Suspected Involvement of Locals and Police in Pahalgam Terror Attack Raises Alarming Questions
पहलगाम आतंकी हमले में गहरी साजिश की आशंका, शुभम के परिजनों ने उठाए घोड़े वालों और पुलिस पर सवाल
AIN NEWS 1: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कानपुर के रहने वाले शुभम द्विवेदी की मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। गुरुवार को उनके परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर जो जानकारियां साझा कीं, उससे मामले में एक गहरी साजिश की आशंका जताई जा रही है। परिजनों ने बताया कि घोड़े वालों से लेकर स्थानीय पुलिस तक का रवैया बेहद संदेहास्पद था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो शुभम को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे, उनके परिजनों की बातें सुनकर बेहद भावुक हो गए। जब वह बाहर आए तो उनकी आंखों में आंसू और चेहरे पर गुस्सा साफ देखा जा सकता था। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए सख्त शब्दों में कहा कि आतंकवाद और उग्रवाद का जड़ से सफाया किया जाएगा।
1. घोड़े वालों पर बड़ा शक
शुभम की पत्नी ऐशान्या और परिजनों ने बताया कि स्थानीय टट्टू वाले जबरन उन्हें पहाड़ की ऊंचाई तक ले गए। जब उन्होंने मना किया और वापसी की बात कही, तब भी उन्हें नहीं रोका गया। कई बार उन्होंने कहा कि चाहे पूरा किराया ले लो लेकिन हमें वापस ले चलो। इसके बावजूद टट्टू वाले जोर देते रहे कि ऊपर तक तो जाना ही पड़ेगा। इससे संदेह गहराता है कि कहीं यह सब एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा तो नहीं था।
2. स्थानीय पुलिस की संदिग्ध भूमिका
सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि जब आतंकी गोलियां चला रहे थे और लोग इधर-उधर भाग रहे थे, तब भी वहां मौजूद स्थानीय पुलिसकर्मी निष्क्रिय बने रहे। परिजनों ने बताया कि कम से कम तीन पुलिसकर्मी वहां मौजूद थे, लेकिन उन्होंने न तो सहायता की और न ही कोई जवाबी कार्रवाई की। लोग मदद के लिए चिल्लाते रहे, सेना के कैंप तक ले चलने की गुहार लगाते रहे, लेकिन पुलिस ने जैसे कुछ हुआ ही नहीं, ऐसा व्यवहार किया।
3. होटल से हो रही थी रेकी?
शुभम के पिता ने एक और अहम जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहलगाम में जिस होटल में वे ठहरे थे, वहां कुछ अजनबी लोग लगातार उनसे सवाल पूछ रहे थे—जैसे “आप कहां से आए हो?”, “कितने लोग साथ में हैं?” इत्यादि। शुरुआत में इन सवालों पर ध्यान नहीं दिया गया, लेकिन जब हमला हुआ और शुभम की मौत की खबर मिली, तब यह महसूस हुआ कि शायद होटल से ही उनकी रेकी की जा रही थी।
4. परिजनों की व्यथा और सरकार से उम्मीद
परिजनों की मानें तो यह हमला सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि इसके पीछे एक गहरी और खतरनाक साजिश छिपी हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि मामले की गहराई से जांच की जाए और उन सभी लोगों को सजा दी जाए जो इस हमले के लिए जिम्मेदार हैं, चाहे वे स्थानीय घोड़े वाले हों, होटल के कर्मचारी या फिर पुलिसकर्मी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिजनों को भरोसा दिलाया कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और जल्द ही इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।
5. आतंकवाद के खिलाफ सख्ती की जरूरत
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि घाटी में आतंकवाद सिर्फ सीमापार से नहीं आता, बल्कि स्थानीय स्तर पर भी उसे समर्थन मिलता है। यदि स्थानीय लोग और सुरक्षाकर्मी ही आतंकियों का साथ देने लगें तो देश की सुरक्षा पर बड़ा खतरा मंडराने लगता है।
The Pahalgam terror attack that claimed the life of Shubham Dwivedi from Kanpur has raised serious concerns about local involvement. His family’s allegations suggest a deeper conspiracy involving horsemen and suspicious behavior by local police during the shooting. Shubham’s father even mentioned possible surveillance from the hotel. These disturbing revelations shared with UP CM Yogi Adityanath point toward an organized terror nexus in Jammu and Kashmir that needs immediate and thorough investigation.