नमस्कार,
कल की बड़ी खबर BJP सांसद के बयान की रही, जिसमें देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट को जिम्मेदार ठहराया गया। वहीं राज और उद्धव ठाकरे ने 19 साल बाद साथ आने के संकेत दिए हैं।
⏰ आज के प्रमुख इवेंट्स:
- BJP देश भर में ‘वक्फ सुधार जागरूकता अभियान’ शुरू करेगी। यह 5 मई तक चलेगा।
- IPL में पंजाब-बेंगलुरु के बीच दिन का पहला और मुंबई-चेन्नई के बीच दूसरा मुकाबला खेला जाएगा।
📰 कल की बड़ी खबरें:
सांसद निशिकांत दुबे का सुप्रीम कोर्ट पर हमला: “गृहयुद्ध के लिए CJI जिम्मेदार”, BJP ने पल्ला झाड़ा
मुख्य बिंदु:
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BJP सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट और CJI संजीव खन्ना पर गंभीर आरोप लगाए
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर उपराष्ट्रपति और भाजपा नेताओं ने भी टिप्पणी की
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भाजपा ने बयान से खुद को अलग बताते हुए कहा कि यह नेताओं के निजी विचार हैं
आर्टिकल (संगठित और सरल रूप में):
BJP सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना के खिलाफ तीखा बयान दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमाओं से बाहर जाकर काम कर रहा है और देश में गृहयुद्ध की स्थिति के लिए CJI जिम्मेदार होंगे।
निशिकांत दुबे ने क्या कहा:
दुबे ने सवाल उठाया कि सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति जैसी अपॉइंटिंग अथॉरिटी को कैसे निर्देश दे सकता है। उन्होंने कहा:
“सीजेआई की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं और संसद देश में कानून बनाती है। अगर कोर्ट ही कानून बनाएगा, तो फिर संसद को बंद कर देना चाहिए। धार्मिक युद्ध और गृहयुद्ध जैसी स्थिति के लिए सिर्फ सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना जिम्मेदार होंगे।”
BJP ने बनाई दूरी:
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बयान से किनारा करते हुए कहा कि यह निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा के निजी विचार हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी का इन बयानों से कोई संबंध नहीं है।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई:
8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश दिया था कि राज्यपाल के पास किसी बिल पर वीटो पॉवर नहीं है और राष्ट्रपति को तीन महीने के भीतर किसी भी बिल पर निर्णय लेना होगा। यह आदेश 11 अप्रैल को सार्वजनिक हुआ।
इसके बाद, 17 अप्रैल को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने प्रतिक्रिया दी और कहा, “कोई अदालत राष्ट्रपति को आदेश नहीं दे सकती। कुछ जज ऐसे व्यवहार कर रहे हैं जैसे वे संसद से भी ऊपर हैं।”
यह पूरा मामला न्यायपालिका और विधायिका के बीच अधिकारों को लेकर बढ़ते टकराव को उजागर करता है।
19 साल बाद साथ आ सकते हैं राज और उद्धव ठाकरे, दोनों ने दिखाया सुलह का इशारा
मुख्य बिंदु:
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राज ठाकरे ने कहा कि राजनीतिक मतभेद महाराष्ट्र के सामने छोटी बात है
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उद्धव ठाकरे बोले, मेरी तरफ से कभी कोई झगड़ा नहीं था
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2005 में अलग होने के बाद अब पहली बार साथ आने की संभावना
आर्टिकल (संगठित और सरल रूप में):
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे के रिश्तों में 19 साल बाद सुलह के संकेत मिल रहे हैं। राज ठाकरे ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि उनके और उद्धव के बीच मतभेद जरूर हैं, लेकिन वे महाराष्ट्र की भलाई के सामने बहुत छोटी चीज हैं।
राज ठाकरे का बयान:
राज ठाकरे ने अभिनेता महेश मांजरेकर को दिए इंटरव्यू में कहा:
“हमारे बीच राजनीतिक मतभेद और झगड़े हैं, लेकिन महाराष्ट्र के हित के सामने यह सब बहुत छोटी बातें हैं।”
उद्धव ठाकरे का जवाब:
उद्धव ठाकरे ने भी सकारात्मक संकेत देते हुए कहा:
“मेरी तरफ से कभी कोई झगड़ा नहीं था।”
पार्टी में अलगाव और राजनीतिक सफर:
राज ठाकरे ने 27 नवंबर 2005 को शिवसेना से इस्तीफा दे दिया था, जब उद्धव को पार्टी का उत्तराधिकारी घोषित किया गया। अगले साल यानी 2006 में उन्होंने अपनी पार्टी महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (MNS) बनाई।
उसके बाद दोनों के रिश्ते लगातार तल्ख रहे। 2024 के विधानसभा चुनाव में उद्धव की पार्टी (शिवसेना UBT) को केवल 20 सीटें मिलीं, जबकि राज ठाकरे की MNS एक भी सीट नहीं जीत सकी।
अब जब दोनों नेता फिर से साथ आने के संकेत दे रहे हैं, तो महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है।
बांग्लादेश में हिंदू नेता की पीट-पीटकर हत्या, भारत ने उठाए अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर सवाल
मुख्य बिंदु:
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हिंदू नेता भाबेश चंद्र रॉय की अगवा कर बेरहमी से हत्या
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भारत ने कहा- बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों का योजनाबद्ध उत्पीड़न हो रहा
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इस साल अब तक अल्पसंख्यकों पर 72 हमले दर्ज
आर्टिकल (संगठित और सरल रूप में):
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता भाबेश चंद्र रॉय की बेरहमी से हत्या कर दी गई। गुरुवार को उन्हें उनके घर से अगवा किया गया और बाद में पीट-पीटकर मार डाला गया। यह घटना अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचारों की एक और मिसाल बन गई है।
भारत की प्रतिक्रिया:
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा,
“बांग्लादेश में एक पैटर्न के तहत हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं और उन्हें किसी सजा का डर नहीं है।”
अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमले:
5 अगस्त 2024 को शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है। इसके चलते अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर हिंदुओं पर हमलों में तेज़ी आई है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में संसद में बताया कि 2024 में अब तक बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की 2400 से अधिक घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं। इनमें से 72 हमले सिर्फ इसी साल सामने आए हैं।
भारत सरकार ने बांग्लादेश से मांग की है कि वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे।
कर्नाटक में जनेऊ पहनकर पहुंचे छात्रों को CET एग्जाम से रोका, मामला गरमाया
मुख्य बिंदु:
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शिवमोगा और बीदर में जनेऊ पहनने पर छात्रों को परीक्षा देने से रोका गया
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एक छात्र को जनेऊ न उतारने पर एग्जाम में बैठने नहीं दिया गया
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कर्नाटक ब्राह्मण महासभा ने की FIR, शिक्षा मंत्री बोले- आस्था का अपमान नहीं सहेंगे
आर्टिकल (संगठित और सरल रूप में):
कर्नाटक के दो जिलों—शिवमोगा और बीदर—में जनेऊ पहनकर CET परीक्षा देने पहुंचे छात्रों को परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया।
शिवमोगा जिले में परीक्षा केंद्र के बाहर तीन छात्रों से उनका जनेऊ उतरवाया गया, जबकि बीदर में एक छात्र को जनेऊ न उतारने पर परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी गई।
विवाद और शिकायत:
कर्नाटक ब्राह्मण महासभा ने इस घटना को धार्मिक आस्था का अपमान बताते हुए FIR दर्ज कराई है। मामला अब राज्यभर में चर्चा का विषय बन गया है।
सरकार और परीक्षा केंद्र की प्रतिक्रिया:
कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. एमसी सुधाकर ने बयान जारी करते हुए कहा,
“हम सभी धर्मों और उनकी आस्थाओं का सम्मान करते हैं। ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
हालांकि परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों का दावा है कि उन्होंने छात्रों को जनेऊ नहीं, बल्कि केवल “काशी धरा” (कलाई पर पहना जाने वाला पवित्र धागा) उतारने को कहा था, जो परीक्षा सुरक्षा नियमों के तहत जरूरी था।
मामला धार्मिक आस्था और परीक्षा नियमों की टकराहट का बनता दिख रहा है, जिस पर सरकार को जल्द स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की जा रही है।
दिल्ली के मुस्तफाबाद में 4 मंजिला इमारत ढही, 11 की मौत, 11 घायल; 8 एक ही परिवार के
मुख्य बिंदु:
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शुक्रवार रात ढाई बजे मुस्तफाबाद में चार मंजिला इमारत गिरी
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11 लोगों की मौत, जिनमें 8 एक ही परिवार के सदस्य
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तेज आंधी और बारिश के कारण हादसे की आशंका, MCD पर लापरवाही के आरोप
आर्टिकल (संगठित और सरल रूप में):
दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में शुक्रवार देर रात करीब ढाई बजे एक चार मंजिला पुरानी इमारत भरभरा कर गिर गई। इस दर्दनाक हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से 8 लोग एक ही परिवार के थे। वहीं 11 अन्य घायल हुए हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन:
बिल्डिंग के मलबे में कुल 22 लोग फंसे थे। राहत कार्य के लिए NDRF और दिल्ली पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं और करीब 12 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद घायलों और मृतकों को बाहर निकाला गया।
हादसे की वजह:
शुक्रवार रात को दिल्ली में अचानक मौसम बदला और तेज आंधी-बारिश शुरू हो गई। माना जा रहा है कि इसी खराब मौसम के चलते इमारत कमजोर होकर गिर गई।
स्थानीय प्रतिक्रिया और आरोप:
इलाके के विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने कहा,
“मुस्तफाबाद में कई अवैध और जर्जर इमारतें हैं। यह हादसा MCD की लापरवाही का नतीजा है। समय रहते कार्रवाई की जाती तो जानें बचाई जा सकती थीं।”
इस हादसे ने दिल्ली में पुरानी और कमजोर इमारतों की स्थिति को लेकर प्रशासन की तैयारी और जिम्मेदारी पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
राणा सांगा विवाद: अखिलेश बोले- मुझे जान से मारने की धमकी; सपा सांसद के घर हमला साजिशन हुआ
मुख्य बिंदु:
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अखिलेश यादव सपा सांसद रामजीलाल सुमन से मिलने आगरा पहुंचे
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बोले– फूलन देवी की तरह मारने की धमकी मिल रही है
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रामजीलाल के बयान के बाद करणी सेना ने उनके घर पर हमला किया
आर्टिकल (संगठित और सरल भाषा में):
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव राणा सांगा को लेकर विवादास्पद बयान देने वाले सपा सांसद रामजीलाल सुमन से मिलने के लिए आगरा पहुंचे। उन्होंने रामजीलाल के समर्थन में बयान देते हुए दावा किया कि उन्हें खुद को जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
अखिलेश यादव का बयान:
“मैं दलित सांसद रामजीलाल सुमन के साथ खड़ा हूं। मुझे धमकी मिल रही है कि जैसे फूलन देवी को मारा गया था, वैसे ही मुझे भी मारा जाएगा। रामजीलाल के घर पर जो हमला हुआ, वह अचानक नहीं बल्कि एक साजिश के तहत किया गया था।”
क्या था पूरा विवाद:
रामजीलाल सुमन ने 21 मार्च को राज्यसभा में कहा था:
“भाजपा वालों का तकिया कलाम हो गया है कि मुसलमानों में बाबर का DNA है। फिर हिंदुओं में किसका DNA है? बाबर को भारत में इब्राहिम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा लाया था। मुसलमान बाबर की औलाद हैं तो तुम (हिंदू) गद्दार राणा सांगा की औलाद हो।”
उनके इस बयान के बाद देशभर में विरोध शुरू हो गया। 26 मार्च को आगरा स्थित उनके घर पर करणी सेना ने पथराव और तोड़फोड़ की।
यह मामला अब राजनीतिक और सामाजिक रूप से गंभीर मोड़ ले चुका है, जिसमें कानून व्यवस्था और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दोनों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
IPL 2025: गुजरात का सबसे बड़ा रन चेज, दिल्ली को 7 विकेट से हराया; लखनऊ ने राजस्थान को 2 रन से हराया
मुख्य बिंदु:
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गुजरात टाइटंस ने दिल्ली के 204 रन के टारगेट को सिर्फ 3 विकेट खोकर हासिल किया
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जोस बटलर ने 97 रन की जबरदस्त पारी खेली
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लखनऊ ने राजस्थान को रोमांचक मुकाबले में 2 रन से हराया
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ऐडन मार्करम और आयुष बडोनी ने अर्धशतक लगाए, आवेश खान ने 3 विकेट लिए
मैच रिपोर्ट (संगठित):
1. GT vs DC मैच:
दिल्ली कैपिटल्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 विकेट पर 203 रन बनाए।
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अक्षर पटेल: 39 रन
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आशुतोष शर्मा: 37 रन
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करुण नायर: 31 रन
गुजरात टाइटंस ने यह लक्ष्य 20वें ओवर में सिर्फ 3 विकेट खोकर हासिल कर लिया।
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जोस बटलर: 97 रन (मैच विनिंग पारी)
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शरफेन रदरफोर्ड: 43 रन
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प्रसिद्ध कृष्णा: 4 विकेट (DC पारी में)
यह गुजरात की IPL इतिहास की सबसे बड़ी रन चेज थी और दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ किसी भी टीम का सबसे बड़ा टारगेट चेज।
2. RR vs LSG मैच:
लखनऊ सुपरजायंट्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 5 विकेट पर 180 रन बनाए।
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ऐडन मार्करम: 56 रन
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आयुष बडोनी: 52 रन
राजस्थान रॉयल्स 20 ओवर में 5 विकेट पर 178 रन ही बना सकी।
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यशस्वी जायसवाल: 74 रन
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रियान पराग: 39 रन
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आवेश खान (LSG): 3 विकेट
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वनिंदु हसरंगा (RR): 2 विकेट
लखनऊ ने यह मुकाबला महज 2 रन से जीत लिया, जो सीजन के सबसे रोमांचक मैचों में से एक रहा।
टेकअवे:
गुजरात की बैटिंग गहराई और बटलर की क्लास ने उन्हें टेबल में मजबूत किया, वहीं लखनऊ की बॉलिंग ने मुश्किल वक्त में कमाल दिखाया। IPL 2025 रोमांचक मोड़ पर है।