AIN NEWS 1: पाकिस्तानी आतंकी संगठन जमात-उद-दावा (JuD) का डिप्टी चीफ अब्दुल रहमान मक्की का निधन हो गया है। सूत्रों के अनुसार, मक्की की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई। वह मुंबई आतंकी हमले का आरोपी था, जिसमें 2008 में भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई में कई निर्दोष लोगों की जान गई थी।
अब्दुल रहमान मक्की का नाम भारत में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के कारण सूचीबद्ध था। भारत सरकार मक्की की गिरफ्तारी की कोशिश कर रही थी, लेकिन वह पाकिस्तान में छिपा हुआ था। मक्की पाकिस्तान के आतंकी सरगना हाफिज सईद का रिश्तेदार भी था, जो लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का संस्थापक है और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड के रूप में भी जाना जाता है।
मुंबई हमले से जुड़ा नाम
2008 में हुए मुंबई हमले में 166 से अधिक लोग मारे गए थे, और सैकड़ों अन्य घायल हो गए थे। इस हमले की योजना लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने बनाई थी, और मक्की का नाम भी इस साजिश में शामिल था। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां मक्की को दोषी मानती थीं और उसकी तलाश में जुटी हुई थीं। हालांकि, मक्की पाकिस्तान में सुरक्षा के घेरे में था और भारत को उसकी गिरफ्तारी के लिए कई बार पाकिस्तान से आग्रह किया था, लेकिन इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
जमात-उद-दावा और पाकिस्तान का संबंध
अब्दुल रहमान मक्की जमात-उद-दावा का डिप्टी चीफ था, जो पाकिस्तान में एक आतंकवादी संगठन है। इस संगठन को भारत, अमेरिका और अन्य देशों ने आतंकवादियों को बढ़ावा देने के आरोप में प्रतिबंधित किया हुआ है। मक्की के पाकिस्तान में रहने की वजह से भारत के लिए उसे पकड़ना एक बड़ी चुनौती थी। पाकिस्तान के अधिकारियों ने हमेशा मक्की और अन्य आतंकवादियों को बचाने की कोशिश की, जिससे भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता रहा।
मक्की का निधन और भविष्य की उम्मीदें
मक्की के निधन से भले ही एक बड़े आतंकी चेहरे का सफाया हुआ हो, लेकिन मुंबई हमले के मामले में न्याय की प्रक्रिया अब भी अधूरी है। भारत की सुरक्षा एजेंसियां अब भी हमले में शामिल अन्य आतंकवादियों की तलाश में हैं। मक्की की मौत के बाद यह देखना होगा कि पाकिस्तान इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या वह आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि क्या पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाएगा या फिर ऐसे आतंकियों को पनाह देना जारी रखेगा।