AIN NEWS 1: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अमरनाथ यात्रा 2025 को लेकर राज्य सरकार की तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि नागरिक व्यवस्थाओं के मामले में सरकार पूरी तरह से तैयार है, और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
उमर अब्दुल्ला ने बताया कि इस बार की अमरनाथ यात्रा दो पारंपरिक मार्गों — सोनमर्ग-बालटाल और पहलगाम — के जरिये आयोजित की जाएगी। प्रशासन की प्राथमिकता यह है कि यात्रा सुचारु रूप से चले और सभी श्रद्धालु सुरक्षित रूप से यात्रा पूरी कर सकें और सकुशल लौटें।
माता खीर भवानी मेला पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल प्रशासन का पूरा ध्यान 3 जून को होने वाले माता खीर भवानी मेले की सफल और शांतिपूर्ण आयोजन पर है। यह मेला कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जिसे हर साल श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। प्रशासन इस आयोजन को शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से संपन्न कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
सुरक्षा इंतजामों को लेकर सख्त रुख
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सुरक्षा एक बेहद अहम मुद्दा है और इसके लिए राज्य सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ समन्वय किया जा रहा है और संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी बढ़ा दी गई है।
उन्होंने यह भी बताया कि यात्रा के मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे, मेडिकल सुविधाएं, ट्रैफिक नियंत्रण और अन्य व्यवस्थाएं पहले से अधिक मजबूत की जा रही हैं ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो।
पर्यटन उद्योग को लेकर स्पष्ट रणनीति
मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि घाटी में हाल की घटनाओं के चलते पर्यटन उद्योग प्रभावित हुआ है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल सरकार का प्राथमिक उद्देश्य अमरनाथ यात्रा को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराना है।
उन्होंने कहा, “अभी हम पर्यटन को लेकर कोई विशेष कदम नहीं उठा रहे हैं। पहले स्थिति को सामान्य होने दीजिए, फिर हम पर्यटन क्षेत्र के हितधारकों के साथ बैठक करेंगे और इसकी पुनर्बहाली पर काम शुरू करेंगे।”
उमर अब्दुल्ला ने यह भरोसा दिलाया कि जैसे ही अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्ण रूप से संपन्न होती है, सरकार पर्यटन क्षेत्र की बहाली और प्रचार-प्रसार के लिए ठोस योजना पर काम शुरू करेगी।
स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार पर असर
पर्यटन जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। अमरनाथ यात्रा और अन्य धार्मिक आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और आर्थिक गतिविधियों का बड़ा जरिया भी हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार का ध्यान लंबे समय में स्थायी समाधान और विकास की योजनाओं पर भी है।
समापन विचार
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के इस बयान से यह साफ हो गया है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन अमरनाथ यात्रा 2025 को लेकर पूरी तरह सतर्क और तैयार है। सुरक्षा, सुविधा और शांतिपूर्ण आयोजन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जबकि पर्यटन को फिर से पटरी पर लाने के लिए यात्रा के बाद ठोस कदम उठाए जाएंगे।
यह रणनीति न केवल राज्य के धार्मिक आयोजनों को सुरक्षित बनाएगी, बल्कि लंबे समय में राज्य के पर्यटन उद्योग को भी मजबूती प्रदान करेगी।
Jammu and Kashmir Chief Minister Omar Abdullah has confirmed full civil arrangements for Amarnath Yatra 2025, which will be conducted via both Baltal and Pahalgam routes. He emphasized that proper security measures will be ensured and the administration is currently focused on the peaceful conduct of the Mata Kheer Bhawani Mela on June 3. Abdullah also highlighted that though tourism in J&K has suffered, strategic efforts for its revival will begin after the peaceful conclusion of the Amarnath pilgrimage.