MP High Court Orders FIR Against Minister Vijay Shah for Derogatory Remarks on Army Officer
विवादित बयान पर हाईकोर्ट की कड़ी फटकार: मंत्री विजय शाह के खिलाफ तुरंत FIR का आदेश
AIN NEWS 1: मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह द्वारा सेना की वरिष्ठ अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए विवादित बयान पर अब मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बुधवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए मंत्री को कड़ी फटकार लगाई और उनके खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया।
अदालत ने जताई नाराजगी
न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और न्यायमूर्ति अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि मंत्री के बयान न केवल एक महिला अधिकारी बल्कि पूरे सशस्त्र बलों का अपमान है। अदालत ने कहा कि इस तरह की भाषा देश के अंतिम ईमानदार संस्थान, यानी सेना, के सम्मान के विरुद्ध है।
‘गटर जैसी भाषा’ पर कोर्ट ने जताया रोष
कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि विजय शाह ने “गटर की भाषा” का इस्तेमाल किया है, जो निंदनीय है। कोर्ट ने इस बयान को बेहद गंभीर मानते हुए कहा कि यह बयान विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने वाला है और देश की एकता एवं अखंडता के लिए भी खतरनाक हो सकता है।
FIR के लिए 4 घंटे का समय
हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश पुलिस को आदेश दिया कि बुधवार शाम 6 बजे तक मंत्री विजय शाह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए। अदालत ने मौखिक टिप्पणी में कहा – “अभी एफआईआर दर्ज करिए, तुरंत करिए… हो सकता है कल मैं जिंदा न रहूं… मैं आपको चार घंटे का समय दे रहा हूं।” अदालत का यह बयान यह दर्शाता है कि वह मामले को कितनी गंभीरता से ले रही है।
डीजीपी को चेतावनी
अदालत ने डीजीपी को चेताया कि यदि आदेश का पालन नहीं हुआ, तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही भी शुरू की जा सकती है। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि महाधिवक्ता कार्यालय यह आदेश डीजीपी को तत्काल भेजे और इसकी अनुपालन की पुष्टि भी करे।
इन धाराओं में दर्ज हो केस
हाईकोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को स्पष्ट निर्देश दिए कि मंत्री विजय शाह पर भारत के नए आपराधिक संहिता (BNS) की निम्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाए:
धारा 152: भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य।
धारा 196 (1)(B): धर्म, जाति, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना।
धारा 197 (1)(C): घृणा या शत्रुता फैलाने वाले बयान या कृत्य।
सेना की तारीफ, मंत्री की आलोचना
अदालत ने अपने बयान में भारतीय सेना की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था देश में अनुशासन, बलिदान, ईमानदारी और सेवा की प्रतिमूर्ति है। देशवासी सेना को अपने गौरव के रूप में देखते हैं और ऐसे में मंत्री द्वारा इस्तेमाल की गई अभद्र भाषा को कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
क्या था बयान?
गौरतलब है कि मंत्री विजय शाह ने महू के अंबेडकर नगर के राय कुंडा गांव में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। उनका यह बयान सोशल मीडिया और मीडिया में तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद अदालत ने स्वत: संज्ञान लिया।
अदालत ने क्यों लिया स्वत: संज्ञान?
अदालत ने स्पष्ट किया कि देश के सम्मानित संस्थानों के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह केवल एक महिला अधिकारी पर हमला नहीं बल्कि पूरे सशस्त्र बल और राष्ट्रीय मूल्यों के खिलाफ है। इसलिए अदालत ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई को जरूरी माना।
The Madhya Pradesh High Court has ordered an immediate FIR against Minister Vijay Shah for his derogatory remark against Colonel Sophia Qureshi, a senior Indian Army officer. The court termed the minister’s language as “gutter language” and deemed it offensive not only to the officer but to the integrity and honor of the entire armed forces. With the FIR to be filed under serious sections of the Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS), the Vijay Shah controversy has raised questions about political accountability and respect for the Indian Army.