बारिश ने जहां फसलों और जलस्रोतों के लिए राहत दी है, वहीं कई जगहों पर यह आपदा का कारण भी बन रही है। प्रशासन राहत कार्यों में जुटा है, लेकिन कई क्षेत्रों में स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है।
कांवड़ यात्रा से पहले योगी सरकार सख्त: ढाबों पर फूड सेफ्टी QR कोड अनिवार्य, शराब की दुकानें ढकी जाएंगी
कांवड़ रूट पर सभी होटल-ढाबों में फूड सेफ्टी QR स्टिकर लगाना अनिवार्य
शराब की दुकानें कांवड़ मार्ग पर ढकी जाएंगी, ड्रोन से निगरानी
QR कोड से रजिस्ट्रेशन, मालिक की जानकारी और मेन्यू स्कैन कर सकेंगे
उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा की तैयारियों को लेकर योगी सरकार ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। यात्रा 11 जुलाई से शुरू हो रही है और उससे पहले होटल-ढाबों की जांच और शराब दुकानों पर नियंत्रण की कार्यवाही तेज कर दी गई है।
QR स्टिकर अनिवार्य:
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) की टीमें कांवड़ रूट पर स्थित सभी ढाबों और रेस्टोरेंट्स पर फूड सेफ्टी QR कोड स्टिकर लगवा रही हैं।
ये स्टिकर ‘फूड सेफ्टी कनेक्ट ऐप’ से जुड़े होते हैं।
ग्राहक इसे स्कैन करके ढाबे का रजिस्ट्रेशन नंबर, मालिक का नाम, पता और मेन्यू देख सकते हैं।
लखनऊ और मुजफ्फरनगर में FSDA अधिकारियों ने कार्यवाही शुरू कर दी है।
शराब की दुकानों पर कार्रवाई:
यूपी के DGP राजीव कृष्ण ने जानकारी दी कि कांवड़ यात्रा के दौरान:
शराब की दुकानों को पूरी तरह ढकने का आदेश दिया गया है।
पूरे कांवड़ रूट की निगरानी ड्रोन से की जाएगी, ताकि सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद बनी रहे।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब नेम प्लेट विवाद और यात्रा सुरक्षा को लेकर सरकार पर लगातार नजर रखी जा रही है। सरकार चाहती है कि कांवड़ यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को सुरक्षित और साफ-सुथरा माहौल मिले।
इन उपायों से सरकार का उद्देश्य है कि यात्रा के दौरान कोई अव्यवस्था या अप्रिय स्थिति न पैदा हो और श्रद्धालुओं को बेहतर सेवाएं और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।