माता चंद्रघंटा की आराधना: प्रीति खरब और उनकी बेटी ने श्रद्धा से सजाया दरबार, मांगी सुख-शांति की कामना!

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तीसरे नवरात्र की भव्यता और श्रद्धा

AIN NEWS 1: नवरात्रि का प्रत्येक दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की उपासना के लिए समर्पित होता है। तीसरे दिन भक्त मां चंद्रघंटा की पूजा करते हैं। माना जाता है कि मां चंद्रघंटा की आराधना से भय दूर होता है, शांति मिलती है और साधक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

मंगल विहार निवासी प्रीति खरब और उनकी बेटी ने इसी पावन अवसर पर अपने घर में मां चंद्रघंटा का सुंदर दरबार सजाया। उन्होंने पूरे घर को फूलों, दीपकों और सजावटी वस्तुओं से सुसज्जित किया। माता के चरणों में सुगंधित पुष्प अर्पित किए और घर के वातावरण को भक्ति से सराबोर कर दिया।

मां के दरबार की सजावट और भोग

प्रीति खरब और उनकी बिटिया ने माता को बड़े प्यार और मनोयोग से सजाया। उन्होंने माता की प्रतिमा को श्रृंगार सामग्री, चुनरी और आभूषणों से अलंकृत किया। घर का हर कोना मानो भक्ति और विश्वास से जगमगाने लगा।

पूजन के बाद उन्होंने माता को विभिन्न प्रकार के भोग अर्पित किए—जिसमें फल, मिठाइयाँ और विशेष प्रसाद शामिल थे। भोग अर्पण के पश्चात मां की आरती की गई। आरती के समय वातावरण में घनघनाती घंटियों की ध्वनि और “जय माता दी” के जयकारे गूंज उठे।

सुख-शांति और समृद्धि की प्रार्थना

पूजा संपन्न होने के बाद प्रीति खरब ने माता से अपने परिवार और समाज के लिए सुख, शांति और समृद्धि की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि नवरात्रि सिर्फ पूजा का समय नहीं है, बल्कि यह हमें सकारात्मक सोच और शक्ति का अनुभव कराता है।

उनकी बेटी ने भी उत्साहपूर्वक माता की सेवा और पूजन में भाग लिया। छोटे हाथों से माता को फूल अर्पित करते समय उसकी मासूमियत और श्रद्धा देखने लायक थी।

नवरात्रि का सामूहिक महत्व

इस आयोजन में सिर्फ परिवार ही नहीं, बल्कि आसपास के लोगों ने भी भाग लिया। पड़ोसी और रिश्तेदार पूजा में सम्मिलित हुए और सबने मिलकर माता का स्मरण किया। सामूहिक रूप से किए गए इस आयोजन ने पूरे माहौल को और भी पवित्र बना दिया।

माना जाता है कि जब लोग मिलकर माता की आराधना करते हैं, तो वहां सिर्फ पूजा नहीं होती, बल्कि एक सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण तैयार होता है।

मां चंद्रघंटा की महिमा

मां दुर्गा का तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा कहलाता है। उनके मस्तक पर अर्धचंद्र के आकार की घंटी होने के कारण उन्हें यह नाम मिला। देवी चंद्रघंटा को साहस और वीरता की देवी माना जाता है। भक्तों का विश्वास है कि उनकी पूजा से सभी प्रकार के भय दूर होते हैं और जीवन में शांति का आगमन होता है।

प्रीति खरब और उनकी बेटी का यह भावपूर्ण आयोजन इस बात का प्रतीक है कि आस्था सिर्फ पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारी सोच, हमारे परिवार और समाज पर भी सकारात्मक प्रभाव डालती है।

तीसरे नवरात्र की इस पूजा ने यह संदेश दिया कि भक्ति और श्रद्धा के साथ किया गया कोई भी कार्य आत्मिक शांति और सुख का माध्यम बन जाता है। प्रीति खरब और उनकी बेटी द्वारा किए गए इस आयोजन ने न केवल उनके घर को दिव्यता से भर दिया, बल्कि सभी के लिए यह प्रेरणा बन गया कि माता की पूजा में प्रेम, श्रद्धा और सामूहिकता सबसे महत्वपूर्ण हैं।

On the third day of Navratri 2025, devotees worship Goddess Chandraghanta for peace, courage, and prosperity. In Mangal Vihar, Preeti Kharb and her daughter beautifully decorated the goddess, offered prayers, and performed rituals with deep devotion. Their Navratri celebration was filled with traditional puja, bhog, and collective prayers, creating a spiritual atmosphere of positivity and harmony. This event highlights the true spirit of Navratri festival in India, where families come together to honor Goddess Durga and seek her divine blessings.

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