AIN NEWS 1 | इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू आगामी सोमवार, 7 अप्रैल को वाशिंगटन डीसी के व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिसमें अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ, ईरान का परमाणु कार्यक्रम और गाजा की स्थिति प्रमुख हैं।
अमेरिका ने इजरायल पर लगाया 17% टैरिफ
हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए कई देशों पर टैरिफ लगाया है, जिसमें इजरायल भी शामिल है। इजरायल पर 17 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद वहां की सरकार चिंतित है। इजरायली वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का मानना है कि यह निर्णय उनके देश के उत्पादकों को अमेरिकी बाजार में नुकसान पहुंचा सकता है।
इजरायली अधिकारियों ने कहा कि मूल्य अंतर बढ़ने से इजरायली उत्पाद अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे, जिससे प्रतिस्पर्धा पर असर पड़ेगा। इसके चलते कुछ कंपनियां अमेरिका में ही उत्पादन केंद्र स्थापित करने की योजना बना सकती हैं।
नेतन्याहू और ट्रंप की बैठक में ईरान का मुद्दा अहम
दोनों नेताओं के बीच ईरान को लेकर भी बातचीत होगी। गौरतलब है कि इजरायल हमेशा से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानता रहा है। ऐसे में नेतन्याहू ट्रंप प्रशासन से ईरान पर और सख्त प्रतिबंध लगाने की मांग कर सकते हैं।
गाजा पट्टी में बढ़ती हिंसा पर भी होगी चर्चा
गाजा पट्टी में लगातार बढ़ रही हिंसा, हमास के साथ टकराव और सीमा पर तनाव इजरायल के लिए गंभीर चुनौती बना हुआ है। नेतन्याहू और ट्रंप की इस बैठक में गाजा के हालात और इजरायल की सुरक्षा रणनीति पर भी विस्तृत चर्चा होना तय है।
ट्रंप और नेतन्याहू की पहले हो चुकी बातचीत
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप ने नेतन्याहू से पहले ही फोन पर बातचीत की थी और उनके दौरे की पुष्टि की थी। इस मुलाकात को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के लिहाज से अहम माना जा रहा है।
Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu is scheduled to meet US President Donald Trump at the White House on April 7. The leaders will discuss key issues including the new 17% US tariffs on Israeli goods, Iran’s nuclear ambitions, and escalating tensions in Gaza. The visit follows a recent phone call between the two leaders, as Israel expresses concerns over economic and security implications.