AIN NEWS 1: भारत की बढ़ती सैन्य ताकत और हाल के मिसाइल परीक्षणों ने पाकिस्तान को चिंता में डाल दिया है। अपनी कमजोर सुरक्षा रणनीति और भारत के सामने बढ़ते दबाव से निपटने के लिए पाकिस्तान ने चीन से मदद मांगी है। खबर है कि पाकिस्तान ने चीन के करीब 11,000 सैनिकों को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में तैनात किया है। यह तैनाती मुख्य रूप से चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC), कोहला पावर प्रोजेक्ट और आजाद पट्टन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट जैसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं की सुरक्षा के नाम पर की गई है।
चीन-पाक गठजोड़: क्षेत्रीय स्थिरता पर खतरा
सूत्रों के अनुसार, POK में चीनी सेना की तैनाती केवल इन परियोजनाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं है। यह भारत के लिए एक गंभीर सुरक्षा खतरे का संकेत है। LOC (लाइन ऑफ कंट्रोल) के करीब बढ़ती चीनी सैन्य मौजूदगी न केवल भारत की क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती है, बल्कि इससे पूरे दक्षिण एशिया में अस्थिरता बढ़ सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि चीन और पाकिस्तान के बीच यह सैन्य सहयोग लंबे समय तक क्षेत्रीय शांति और स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। दोनों देशों के इस गठजोड़ ने भारत को सतर्क रहने की आवश्यकता बढ़ा दी है।
चीन के लिए सुरक्षा चुनौती और सैन्य तैनाती
चीन ने CPEC के तहत पाकिस्तान में लगभग 70 बिलियन डॉलर का भारी निवेश किया है। इस परियोजना में चीन की कई महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल हैं, जैसे ग्वादर पोर्ट, कोहला और दासू पावर प्रोजेक्ट। हाल के महीनों में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे संगठनों ने इन परियोजनाओं पर कई हमले किए हैं। इन हमलों में चीनी इंजीनियरों और कर्मचारियों की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बन गई है।
इस स्थिति से निपटने के लिए चीन ने अपने हजारों सैनिकों को पाकिस्तान के विभिन्न इलाकों में तैनात किया है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि चीनी सेना की मौजूदगी इन परियोजनाओं की सुरक्षा से आगे बढ़कर भारत के लिए रणनीतिक चुनौती बन सकती है।
सैन्य अभ्यास के जरिए मजबूती दे रहा चीन
पाकिस्तान और चीन इन दिनों साझा सैन्य अभ्यास ‘वॉरियर VIII’ आयोजित कर रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान में चीन के प्रोजेक्ट्स की सुरक्षा को मजबूत करना है। तस्वीरों में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को चीनी सैनिकों से बातचीत करते हुए देखा गया है। यह अभ्यास दोनों देशों के बढ़ते सैन्य सहयोग का स्पष्ट संकेत है।
भारत के लिए क्या है खतरा?
POK में चीनी सैनिकों की तैनाती भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय है। LOC के पास चीनी और पाकिस्तानी सेना की बढ़ती सक्रियता भारत की सुरक्षा रणनीति के लिए चुनौती पेश कर सकती है। यह स्थिति भारत की क्षेत्रीय अखंडता को भी खतरे में डाल सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को इस नई स्थिति का गहराई से विश्लेषण करना चाहिए और सतर्कता बरतते हुए ठोस कदम उठाने चाहिए। पाकिस्तान और चीन का यह सैन्य गठजोड़ केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी खतरा बन चुका है।
भारत को उठाने होंगे सशक्त कदम
भारत ने हाल के दिनों में मिसाइलों, ड्रोन और अन्य अत्याधुनिक हथियारों का परीक्षण किया है, जिससे पाकिस्तान के अंदर डर बढ़ गया है। अब समय आ गया है कि भारत अपनी रक्षा और रणनीतिक नीतियों को और अधिक मजबूत करे।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि भारत को अपने पड़ोसी देशों के साथ मजबूत कूटनीतिक और सैन्य सहयोग स्थापित करना चाहिए, जिससे चीन-पाक गठजोड़ का प्रभाव कम किया जा सके। इसके अलावा, भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इस मुद्दे को उठाने की जरूरत है, ताकि वैश्विक समुदाय इस स्थिति की गंभीरता को समझ सके।
निष्कर्ष
पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ता यह सैन्य सहयोग न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए खतरा है। भारत को इस चुनौती का सामना करने के लिए रणनीतिक, कूटनीतिक और सैन्य मोर्चे पर मजबूती से काम करना होगा।