AIN NEWS 1 | यूरोप में ‘पैरट फीवर’ या सिटेकोसिस नामक बीमारी के आउटब्रेक से 5 लोगों की मौत हो चुकी है। यह फ्लू जैसी बीमारी 5 यूरोपीय देशों में ‘अप्रत्याशित रूप से’ तेजी से फैल रही है।
यह बीमारी कैसे फैलती है?
- संक्रमित पक्षियों के स्राव से दूषित धूल के कणों को सांस के ज़रिए अंदर लेने से: संक्रमित पक्षियों के मल, लार और पंखों से निकलने वाले सूक्ष्मजीव हवा में मिल सकते हैं। जब कोई व्यक्ति इन दूषित कणों को सांस के ज़रिए अंदर लेता है, तो उसे यह बीमारी हो सकती है।
- संक्रमित पक्षियों के बीक के सीधे संपर्क में आने से: संक्रमित पक्षियों को छूने या उनके बीक से सीधे संपर्क में आने से भी यह बीमारी हो सकती है।
इस बीमारी के लक्षण क्या हैं?
- बुखार
- ठंड लगना
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- खांसी
- थकान
- सांस लेने में तकलीफ
- निमोनिया
इस बीमारी से कैसे बचें?
- संक्रमित पक्षियों से दूर रहें: संक्रमित पक्षियों को न छुएं और उनके संपर्क में आने से बचें।
- अपने हाथों को बार-बार धोएं: अपने हाथों को साबुन और पानी से बार-बार धोएं, खासकर पक्षियों को छूने के बाद।
- धूल से बचें: धूल भरी जगहों पर जाने से बचें और बाहर जाते समय मास्क पहनें।
- अपने डॉक्टर से संपर्क करें: यदि आपको ‘पैरट फीवर’ के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
यह बीमारी कितनी गंभीर है?
यह बीमारी आमतौर पर हल्की होती है, लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर हो सकती है, खासकर बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में।