Muslim Men Caught Stealing During Kanwar Yatra by Disguising as Hindus
कांवड़ यात्रा में भेष बदलकर चोरी: चार आरोपी गिरफ्तार, धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला
AIN NEWS 1: कांवड़ यात्रा, जिसे हिन्दू धर्म में एक पवित्र यात्रा माना जाता है, इस बार एक चिंताजनक घटना के चलते चर्चा में है। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में पुलिस ने ऐसे चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जो भेष बदलकर और हिंदू नाम रखकर कांवड़ यात्रा के दौरान सेवा शिविरों में श्रद्धालुओं का सामान चुरा रहे थे।
कौन हैं गिरफ्तार आरोपी?
गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों के नाम हैं:
मोहम्मद सुहेल
मोहम्मद शेरखान
मोहम्मद आसिफ
मोहम्मद आबिद
इन सभी ने हिंदू नामों का सहारा लेकर शिव भक्तों में घुलने-मिलने की कोशिश की, ताकि उन पर कोई शक न हो। वे शिविरों में श्रद्धालुओं की सेवा के नाम पर मौजूद रहते और मौका मिलते ही उनका सामान पार कर देते थे।
किस तरह देते थे वारदात को अंजाम?
पुलिस की जांच में सामने आया है कि ये लोग कांवड़ियों की भीड़ का फायदा उठाकर फोन, पर्स, दान पेटी में रखे पैसे, और श्रद्धालुओं का अन्य सामान चोरी करते थे। उन्होंने हिंदू पहचान अपना रखी थी ताकि शिविर आयोजक और श्रद्धालु उन्हें सेवा भावी समझकर अंदर आने दें।
उन्होंने सेवा शिविरों में स्वयंसेवकों की तरह काम करने का नाटक किया। कुछ ने तो तिलक लगाकर और भगवा वस्त्र पहनकर शिविरों में शामिल होने की कोशिश की।
पुलिस की सक्रियता से हुआ खुलासा
पिछले कुछ दिनों में लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कांवड़ियों का सामान शिविरों से गायब हो रहा है। इसके बाद पुलिस ने सादा वर्दी में टीम बनाकर निगरानी शुरू की। जांच के दौरान इन चारों पर शक हुआ और पूछताछ में जब उनकी असल पहचान सामने आई, तो हर कोई हैरान रह गया।
इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है और इनके पास से चोरी किया गया सामान भी बरामद कर लिया गया है।
पूर्व में भी रह चुके हैं आरोपी
पुलिस के अनुसार, ये चारों पहले भी चोरी के मामलों में गिरफ्तार हो चुके हैं। इनमें से कुछ पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी मुकदमे दर्ज हैं। इस बार भी इन्हें गैंगस्टर एक्ट के तहत जेल भेजा जा रहा है, जिससे आगे ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके।
धार्मिक भावनाओं पर हमला
इस घटना ने हिंदू समाज की धार्मिक भावनाओं को गहरी चोट पहुंचाई है। जिस यात्रा को लोग आस्था और भक्ति के साथ करते हैं, उसमें इस प्रकार की घटनाएं न सिर्फ असुरक्षा का भाव पैदा करती हैं, बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द को भी प्रभावित करती हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की वारदातें यात्रा की पवित्रता को ठेस पहुंचाने की कोशिश हैं। ऐसे तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा।
सुरक्षा व्यवस्था हुई और सख्त
इस घटना के बाद मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने कांवड़ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था और सख्त कर दी है। अब शिविरों में तैनात सभी व्यक्तियों की पहचान पत्र की जांच की जा रही है। बिना वैध पहचान या अनुमति के शिविर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा।
सभी पुलिसकर्मियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की गतिविधियों पर नजर रखें और जरूरी हो तो तत्काल पूछताछ करें।
समाज की जिम्मेदारी भी अहम
इस पूरे घटनाक्रम ने यह भी बताया कि सिर्फ प्रशासन पर निर्भर रहना काफी नहीं है। समाज के लोगों, खासकर शिविर आयोजकों और श्रद्धालुओं को भी सजग रहना होगा। किसी भी अज्ञात व्यक्ति को शिविर में सेवा करने की अनुमति देने से पहले उसकी पूरी जानकारी अवश्य लें।
यदि कोई व्यक्ति संदिग्ध लगे या उसका व्यवहार असामान्य हो, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।
कांवड़ यात्रा की पवित्रता को बनाए रखना केवल सरकार या पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है, यह हर नागरिक की साझी जिम्मेदारी है। कुछ असामाजिक तत्व इस यात्रा को बदनाम करने की कोशिश करते हैं, लेकिन हमारी जागरूकता और एकजुटता उनके मंसूबों को विफल कर सकती है।
मुजफ्फरनगर पुलिस की सक्रियता और तत्परता से इस बार चार आरोपी पकड़े गए हैं, जो अपने असली नाम और पहचान छुपाकर श्रद्धालुओं के बीच घुले मिले थे। उम्मीद है कि आगे से ऐसे किसी भी प्रयास को न केवल रोका जाएगा, बल्कि कड़ी सजा भी दी जाएगी।
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During the 2025 Kanwar Yatra, the Muzaffarnagar police arrested four individuals — Mohammed Suhail, Mohammed Sherkhan, Mohammed Asif, and Mohammed Abid — who disguised themselves with Hindu names to blend in with devotees and steal from service camps. The arrests came after continuous reports of thefts and raised serious concerns about religious sentiment and pilgrimage security. The accused are repeat offenders and have now been booked under the Gangster Act.