AIN NEWS 1 | पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत में बीती रात एक भयानक एयर स्ट्राइक में 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इसमें कई बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। यह हमला लंडी कोटल तहसील के मात्रे दारा गांव में हुआ, जो तिराह घाटी में अफगानिस्तान सीमा के पास स्थित है।
घटना का विवरण
स्थानीय सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना ने अपने JF-17 थंडर फाइटर जेट से कम से कम आठ LS-6 बम गांव में बरसाए। यह हमला आधी रात लगभग 2 बजे किया गया। सेना का दावा है कि यह कार्रवाई तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ठिकानों के खिलाफ की गई थी, लेकिन वास्तविकता यह है कि इस हमले में निर्दोष नागरिकों के घर निशाना बने।
मृतकों में आम नागरिकों के अलावा कई बच्चे और महिलाएं शामिल हैं, जो अचानक हुए इस हमले की चपेट में आ गए।
स्थानीय प्रतिक्रिया
गांववासियों और नेताओं ने इस हमले की निंदा की है।
स्थानीय विधायक इकबाल अफरीदी ने फेसबुक पर लिखा, “यह दिल दहला देने वाला है कि वादी तिराह अकाखेल में मासूम बच्चों और महिलाओं की बमबारी में शहादत हुई। यह अत्याचार इंसानियत के खिलाफ सबसे बड़ा जुर्म है।”
ग्रामीणों का कहना है कि यह हमला बिना किसी चेतावनी के किया गया और लोग रात के अंधेरे में सुरक्षित रहने का कोई मौका नहीं पा सके।
पाकिस्तान की दोहरी नीति पर सवाल
इस घटना ने पाकिस्तान की दोहरी नीति को भी उजागर किया है।
एक तरफ पाकिस्तानी सरकार और सेना जैश-ए-मोहम्मद जैसे वैश्विक आतंकी संगठनों को खुलेआम सुरक्षा और समर्थन देती है।
वहीं दूसरी तरफ अपने ही नागरिकों पर बमबारी करके निर्दोष लोगों को मारती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई से पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि धूमिल होती है। नागरिकों की सुरक्षा की जगह सेना द्वारा ऐसे हमले यह दिखाते हैं कि हिंसा और आतंकवाद को पनाह दी जा रही है, जबकि सामान्य लोगों का खून बहाया जा रहा है।
JF-17 फाइटर जेट और LS-6 बम
हमले में इस्तेमाल किए गए JF-17 थंडर फाइटर जेट और LS-6 बम उच्च शक्ति वाले हथियार हैं।
LS-6 बम का प्रभाव व्यापक होता है, जिससे एक बार में कई घर और इलाके प्रभावित हो सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि नागरिक इलाकों में ऐसे हमले अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों के खिलाफ हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पाकिस्तानी सेना लगातार तिराह घाटी में निर्दोष नागरिकों को निशाना बना रही है, जबकि आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हो रही।
मानवाधिकार और वैश्विक प्रतिक्रिया
इस हमले के बाद मानवाधिकार संगठन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चिंता जताई है।
निर्दोष लोगों की हत्या और नागरिक इलाकों पर हमला मानवता के खिलाफ अपराध माना जाता है।
पाकिस्तान की सेना पर दबाव है कि वह आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करते समय सिविलियनों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
स्थानीय विधायक और ग्रामीणों ने कहा कि इस घटना ने पाकिस्तान सरकार और सेना की नीतियों पर सवाल खड़ा कर दिया है।
बीती रात का एयर स्ट्राइक साबित करता है कि तिराह घाटी और खैबर पख्तूनख्वाह जैसे क्षेत्रों में सामान्य नागरिक सबसे अधिक खतरे में हैं।
आतंकियों के ठिकानों का नाम लेकर हमले में निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं।
JF-17 और LS-6 बम जैसी उच्च शक्ति वाली हथियार प्रणाली से यह नुकसान और बढ़ गया है।
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन और स्थानीय नेता इस घटना की निंदा कर रहे हैं और इंसाफ की मांग कर रहे हैं।
इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान की सेना की कार्रवाई और आतंकियों के प्रति नीति नागरिकों की सुरक्षा के खिलाफ है। भविष्य में इन इलाकों में सुरक्षा और मानवाधिकार के मामलों पर और अंतरराष्ट्रीय ध्यान जाने की संभावना है।