नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेता उमर अब्दुल्ला एक बार फिर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बनेंगे। यह घोषणा श्रीनगर में पार्टी प्रमुख और उनके पिता, फारूक अब्दुल्ला ने की। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन बहुमत हासिल करने की ओर बढ़ रहा है।
चुनाव में जीत और जनादेश
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि 10 सालों के बाद जम्मू-कश्मीर में हुए पहले विधानसभा चुनाव में लोगों ने गठबंधन को जनादेश दिया है। उन्होंने अल्लाह से दुआ करते हुए कहा कि “हम जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे।” उन्होंने भरोसा दिलाया कि अब पुलिस राज नहीं, बल्कि जनता का राज होगा।
मुख्य मुद्दे: न्याय, मीडिया स्वतंत्रता और धर्मनिरपेक्षता
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी सरकार निर्दोष लोगों को जेल से रिहा करने का प्रयास करेगी और मीडिया को स्वतंत्रता मिलेगी। साथ ही, उन्होंने हिंदू-मुस्लिम विश्वास को मजबूत करने की बात कही।
अनुच्छेद 370 पर प्रतिक्रिया
फारूक अब्दुल्ला ने जनता के जनादेश को यह संदेश बताते हुए कहा कि 5 अगस्त 2019 को लिया गया फैसला, जब अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया था, लोग अब भी इसे स्वीकार नहीं करते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि कांग्रेस-एनसी गठबंधन जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के संघर्ष में साथ देगा।
रुझान और आंकड़े
चुनाव के रुझानों के अनुसार, कांग्रेस-एनसी गठबंधन 90 में से 52 सीटों पर आगे है, जबकि भाजपा 27 सीटों पर। वहीं, महबूबा मुफ्ती की पीडीपी को सिर्फ 2 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। उमर अब्दुल्ला 2009 से 2015 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।