Indian Nurse Nimisha Priya to Face Firing Squad in Yemen on July 16: Inside the Shocking Execution Method
भारत की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में 16 जुलाई को गोली मारकर दी जाएगी फांसी, जानिए वहां कैसे दी जाती है मौत की सजा
AIN NEWS 1: केरल की रहने वाली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया यमन में हत्या के एक गंभीर मामले में दोषी करार दी गई हैं। अब उन्हें 16 जुलाई 2025 को मौत की सजा दी जानी है। ये सजा सिर्फ सजा नहीं, बल्कि यमन के खौफनाक तरीके से दी जाने वाली फायरिंग स्क्वाड वाली फांसी है, जिसमें दोषी को गोलियों से भून दिया जाता है।
क्या है पूरा मामला?
निमिषा साल 2011 में नर्स की नौकरी के लिए यमन की राजधानी सना गई थीं। शुरू में वह अपने परिवार के साथ रहीं, लेकिन 2014 में उनके पति और बेटी भारत लौट आए। यमन में रहने के दौरान उनका एक स्थानीय नागरिक तलाल महदी से विवाद हुआ, और बाद में उसकी हत्या के मामले में उन्हें दोषी पाया गया।
कैसे दी जाती है यमन में फांसी?
यमन में मौत की सजा का तरीका बेहद खौफनाक और अमानवीय माना जाता है:
दोषी को जमीन या गलीचे पर उल्टा लिटा दिया जाता है।
डॉक्टर दोषी की पीठ पर दिल की जगह निशान लगाता है।
जल्लाद ऑटोमेटिक राइफल से उसी निशान पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाता है।
ये गोलियां दोषी की रीढ़ की हड्डी को चीरती हुई दिल के टुकड़े-टुकड़े कर देती हैं।
क्या बच सकती हैं निमिषा प्रिया?
भारत सरकार और कई मानवाधिकार संगठन लगातार निमिषा को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यमन के हूती विद्रोही शासन के चलते संधि और दया याचिकाओं का असर बेहद सीमित दिख रहा है।
यमन में और कौन-कौन से अपराधों पर होती है फांसी?
यमन में शरिया कानून के अंतर्गत कई अपराधों के लिए मौत की सजा दी जाती है, जिनमें शामिल हैं:
हत्या
बलात्कार
आतंकवाद
धर्म परिवर्तन (अपोस्टेसी)
व्यभिचार, समलैंगिकता, वेश्यावृत्ति
अपहरण, डकैती, जासूसी, और राजद्रोह
2024 में ही 44 लोगों को हूती अदालत ने सऊदी गठबंधन से जुड़े होने के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी।
भारत और यमन में क्या है फांसी देने का फर्क?
पहलू भारत यमन
तरीका फांसी (फंदे पर लटकाना) गोली मारना (फायरिंग स्क्वाड)
कानून दुर्लभतम मामलों में ही मौत की सजा कई प्रकार के अपराधों में मौत की सजा
प्रक्रिया न्यायपालिका केंद्रित, दया याचिका संभव हूती शासन के तहत कठोर और राजनीतिक
हाल की घटनाएं अफजल गुरु, याकूब मेमन को दी गई फांसी 2024 में 44 लोगों को फांसी
दुनियाभर में कैसे दी जाती है मौत की सजा?
एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, 2023 में दुनिया भर में 1,153 लोगों को फांसी दी गई, जिसमें चीन का डेटा शामिल नहीं था। अनुमान है कि चीन में हजारों लोगों को मारा गया।
2023 में सबसे ज्यादा फांसी:
ईरान – कम से कम 853 लोग
सऊदी अरब – 172
सोमालिया – 38
अमेरिका – 24
इनके अलावा उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, मिस्र, वियतनाम जैसे देश भी मौत की सजा देते हैं, कुछ बहुत ही क्रूर तरीकों से।
क्या यमन में सुधार की कोई उम्मीद है?
यमन में गृहयुद्ध, अस्थिरता और हूती शासन के कारण मानवाधिकारों की स्थिति बहुत खराब है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार प्रेसर बनाया जा रहा है, लेकिन फौरन राहत की संभावना कम है।
निमिषा प्रिया का मामला क्यों अहम है?
वह भारतीय नागरिक हैं।
उनका केस मानवाधिकार और अंतरराष्ट्रीय कानून से जुड़ा है।
उनके लिए भारत सरकार, NRI समुदाय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं एक्टिव हैं।
मानवाधिकार संगठनों की राय क्या है?
एमनेस्टी इंटरनेशनल, ह्यूमन राइट्स वॉच जैसे संगठनों ने यमन में गोली मारकर फांसी देने के तरीके को अमानवीय करार दिया है। उनका कहना है कि ऐसे तरीकों से मानव गरिमा का हनन होता है।
निमिषा प्रिया का केस सिर्फ एक व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि यह सवाल खड़ा करता है कि आज की दुनिया में किस हद तक कठोर और अमानवीय सजाएं दी जा सकती हैं। भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी नागरिक की जान बचाने के लिए और अधिक प्रयास करने होंगे। साथ ही, यह भी जरूरी है कि दुनिया भर में मौत की सजा के अमानवीय तरीकों को खत्म करने के लिए एकजुट आवाज उठे।
Indian nurse Nimisha Priya is scheduled to be executed by a firing squad in Yemen on July 16 for the murder of a Yemeni citizen. Yemen’s capital punishment method, particularly under Houthi control, includes shooting the convict in the heart, a procedure criticized globally for its inhumanity. This article explores how Yemen executes death sentences, why Nimisha is involved, and how India, Yemen, and the world approach the death penalty differently.