AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के ही मैनाठेर थाने में तैनात एक सिपाही के कमरे से चार लाख रुपये और तीन मोबाइल फोन के चोरी कर लिए गए। इस पूरे प्रकरण में शक के आधार पर थाने में ही तैनात एक दूसरे सिपाही को पुलिस के द्वारा ही जमकर टार्चर किया गया। चोरी के शक की जद में आया यह सिपाही उस समय पुलिस लाइन्स में ही ड्यूटी कर रहा था। आरोप है कि थाने के ही पुलिस कर्मियों ने पुलिस लाइन्स से जबरन उसे गाड़ी में डालकर ले गए और उसे थाने की ही हवालात में भी डाल दिया। इसके बाद भी इस सिपाही ने कोई जुर्म नहीं कबूला तो उसे मेडिकल कराने के लिए वहा से कुंदरकी भेजा गया। अपने साथी वर्दीधारियों द्वारा टार्चर से अपमानित सिपाही ने गुरुवार को डीआईजी से अपने लिए न्याय की गुहार लगाई। उसमे कहा कि यदि वह दोषी है तो उसे तुरंत जेल भेज दिया जाए। वरना चोरी के शक में इस तरह से टार्चर करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। डीआईजी ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी देहात को इसकी जांच सौंपी है। कहा कि रिपोर्ट दर्ज होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह मामला पूरे पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस पीड़ित सिपाही रविश कुमार की तैनाती मैनाठेर थाने पर है। डीआईजी से की गई अपनी शिकायत में उसने बताया कि 24 फरवरी को वह सीआर ड्यूटी पुलिस लाइन में ही कर रहा था। रात को करीब नौ बजे मैनाठेर थाने के सिपाही का उसके पास फोन आया। इस पर उसने पुलिस लाइन में अपनी ड्यूटी करने की बात कही। इसके कुछ देर बाद ही सिपाही अन्य वर्दीधारियों के साथ मे एक प्राइवेट कार से पुलिस लाइन आ गया। कहा कि मैनाठेर इंस्पेक्टर ने आपकों बुलाया है। उसने सीआर ड्यूटी करने की बात कहते हुए उनके साथ जाने से इनकार कर दिया। इस पर आरोप है कि इन सिपाहियों ने उसे जबरन कार में डाल लिया और पिस्टल उसकी कनपटी पर लगाकर मैनाठेर थाने ले गए। उन्होने उसे मैनाठेर इंस्पेक्टर के समक्ष पेश किया। उन्होंने उससे कहा कि चोरी किए गए रुपये और मोबाइल फोन वापस कर दो। जिससे इनकार करने पर थाने की हवालात में ही वर्दी में डाल दिया। पुलिस कर्मियों द्वारा इस तरह से चोरी के शक में टार्चर किए जाने से पीड़ित की मानसिक अवसाद की स्थित बन गई है। इस पूरी घटना से उसके परिवार.. वाले भी अवसाद में हैं।
उसने कहा न्याय नहीं मिला तो कुछ भी कर सकता हूं : रविश
यहां हम आपको बता दें सिपाही रविश कुमार ने डीआईजी, एडीजी, डीजीपी और मुख्यमंत्री से इस मामले में गुहार लगाई। कहा कि पुलिस वालों द्वारा इस तरह से टार्चर किए जाने से वह काफ़ी अवसाद में आ गया है। मेरी मानसिक स्थिति खराब हो गई है। मेरा परिवार भी काफ़ी दहशत में है। और ऐसे में उसे न्याय नहीं मिला तो वह कुछ भी कर सकता है। इसके जिम्मेदार थाने के अंदर मुझे टार्चर करने वाले सभी पुलिस वाले होंगे। मुझे लगातार जेल भेजने की धमकियां भी दी जा रही हैं। इस पूरे घटनाक्रम में किसी को कुछ भी बताने से इनकार किया जा रहा है। इस पूरे घटनाक्रम में मैनाठेर थाने के इंस्पेक्टर सतेंद्र सिंह ने बताया, यह मामला मेरे संज्ञान में है। सिपाही द्वारा जो भी आरोप लगाए गए हैं वह पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। अधिकारियों को इस पूरे घटनाक्रम से अवगत करा दिया गया है। डीआईजी मुनिराज जी का इस दौरान कहना है कि सिपाही की शिकाय को गंभीरता से लिया गया है। इस पूरे मामले की जांच एसपी देहात को सौंपी गई है। तीन दिन के भीतर इसकी रिपोर्ट देने को कहा गया है। रिपोर्ट के आधार पर ही इस मामले मे आगे की कार्रवाई की जाएगी।