AIN NEWS 1 नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद मनोज तिवारी ने देश में ‘सनातन बोर्ड’ की स्थापना की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि वे इस मांग को संसद में उठाने की तैयारी कर रहे हैं। तिवारी के अनुसार, सनातन संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए एक अलग बोर्ड की स्थापना अब समय की मांग है।
सनातन संस्कृति के संरक्षण की आवश्यकता
मनोज तिवारी ने कहा, “देश में सनातन संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने के लिए एक समर्पित बोर्ड बनाना बेहद जरूरी हो गया है। यह बोर्ड उन मुद्दों पर काम करेगा, जो हमारी सनातन संस्कृति और मूल्यों को मजबूत करने में सहायक होंगे।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि देश की विविधता और प्राचीन परंपराओं को बचाने के लिए एक सशक्त संगठन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “सनातन धर्म केवल पूजा-पद्धतियों तक सीमित नहीं है, यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कारों और समाज की आधारशिला है।”
संसद में उठाएंगे मुद्दा
तिवारी ने अपने बयान में यह भी कहा कि वह इस मांग को संसद के आगामी सत्र में उठाएंगे। उन्होंने भरोसा जताया कि इस पर व्यापक चर्चा होगी और सरकार इसे गंभीरता से लेगी।
सनातन बोर्ड क्या करेगा?
सांसद तिवारी के मुताबिक, प्रस्तावित ‘सनातन बोर्ड’ का उद्देश्य होगा:
1. धार्मिक स्थलों और सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा: यह बोर्ड ऐतिहासिक मंदिरों और धार्मिक स्थलों के संरक्षण में योगदान देगा।
2. परंपराओं और संस्कारों का प्रचार-प्रसार: सनातन धर्म से जुड़ी परंपराओं को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।
3. समाज में जागरूकता फैलाना: बोर्ड लोगों को सनातन संस्कृति के महत्व और उसकी वैज्ञानिक दृष्टिकोण के बारे में जानकारी देगा।
जनता से समर्थन की अपील
तिवारी ने जनता से अपील की कि वे इस विचार का समर्थन करें। उन्होंने कहा, “यह बोर्ड न केवल सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि यह देश की सांस्कृतिक विरासत को भी संरक्षित करेगा।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा
हालांकि, तिवारी के इस बयान पर विपक्षी दलों की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि संसद में इस मुद्दे पर क्या चर्चा होती है और सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है।
सांसद तिवारी का यह कदम भाजपा के एजेंडे को आगे बढ़ाने और देश में सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।