AIN NEWS 1: महाराष्ट्र के नाशिक जिले के बोरिचीवाड़ी गांव में जल संकट इतना बढ़ गया है कि महिलाओं को अपनी जान जोखिम में डालकर कुएं में उतरना पड़ रहा है। यह घटना राज्य में जल प्रबंधन की गंभीर स्थिति और सूखे की मार की ओर इशारा करती है।
पानी के लिए कुएं में उतरती महिलाएं
बोरिचीवाड़ी गांव में पानी की भारी किल्लत है। यहां की महिलाओं को रोजाना कई किलोमीटर दूर चलकर पानी लाना पड़ता है, लेकिन अब हालात इतने खराब हो चुके हैं कि उन्हें सूखते कुएं में सीढ़ियों और पत्थरों के सहारे नीचे उतरकर पानी निकालना पड़ रहा है।
जोखिम से भरा यह काम मजबूरी बन गया है
कुएं की गहराई और उसके भीतर की फिसलन भरी दीवारें इस काम को और भी खतरनाक बना देती हैं। कई महिलाएं इस दौरान चोटिल हो चुकी हैं। लेकिन मजबूरी ऐसी है कि उन्हें यह जोखिम उठाना ही पड़ रहा है क्योंकि गांव में कोई वैकल्पिक जल स्रोत उपलब्ध नहीं है।
सरकारी योजनाओं का अभाव या निष्क्रियता
गांव के लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार प्रशासन से पानी की व्यवस्था की मांग की, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। टैंकर भी कभी-कभार ही आता है और वह भी पर्याप्त पानी नहीं देता।
गांव की स्थिति का सामाजिक और स्वास्थ्य पर प्रभाव
इस जल संकट का असर केवल रोजमर्रा की जिंदगी पर ही नहीं, बल्कि महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। साफ पानी की कमी के कारण बीमारियां फैल रही हैं। बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है क्योंकि महिलाओं को पानी लाने में इतना समय लग जाता है कि बच्चों की देखभाल पीछे छूट जाती है।
स्थानीय लोग खुद कर रहे हैं इंतजाम
कुछ ग्रामीणों ने मिलकर पुराने कुओं की सफाई शुरू की है और पानी स्टोर करने के लिए छोटे तालाब खोदने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बिना सरकारी मदद के यह सब पर्याप्त नहीं है।
मौसम विभाग और विशेषज्ञों की चेतावनी
मौसम विभाग का कहना है कि महाराष्ट्र के कई हिस्सों में इस साल बारिश सामान्य से काफी कम हुई है। जल विशेषज्ञों ने चेताया है कि यदि वर्षा जल संचयन और जल प्रबंधन को प्राथमिकता नहीं दी गई, तो आने वाले सालों में और भी गंभीर संकट खड़ा हो सकता है।
जरूरी है त्वरित और दीर्घकालिक समाधान
बोरिचीवाड़ी गांव की यह स्थिति एक चेतावनी है कि हमें तुरंत और दीर्घकालिक समाधान अपनाने होंगे। वर्षा जल संचयन, पाइपलाइन जल आपूर्ति और कुओं की मरम्मत जैसी योजनाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए।
नाशिक का बोरिचीवाड़ी गांव आज जिस जल संकट का सामना कर रहा है, वह सिर्फ एक गांव की कहानी नहीं, बल्कि पूरे देश के कई ग्रामीण इलाकों की सच्चाई है। यह समय है जब सरकार और समाज दोनों को मिलकर काम करना होगा ताकि आने वाली पीढ़ियां पानी के लिए कुएं में उतरने को मजबूर न हों।
In Borichiwadi village of Nashik, Maharashtra, a severe water crisis has forced women to descend into a deep well to fetch water, highlighting the alarming drought conditions and poor water management in rural India. This dangerous act underscores the growing water crisis in Indian villages, especially in Maharashtra, where the situation in 2025 has reached a critical point. As rural communities struggle with basic water access, the incident has drawn attention to the urgent need for sustainable solutions and improved infrastructure.