AIN NEWS 1 | भारत की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर सीपी राधाकृष्णन के नाम का ऐलान किया है। रविवार (17 अगस्त 2025) को बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में यह बड़ा फैसला लिया गया।
निर्णय के तुरंत बाद सीपी राधाकृष्णन दिल्ली पहुंचे, जहां एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत हुआ। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और भूपेंद्र यादव के साथ दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी उन्हें रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचीं। इसके बाद राधाकृष्णन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की।
पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा,
“सीपी राधाकृष्णन जी से मुलाकात की और उन्हें एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाए जाने पर शुभकामनाएं दीं। उनकी लंबी जनसेवा और विभिन्न क्षेत्रों में अनुभव हमारे राष्ट्र के लिए अमूल्य साबित होगा। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वे हमेशा की तरह पूरे समर्पण और दृढ़ संकल्प के साथ देश की सेवा करते रहें।”
पीएम मोदी का यह संदेश साफ दर्शाता है कि वे राधाकृष्णन के काम और उनके व्यक्तित्व से गहराई से प्रभावित हैं।
तमिलनाडु से जुड़ा मजबूत रिश्ता
सीपी राधाकृष्णन मूल रूप से तमिलनाडु से आते हैं और वहां उन्होंने जमीनी स्तर पर लंबा समय काम किया है। गरीब और वंचित वर्गों को सशक्त बनाने के लिए उनके प्रयास हमेशा चर्चा में रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस बात को रेखांकित करते हुए कहा कि,
“राधाकृष्णन ने हाशिये पर खड़े लोगों को आगे बढ़ाने और उन्हें अवसर देने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। उनका समर्पण, विनम्रता और दूरदृष्टि उन्हें एक अलग पहचान देती है।”
एनडीए का बड़ा फैसला
बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद यह घोषणा हुई कि राधाकृष्णन एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। इस फैसले को एनडीए परिवार का सर्वसम्मत समर्थन मिला है। पार्टी का मानना है कि उनका राजनीतिक और सामाजिक अनुभव उन्हें इस पद के लिए योग्य उम्मीदवार बनाता है।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उम्मीद जताई कि विपक्ष भी इस फैसले का समर्थन करेगा। उन्होंने कहा,
“हम चाहते हैं कि आगामी उपराष्ट्रपति का चुनाव सर्वसम्मति से हो। इसके लिए हम विपक्षी नेताओं से भी लगातार संवाद कर रहे हैं।”
राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर
सीपी राधाकृष्णन का नाम भारतीय राजनीति में एक ईमानदार और सादगीपूर्ण नेता के तौर पर लिया जाता है।
वे लंबे समय से बीजेपी से जुड़े हुए हैं।
कई वर्षों तक पार्टी संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली हैं।
समाजसेवा, शिक्षा और विकास से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई है।
तमिलनाडु जैसे राज्य में, जहां बीजेपी की जड़ें मजबूत करने में लगातार प्रयास हुए हैं, वहां राधाकृष्णन ने पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने में अहम योगदान दिया है।
प्रधानमंत्री से मुलाकात का महत्व
दिल्ली पहुंचकर राधाकृष्णन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार मुलाकात की। यह मुलाकात सिर्फ औपचारिकता नहीं थी, बल्कि यह उस विश्वास और सम्मान को भी दर्शाती है जो बीजेपी नेतृत्व उनके प्रति रखता है। पीएम मोदी ने उनके अनुभव और कार्यशैली की तारीफ करते हुए उन्हें देश के लिए प्रेरणास्रोत नेता बताया।
विपक्ष का रुख
हालांकि अभी तक विपक्ष की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन बीजेपी और एनडीए को उम्मीद है कि इस बार उपराष्ट्रपति चुनाव सर्वसम्मति से संपन्न होगा। राधाकृष्णन की छवि एक साफ-सुथरे, मेहनती और विनम्र नेता की है, जिसकी वजह से उन्हें व्यापक समर्थन मिलने की संभावना है।
जनता के बीच लोकप्रियता
तमिलनाडु में सीपी राधाकृष्णन सिर्फ एक राजनेता नहीं बल्कि जनसेवक के रूप में पहचाने जाते हैं।
उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में कई योजनाओं को आगे बढ़ाया।
ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए काम किया।
युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई कार्यक्रमों का संचालन किया।
उनकी इसी शैली ने उन्हें लोगों के बीच लोकप्रिय बनाया है। यही कारण है कि आज एनडीए ने उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।
भविष्य की ओर कदम
उपराष्ट्रपति पद पर उम्मीदवार बनना सीपी राधाकृष्णन के लिए सिर्फ एक राजनीतिक अवसर नहीं बल्कि जनसेवा का और भी बड़ा मंच है। उनका अनुभव संसद की कार्यप्रणाली और विधायी कार्यों को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
एनडीए का मानना है कि राधाकृष्णन की संवेदनशीलता और समझदारी उन्हें इस जिम्मेदारी के लिए बिल्कुल उपयुक्त बनाती है।
एनडीए ने अपने उम्मीदवार के तौर पर सीपी राधाकृष्णन का नाम आगे रखकर एक बार फिर संदेश दिया है कि वह ऐसे नेताओं को आगे बढ़ाना चाहता है जो ईमानदारी, अनुभव और समर्पण के प्रतीक हों।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह विश्वास और बीजेपी का यह कदम न सिर्फ संगठन की मजबूती को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि आने वाले वर्षों में भारतीय राजनीति में अनुभवी और सादगीपूर्ण नेताओं की भूमिका और भी महत्वपूर्ण होगी।



















