AIN NEWS 1 | हरियाणा के नूह जिले के सालाहेडी गांव में शनिवार की दोपहर एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जिसने पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया। यह घटना दोपहर लगभग 2 बजे के बाद उस समय घटी जब गांव के पास बने एक जोहड़ (तालाब) में अचानक चार लोग डूब गए। इस हादसे में दो महिलाओं और दो मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई।
हादसे की पूरी घटना
ग्रामीणों के अनुसार, गांव के खेत के पास बने जोहड़ में पानी भर गया था। दरअसल, यह जोहड़ मिट्टी की खुदाई के चलते और भी गहरा हो गया था, जिसमें बारिश का पानी इकट्ठा हो गया था। शनिवार की दोपहर दो महिलाएं अपने घर के कपड़े धोने के लिए इस जोहड़ पर गई थीं। उनके साथ दो छोटे बच्चे भी वहां मौजूद थे।
शुरुआत में सब कुछ सामान्य था, लेकिन अचानक दोनों बच्चे खेलते-खेलते जोहड़ के गहरे हिस्से में चले गए। पानी की गहराई अधिक होने के कारण वे डूबने लगे। बच्चों को डूबता देख महिलाओं ने उन्हें बचाने के लिए तुरंत छलांग लगा दी। लेकिन पानी की तेज गहराई और फिसलन के कारण दोनों महिलाएं भी बच्चों के साथ डूब गईं।
गांव में पसरा मातम
जब तक आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, तब तक चारों की जान जा चुकी थी। ग्रामीणों ने किसी तरह शवों को बाहर निकाला और घटना की जानकारी प्रशासन को दी। इस दुखद घटना के बाद पूरा सालाहेडी गांव शोक में डूब गया। हर घर से रोने-बिलखने की आवाजें आ रही थीं। जिन परिवारों के अपने इस हादसे में चले गए, उनकी हालत बेहद खराब बताई जा रही है।
प्रशासन की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। चारों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। प्रशासनिक अधिकारियों ने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और साथ ही ग्रामीणों से भी पूछताछ की जा रही है।
सुरक्षा को लेकर सवाल
यह हादसा ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद जोहड़ों और गहरे तालाबों की सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े करता है। अक्सर इन जगहों पर कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं होती और लोग लापरवाही के चलते अपनी जान गंवा बैठते हैं। सालाहेडी गांव की इस घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर कब तक ऐसी लापरवाही मासूम जिंदगियों को निगलती रहेगी।
स्थानीय लोगों की मांग
गांव के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस तरह के जोहड़ों को सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। पानी भरे तालाबों के आसपास चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं और बच्चों व महिलाओं को वहां जाने से रोका जाए। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते सुरक्षा उपाय किए जाते तो शायद चार लोगों की जान बच सकती थी।
मानवीय पहलू
इस हादसे में अपनी जान गंवाने वाली दोनों महिलाएं अपने परिवार की रीढ़ थीं। एक महिला अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिए दिन-रात मेहनत करती थी, जबकि दूसरी महिला घर की जिम्मेदारियों को निभा रही थी। दोनों बच्चों की मासूमियत और उनकी अचानक मौत ने सभी को झकझोर दिया है। गांव में हर किसी की आंखें नम हैं और लोग लगातार पीड़ित परिवारों को सांत्वना देने में जुटे हैं।
नूह जिले का सालाहेडी गांव आज एक भयानक त्रासदी का गवाह बन गया। दो महिलाओं और दो मासूम बच्चों की डूबकर मौत ने सभी को गहरे दुख में डाल दिया। यह घटना न सिर्फ इंसानी लापरवाही का परिणाम है, बल्कि प्रशासन और समाज दोनों के लिए एक चेतावनी है कि ऐसी घटनाओं से बचने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। यदि समय रहते सावधानी बरती जाती और सुरक्षा इंतजाम होते, तो शायद चार जिंदगियां बचाई जा सकती थीं।