AIN NEWS 1 प्रयागराज, महाकुंभ 2025: रविवार, 16 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज महाकुंभ में कुम्भ की आस्था और जलवायु परिवर्तन पर आयोजित जलवायु सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सीएम योगी ने नदियों के संरक्षण और पर्यावरण पर अपने विचार साझा किए और महाकुंभ में श्रद्धालुओं से ट्रैफिक व्यवस्था के संदर्भ में महत्वपूर्ण अपील की।
कुम्भ में आस्था और पर्यावरण की समरसता
मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य के जीवन के लिए नदियाँ अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और इनका संरक्षण आवश्यक है। “अगर नदियाँ सूख जाएं या प्रदूषित हो जाएं तो धरती की स्थिति भयावह हो जाएगी,” सीएम योगी ने इस पर जोर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले 8 वर्षों में 210 करोड़ से अधिक पौधे लगाए हैं और डीजल से चलने वाली बसों की जगह इलेक्ट्रिक बसों को प्राथमिकता दी जा रही है।
नदियों का पुनर्जीवन और संगम क्षेत्र का विस्तार
सीएम योगी ने बताया कि उनकी सरकार ने सूख चुकी नदियों को पुनर्जीवित किया है और संगम क्षेत्र का विस्तार कर जल प्रवाह बनाए रखा है। “आज संगम में हर समय 10,000 से 11,000 क्यूसेक जल उपलब्ध रहता है, जिससे श्रद्धालुओं को पवित्र स्नान में कोई परेशानी नहीं हो रही,” उन्होंने कहा। इसके अलावा, उन्होंने मौनी अमावस्या पर एक दिन में होने वाली भीड़ की तुलना अब रोजाना होने वाली भीड़ से की, जिससे कुम्भ की व्यवस्था को लेकर सरकार की तैयारियों को प्रदर्शित किया।
श्रद्धालुओं से ट्रैफिक व्यवस्था में सहयोग की अपील
महाकुंभ में ट्रैफिक की समस्या पर सीएम योगी ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे अपनी गाड़ी पार्किंग स्थलों पर ही खड़ी करें। “पार्किंग स्थल खाली हैं, लेकिन लोग अपनी गाड़ी सड़क पर खड़ी कर रहे हैं,” उन्होंने कहा। उन्होंने आगे कहा कि “अगर 100 मीटर ज्यादा पैदल चलना पड़े तो भी कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। इससे ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू बनी रहेगी।”
पर्यावरण के लिए जनभागीदारी की आवश्यकता
सीएम योगी ने जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए जनभागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि “सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए कदम उठा रही है, लेकिन आम जनता को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।” उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग कम करें, नदियों को प्रदूषित होने से बचाएं और वन्य जीवों के प्रति संवेदनशील बनें।
संतों और पर्यावरणविदों की भागीदारी
इस सम्मेलन में प्रमुख संतों और पर्यावरणविदों की भागीदारी रही, जिसमें जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, स्वामी चिदानंद सरस्वती, स्वामी मुकुंदानंद, वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना और राज्य मंत्री केपी मलिक शामिल थे।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में श्रद्धालुओं की मौत पर भी गहरा दुख व्यक्त किया और मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।