Why Pakistan Sent 500 Cheap Unarmed Drones to India: A Strategic Ploy Explained
पाकिस्तान ने क्यों भेजे बिना हथियार वाले 500 सस्ते ड्रोन? एक्सपर्ट्स ने बताया असली मकसद
AIN NEWS 1: भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के बीच, पाकिस्तान ने एक अनोखी सैन्य रणनीति अपनाई है। 6 मई की रात भारत द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद, पाकिस्तान की तरफ से एक जवाबी कार्रवाई देखने को मिली, जो पारंपरिक हमले से अलग थी। 8-9 मई की रात, पाकिस्तान ने भारत के हवाई क्षेत्र में करीब 500 सस्ते और बिना हथियार वाले ड्रोन भेजे। ये ड्रोन लद्दाख के लेह से लेकर गुजरात के सर क्रीक तक फैले विभिन्न रणनीतिक इलाकों में देखे गए।
ड्रोन हमले का असली उद्देश्य क्या था?
इन ड्रोन में से अधिकतर में न तो हथियार थे, न ही विस्फोटक। कुछ ड्रोन में सिर्फ पत्थर या खाली खोल मौजूद थे। इससे साफ होता है कि पाकिस्तान का मकसद हमला करना नहीं, बल्कि भारत की वायु रक्षा प्रणाली की जांच करना था। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की कार्रवाई से पाकिस्तान भारत के रडार कवरेज, प्रतिक्रिया समय और लॉजिस्टिक्स सिस्टम की क्षमता को समझना चाहता था।
एक्सपर्ट्स की राय: यूक्रेन-रूस रणनीति की नकल
भारतशक्ति की रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने बताया कि ये रणनीति रूस द्वारा यूक्रेन में इस्तेमाल की गई ईरानी शाहेद ड्रोन रणनीति से प्रेरित है। रूस ने भी यूक्रेन के एयर डिफेंस को बाधित करने के लिए सस्ते और बड़ी संख्या में ड्रोन भेजे थे, जिससे रडार और इंटरसेप्टर मिसाइलों पर दबाव पड़ा।
ड्रोन झुंड से महंगा जवाब
पाकिस्तान ने इस झुंड में छोटे क्वाडकॉप्टर, बड़े UAV और ‘मदर ड्रोन’ शामिल किए थे। ‘मदर ड्रोन’ बाकी ड्रोन को रास्ता दिखा रहे थे। ड्रोन के जरिए एक साथ कई जगहों पर घुसपैठ की कोशिश की गई, जिससे भारत की प्रतिक्रिया प्रणाली सक्रिय हुई। लेकिन चूंकि अधिकतर ड्रोन बेकार या केवल पत्थर लिए हुए थे, इसलिए यह एक तरीके का ‘कम लागत वाला दिमागी हमला’ था।
भारतीय जवाब और सैन्य प्रतिक्रिया
भारतीय सेना ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए इन ड्रोन को बेअसर किया। लेकिन सेना को इसके लिए इंटरसेप्टर मिसाइलों और उन्नत तकनीक का उपयोग करना पड़ा, जिनकी लागत लाखों में होती है। एक अधिकारी ने कहा, “पाकिस्तान 10,000 रुपये के ड्रोन भेजकर हमें 2 करोड़ रुपये की प्रतिक्रिया देने पर मजबूर कर रहा है।”
इलेक्ट्रॉनिक सर्वेक्षण का मकसद
एक अन्य रक्षा सूत्र ने बताया कि इस तरह के ड्रोन हमले का मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक खुफिया जानकारी जुटाना है। ड्रोन की उड़ान, भारतीय रडार की पकड़, सेना की त्वरित प्रतिक्रिया आदि से पाकिस्तान डेटा इकट्ठा कर रहा है, जो भविष्य में किसी बड़े हमले की तैयारी का हिस्सा हो सकता है।
कहां-कहां देखे गए ये ड्रोन?
ये ड्रोन जम्मू, श्रीनगर, पठानकोट, अमृतसर, भटिंडा, आदमपुर, भुज और सर क्रीक जैसे अहम सैन्य ठिकानों पर देखे गए। इसका मतलब है कि पाकिस्तान ने रणनीतिक दृष्टिकोण से चुने गए स्थानों को निशाना बनाया।
आर्थिक युद्ध की रणनीति
विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिर्फ खुफिया या साइबर युद्ध नहीं, बल्कि एक प्रकार का आर्थिक युद्ध भी है। कम लागत वाले ड्रोन से भारतीय रक्षा प्रणाली को महंगी प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। यह दीर्घकालिक रूप से भारतीय लॉजिस्टिक सिस्टम पर दबाव डाल सकता है।
भविष्य की चेतावनी
हालांकि इस बार अधिकतर ड्रोन में हथियार नहीं थे, लेकिन विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि भविष्य में ऐसे ही ड्रोन हथियारों के साथ भी भेजे जा सकते हैं। इसलिए एयर डिफेंस को केवल सक्रिय ही नहीं, बल्कि स्मार्ट भी बनाना जरूरी है।
पाकिस्तान द्वारा भेजे गए 500 ड्रोन सीधे हमले के लिए नहीं थे, बल्कि ये एक रणनीतिक चाल थी। इनका मकसद भारत की सुरक्षा प्रणाली की जांच करना, खुफिया जानकारी जुटाना और भारत को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाना था। इस घटनाक्रम से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना रहने और कम लागत में बेहतर जवाब तैयार करने की जरूरत है।
Following India’s Operation Sindoor, Pakistan launched a swarm of 500 cheap drones into Indian airspace, from Leh to Gujarat. These unarmed UAVs weren’t meant for direct attack but to probe Indian air defense systems, radar coverage, and response time. Experts say Pakistan’s strategy mirrors Russia’s use of Iranian drones in Ukraine—causing disruption without major destruction. This drone swarm tactic is also a form of economic warfare, forcing India to use costly interceptors against low-cost aerial threats.