AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर बुधवार को गौतमबुद्ध नगर की जिलाधिकारी मेधा रूपम ने अहम बैठक की। इस बैठक में एयरपोर्ट की सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक में स्पष्ट कहा गया कि एयरपोर्ट के 20 किलोमीटर के दायरे में बिना एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) कोई भी निर्माण कार्य नहीं होगा। अगर कोई नियम तोड़ेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निर्माण पर रोक और सुरक्षा प्रोटोकॉल
डीएम मेधा रूपम ने कहा कि ऊंची इमारतें, अवैध कॉलोनियां या कोई भी अव्यवस्थित निर्माण एयरपोर्ट की उड़ानों के लिए खतरा बन सकता है। इसीलिए निर्माण कार्य से पहले एनओसी लेना अनिवार्य है।
स्थानीय निवासी रमेश यादव, जो एयरपोर्ट के पास रहते हैं, कहते हैं:
“हमें खुशी है कि सरकार सुरक्षा पर ध्यान दे रही है। पहले कई जगह लोग बिना अनुमति के निर्माण कर लेते थे, जिससे गंदगी और अव्यवस्था फैलती थी। अब अगर सख्ती होगी तो माहौल बेहतर रहेगा।”
आपदा प्रबंधन और त्वरित सेवाओं की तैयारी
बैठक में आपदा प्रबंधन योजनाओं की गहन समीक्षा हुई। इसमें चिकित्सा सुविधाएं, अग्निशमन दल, पुलिस सुरक्षा और बचाव कार्यों की तैयारियों पर जोर दिया गया।
जिला आपदा विशेषज्ञ ओंमकार चतुर्वेदी ने कहा:
“एयरपोर्ट पर हर प्रकार की आपात स्थिति को देखते हुए पूरी योजना बनाई जा रही है। चाहे आग लगने की घटना हो या कोई स्वास्थ्य आपातकाल, हर स्थिति से निपटने के लिए अलग-अलग टीमें तैयार रहेंगी।”
इसके अलावा एयरपोर्ट स्टाफ और सुरक्षा कर्मियों के लिए लगातार ट्रेनिंग प्रोग्राम्स चलाने का भी निर्णय लिया गया।
स्वच्छता और पर्यावरण पर जोर
बैठक में पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी सख्त दिशा-निर्देश दिए गए।
एयरपोर्ट के आसपास जलभराव न हो, इसके लिए ड्रेनेज सिस्टम मजबूत करने के आदेश दिए गए।
पक्षियों और आवारा जानवरों पर नियंत्रण रखने के लिए विशेष टीम बनाई जाएगी।
ड्रोन और लेजर लाइट्स जैसी गतिविधियों को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया गया।
गांव की रहने वाली सीमा चौहान कहती हैं:
“हमारे इलाके में बरसात में अक्सर पानी भर जाता है। अगर प्रशासन इस पर ध्यान देगा तो हमें भी राहत मिलेगी और एयरपोर्ट भी सुरक्षित रहेगा।”
ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान
डीएम ने यह भी कहा कि आसपास के ग्रामीण इलाकों में लोगों को जागरूक करना जरूरी है।
एसडीएम जेवर अभय कुमार सिंह के मुताबिक:
“कई बार लोग नियमों की जानकारी न होने के कारण गलतियां कर बैठते हैं। अब गांव-गांव जाकर लोगों को बताया जाएगा कि एयरपोर्ट सुरक्षा क्यों जरूरी है और उन्हें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।”
सुरक्षित संचालन सर्वोच्च प्राथमिकता
जिलाधिकारी ने कहा कि एयरपोर्ट को न सिर्फ विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस करना है, बल्कि इसे भारत के सबसे सुरक्षित एयरपोर्ट्स की सूची में शामिल करना भी लक्ष्य है।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रा. लि. के अधिकारी किरन जैन ने बताया:
“यह एयरपोर्ट लाखों यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए तैयार किया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि यहां आने वाला हर यात्री खुद को सुरक्षित महसूस करे।”
बैठक में मौजूद अधिकारी
बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे जिनमें –
एडीएम एलए बच्चू सिंह
वित्त एवं राजस्व अधिकारी अतुल कुमार
एसडीएम जेवर अभय कुमार सिंह
जिला आपदा विशेषज्ञ ओंमकार चतुर्वेदी
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रा. लि. के अधिकारी – किरन जैन, यशदेव, अजेय वर्मा, आशुतोष चतुर्वेदी, अजय चौहान, विनीत सिकरवार और शीना अब्राहम शामिल रहे।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित होगा। लेकिन इसके साथ ही सुरक्षा और आपात प्रबंधन भी उतना ही अहम है।
प्रशासन द्वारा जारी किए गए ये आदेश इस ओर इशारा करते हैं कि सरकार और स्थानीय प्रशासन एयरपोर्ट को विश्वस्तरीय और सुरक्षित बनाने के लिए पूरी तरह गंभीर हैं।
स्थानीय लोगों की राय भी यही है कि अगर सुरक्षा और स्वच्छता के साथ विकास होगा, तो यह एयरपोर्ट सिर्फ क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पूरे देश का गौरव बनेगा।
The district administration has imposed strict security guidelines for Noida International Airport in Jewar, banning any construction within a 20 KM radius without an NOC. The rules emphasize disaster management, emergency preparedness, medical and fire safety facilities, cleanliness, bird hazard control, and awareness campaigns in nearby villages. Officials stated that safe operation of Noida Airport is the top priority to make it a world-class and secure aviation hub.