AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बड़ौद गांव की रूपल राणा ने UPSC परीक्षा में ऑल इंडिया 26वीं रैंक हासिल कर एक मिसाल कायम की है। उनकी यह सफलता संघर्ष और दृढ़ निश्चय की अनूठी कहानी है।
तीसरे प्रयास में मिली सफलता
रूपल ने अपने तीसरे प्रयास में यह परीक्षा पास की। उनके पिता जसवीर राणा दिल्ली पुलिस में ASI के पद पर कार्यरत हैं। परिवार ने रूपल की तैयारी के हर कदम पर उनका साथ दिया। खासकर, उनकी मां अंजू राणा ने हमेशा उन्हें प्रेरित किया।
मुश्किल वक्त में जारी रखी तैयारी
जब रूपल मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रही थीं, तब उनकी मां गंभीर रूप से बीमार हो गईं। इसके बावजूद, उन्होंने अपनी मां की देखभाल के साथ पढ़ाई जारी रखी। रूपल का कहना है कि उनकी मां ही उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा थीं।
मां के निधन के बाद भी नहीं रुकी हिम्मत
मुख्य परीक्षा पास करने के ढाई महीने बाद, रूपल की मां का बीमारी के चलते निधन हो गया। यह समय उनके लिए बेहद कठिन था, लेकिन उनके पिता जसवीर राणा ने उन्हें संभाला। उन्होंने रूपल को याद दिलाया कि उनकी सफलता उनकी मां के सपनों को साकार करेगी।
इंटरव्यू में भी छाप छोड़ी
अपने पिता और परिवार के समर्थन से रूपल ने इंटरव्यू में भी शानदार प्रदर्शन किया और 26वीं रैंक हासिल की। यह सफलता उनके लिए मां को श्रद्धांजलि से कम नहीं थी।
परिवार ने बांटी खुशी
रूपल के छोटे भाई ऋषभ राणा और बहन स्वीटी राणा उनकी इस उपलब्धि पर बेहद खुश हैं। हालांकि, मां की कमी ने इस खुशी को भावुक बना दिया। स्वीटी ने बताया कि यह दिन उनकी मां के बिना अधूरा सा लगा, लेकिन रूपल की सफलता से पूरा परिवार गर्वित है।
संघर्ष से मिली प्रेरणा
रूपल की कहानी बताती है कि कठिन परिस्थितियों में भी परिवार का समर्थन और अपनी मेहनत से बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं। उनकी यह उपलब्धि देशभर के युवाओं के लिए प्रेरणा है।
निष्कर्ष:
रूपल राणा ने साबित कर दिया कि किसी भी मुश्किल घड़ी में आत्मविश्वास और मेहनत के दम पर सफलता हासिल की जा सकती है। उनके माता-पिता और परिवार का समर्थन उनकी इस कामयाबी की नींव था। उनकी कहानी संघर्ष और दृढ़ निश्चय की मिसाल है।