Noida Seizes Old Vehicles Amid Crackdown, Over 2 Lakh Expired Cars on Roads
नोएडा में पुराने वाहनों पर सख्ती शुरू, दो लाख से ज्यादा गाड़ियां जब्त होने की कगार पर
AIN NEWS 1: दिल्ली में 10 और 15 साल से पुराने वाहनों पर कार्रवाई के बाद अब नोएडा पुलिस भी सख्त हो गई है। मंगलवार को ट्रैफिक पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 10 पेट्रोल और 13 डीजल वाहनों को सीज किया। ये सभी वाहन तय समय सीमा पार कर चुके थे और अब स्क्रैप की प्रक्रिया में भेजे जाएंगे।
सड़क पर उतरे पुलिस दस्ते, बहाने नहीं चले
कार्रवाई के दौरान वाहन चालकों ने तरह-तरह के बहाने बनाए। किसी ने कहा कि उन्हें नियम की जानकारी नहीं थी, तो किसी ने गाड़ी को वर्षों से चलाने की बात कही। लेकिन पुलिस ने किसी की एक न सुनी और नियमानुसार गाड़ी जब्त कर ली।
एक युवक दवा लेने दिल्ली गया था, जहां चेकिंग के दौरान उसकी बाइक 15 साल से पुरानी पाई गई। पुलिस ने उसे स्क्रैप स्लिप दी और बाइक जब्त कर ली। इसी तरह, नोएडा के कुलेसरा निवासी अनवर दिल्ली में कारोबार के लिए निकले थे, लेकिन चिल्ला बॉर्डर पार करते ही उनकी डीजल कार को पुलिस ने जांच के बाद जब्त कर लिया, क्योंकि वह 10 साल से पुरानी थी।
अनवर ने पुलिस से एक मौका देने की गुहार लगाई, लेकिन उन्हें पैदल ही लौटना पड़ा। बाद में उन्होंने कैब ली, मेट्रो से नोएडा पहुंचे और फिर किराये की गाड़ी से घर लौटे। कई अन्य लोगों के साथ भी ऐसी ही घटनाएं हुईं।
नियम क्या कहता है?
डीसीपी ट्रैफिक के अनुसार, डीजल वाहनों की अधिकतम आयु 10 साल और पेट्रोल व सीएनजी वाहनों की अधिकतम आयु 15 साल तय की गई है। इसके बाद ये वाहन सड़कों पर नहीं चल सकते।
नोएडा में पहले यह नियम था, लेकिन सख्ती नहीं थी। अब दिल्ली के बाद यहां भी इसे लागू किया जा रहा है। पुलिस ने विभिन्न चेकिंग पॉइंट पर टीमें तैनात कर दी हैं, जो सड़क पर चल रहे पुराने वाहनों की जांच कर रही हैं।
तकनीकी सहायता भी तैयार
नवंबर से नोएडा में ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरे पेट्रोल पंपों पर लगाए जाएंगे। इससे जैसे ही कोई पुराना वाहन पेट्रोल भरवाने पहुंचेगा, वह सिस्टम में पकड़ा जाएगा और वहीं जब्त किया जा सकेगा।
फिलहाल यह काम मैनुअली किया जा रहा है और टीमों को अलग-अलग इलाकों में तैनात किया गया है।
कितने पुराने वाहन अभी भी सड़कों पर हैं?
गौतमबुद्ध नगर जिले में अभी भी 2,00,856 पुराने वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इनमें:
1,70,000 से ज्यादा नॉन-कमर्शियल वाहन
30,000 से ज्यादा कमर्शियल वाहन
इनमें से कई वाहन ऐसे हैं जिनकी मियाद सालों पहले खत्म हो चुकी है, लेकिन फिर भी ये बिना किसी डर के सड़कों पर चल रहे थे।
स्क्रैप सेंटर की कमी बनी चुनौती
सबसे बड़ी समस्या यह है कि गौतमबुद्ध नगर में कोई स्क्रैप सेंटर नहीं है। ऐसे में जब वाहनों को जब्त किया जाता है तो उन्हें रखने और स्क्रैप करने की प्रक्रिया बहुत लंबी हो जाती है।
जानकारी के मुताबिक, दनकौर में एक स्क्रैप सेंटर बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। टेंडर भी हुए, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हो सका। जब तक यह सेंटर नहीं बनता, तब तक पुलिस को जब्त किए गए वाहनों को थानों में खड़ा करना पड़ता है, जिससे जगह और प्रबंधन दोनों में दिक्कतें आ रही हैं।
नोएडा में अब पुराने वाहनों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। यदि आपकी गाड़ी 10 साल (डीजल) या 15 साल (पेट्रोल/सीएनजी) से ज्यादा पुरानी है, तो उसे सड़क पर चलाना अब कानूनन अपराध है। पुलिस बिना किसी चेतावनी के उसे जब्त कर सकती है और स्क्रैप में भेज सकती है।
इसलिए अगर आपकी गाड़ी की मियाद खत्म हो चुकी है, तो समय रहते उसे स्क्रैप करवा लें या RTO में नियमों के अनुसार प्रक्रिया पूरी करें। वरना अगली बार बाहर निकलते ही गाड़ी के साथ घर लौटना मुश्किल हो सकता है।
Noida Police has started seizing expired vehicles after Delhi initiated strict action under the scrappage policy. Vehicles older than 10 years (diesel) and 15 years (petrol) are now being impounded across Noida. With over 2 lakh outdated vehicles still operating and no official scrap center in Gautam Buddh Nagar, enforcement is getting tougher. ANPR cameras and manual checking have been deployed to identify violators. This crackdown aims to clean the roads of non-compliant vehicles and promote greener alternatives.