AIN NEWS 1 नई दिल्ली: हाल ही में सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से वायरल हो रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जल्द पांच हजार रुपये का नया नोट जारी करने जा रहा है। इस खबर ने लोगों के बीच हलचल मचा दी है, खासकर व्यापारियों और बड़े लेनदेन करने वालों के बीच। हालांकि, आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि यह दावा पूरी तरह से गलत और निराधार है।
सोशल मीडिया पर अफवाह ने मचाया हंगामा
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा था कि आरबीआई पांच हजार रुपये का नया नोट लाने की तैयारी कर रहा है। यह खबर ऐसे समय में आई है जब हाल ही में दो हजार रुपये के नोट चलन से बाहर किए गए थे। इन अफवाहों ने आम जनता में जिज्ञासा और भ्रम पैदा कर दिया।
देश में प्रचलित नोटों की स्थिति
फिलहाल, भारत में सबसे बड़े मूल्यवर्ग का नोट 500 रुपये का है। इसके अलावा, 200, 100, 50, 20 और 10 रुपये के नोट प्रचलन में हैं। इतिहास की बात करें तो आजादी के बाद 1954 में पांच हजार और 10 हजार रुपये के नोट जारी किए गए थे। हालांकि, 1978 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने इन्हें भ्रष्टाचार और काले धन पर रोक लगाने के उद्देश्य से चलन से हटा दिया था।
आरबीआई ने दी सफाई
सोशल मीडिया पर फैली इस खबर पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि फिलहाल पांच हजार रुपये का कोई भी नोट जारी करने की योजना नहीं है। उन्होंने बताया कि वर्तमान मुद्रा प्रणाली देश की आर्थिक जरूरतों के लिए पर्याप्त है और बड़े मूल्यवर्ग के नए नोट जारी करने की आवश्यकता नहीं है।
फर्जी खबरों से रहें सतर्क
AIN की रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर वायरल यह खबर पूरी तरह फर्जी है। आरबीआई ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे बिना आधिकारिक पुष्टि के किसी भी खबर पर विश्वास न करें।
आरबीआई ने स्पष्ट कर दिया है कि पांच हजार रुपये का नोट जारी करने की खबर महज अफवाह है। देश में वर्तमान मुद्रा व्यवस्था पूरी तरह से पर्याप्त है। ऐसे में जनता को चाहिए कि वे केवल आधिकारिक स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर भरोसा करें और फर्जी खबरों से सतर्क रहें।