AIN NEWS 1: बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी ने हाल ही में राजनीति में एक नया कदम उठाया है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़कर राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) में शामिल होने का निर्णय लिया है। जीशान की यह राजनीतिक यात्रा तब शुरू हुई जब उन्हें बांद्रा पूर्व से शिवसेना उद्धव द्वारा उतारे गए उम्मीदवार के खिलाफ अपने उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने का मौका मिला।
जीशान सिद्दीकी ने अपने पिता, बाबा सिद्दीकी, के प्रभाव के चलते कांग्रेस में अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की थी। लेकिन हाल के दिनों में कांग्रेस पार्टी की नीतियों और दिशा-निर्देशों से असंतुष्ट होकर उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया। यह कदम तब और भी महत्वपूर्ण हो गया जब शिवसेना ने बांद्रा पूर्व से अपना उम्मीदवार घोषित किया। जीशान ने नाराजगी जताते हुए कांग्रेस पार्टी से अलग होने का फैसला किया और NCP में शामिल हो गए।
NCP में शामिल होते ही पार्टी ने उन्हें बांद्रा पूर्व से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि जीशान सिद्दीकी का नाम उस क्षेत्र में काफी चर्चित है, और उनके पिता की राजनीतिक विरासत का लाभ उन्हें मिल सकता है।
शिवसेना उद्धव द्वारा उम्मीदवार उतारने के बाद जीशान का यह कदम कई मायनों में अहम है। उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर एक नई राजनीतिक पहचान बनाने की कोशिश की है। जीशान की उम्मीदवारी से NCP को बांद्रा पूर्व में मजबूती मिल सकती है, और यह क्षेत्र के राजनीतिक समीकरणों को भी प्रभावित कर सकता है।
राजनीति में इस बदलाव को देखते हुए, जीशान सिद्दीकी की नीतियों और कार्यों पर सबकी नजरें होंगी। उनके पास युवा वोटरों को आकर्षित करने और क्षेत्र में विकास के लिए नए विचार लाने का एक बड़ा अवसर है।
जीशान का यह कदम यह दर्शाता है कि युवा नेता अब नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं और वे अपने राजनीतिक भविष्य को अपने हाथों में लेना चाहते हैं। उनके इस निर्णय से न केवल उनके राजनीतिक करियर को दिशा मिलेगी, बल्कि यह कांग्रेस और शिवसेना दोनों के लिए भी एक चुनौती बन सकता है।
आगे देखते हैं कि जीशान सिद्दीकी की यह नई राजनीतिक यात्रा कैसे आगे बढ़ती है और वह किस तरह से अपने चुनावी अभियान को आकार देते हैं। उनकी रणनीतियाँ और चुनावी प्रबंधन उनके लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं, खासकर जब राजनीतिक वातावरण तेजी से बदल रहा है।
जीशान सिद्दीकी की एनसीपी में एंट्री ने निश्चित रूप से मुंबई की राजनीति में हलचल मचा दी है और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में उनका प्रभाव कैसा रहता है।