AIN NEWS 1: इजरायल ने हाल ही में मस्जिदों में अजान देने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है, जिसके बाद मुस्लिम देशों में गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है। इस निर्णय के तहत, इजरायली पुलिस को अजान के दौरान शोर करने के लिए जुर्माना लगाने का आदेश भी दिया गया है।
इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इटमार बेन ग्वीर ने इस प्रतिबंध का समर्थन करते हुए कहा कि अजान के जरिए मुस्लिम समुदाय, विशेष रूप से यहूदी नागरिकों को बिना कारण के परेशान करते हैं। उनका कहना था कि अजान से उत्पन्न शोर और अराजकता से निपटना जरूरी हो गया है, ताकि शांति बनाए रखी जा सके।
मंत्री बेन ग्वीर ने यह भी कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि इजरायल में शहरी क्षेत्रों में अजान का शोर बहुत बढ़ गया था, जिससे नागरिकों को परेशानी हो रही थी। उनका यह भी कहना था कि यह निर्णय न केवल सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए, बल्कि नागरिकों के मानसिक और शारीरिक कल्याण को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
हालांकि, इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम देशों में विरोध शुरू हो गया है। कई मुस्लिम देशों ने इस कदम को धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया और इजरायल की आलोचना की। इन देशों का कहना है कि अजान एक धार्मिक अधिकार है, और इसे प्रतिबंधित करना इस अधिकार का उल्लंघन है।
इजरायल के इस निर्णय से मध्य-पूर्व में स्थिति और भी तनावपूर्ण हो सकती है, जहां इजरायल और मुस्लिम देशों के बीच पहले से ही राजनीतिक और धार्मिक विवाद चल रहे हैं। मुस्लिम देशों के नेताओं ने इस कदम को “विरोधाभासी और अपमानजनक” करार दिया है और इसे इजरायल द्वारा मुस्लिमों के धार्मिक अधिकारों पर हमला मानते हुए इस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कार्रवाई की मांग की है।
इस बीच, इजरायल सरकार का कहना है कि यह निर्णय सभी धर्मों के नागरिकों के बीच बेहतर सह-अस्तित्व के लिए लिया गया है और इसका उद्देश्य धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं है, बल्कि शांति और व्यवस्था बनाए रखना है।
इजरायल का यह कदम न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि राजनीतिक रूप से भी बहुत संवेदनशील है। इस मुद्दे ने इजरायल के अंदर और बाहर भारी चर्चा का विषय बना दिया है, और आगे भी इसके परिणामों पर गहरी नजर रखी जाएगी।