AIN NEWS 1 | मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थापित दुनिया की पहली वैदिक घड़ी की तस्वीरें ऑनलाइन सामने आई हैं। यह घड़ी प्राचीन भारतीय पारंपरिक पंचांग के अनुसार समय प्रदर्शित करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 मार्च को वर्चुअली इस घड़ी का लोकार्पण करेंगे।
यह घड़ी 85 फीट ऊंचे टावर पर स्थापित है, जो उज्जैन के जंतर-मंतर पर स्थित है। जंतर-मंतर 18वीं शताब्दी में महाराजा जय सिंह द्वितीय द्वारा बनवाया गया था।
वैदिक घड़ी में 30 मुहूर्त होंगे, जो वैदिक समय गणना की इकाई है। यह घड़ी घंटे, मिनट और सेकंड के साथ-साथ सूर्योदय, सूर्यास्त, ग्रहों की गति और अन्य खगोलीय घटनाओं को भी प्रदर्शित करेगी।
वैदिक घड़ी का निर्माण महाराजा विक्रमादित्य अनुसंधान संस्थान (MVRIS) द्वारा किया गया है। MVRIS के निदेशक डॉ. श्रीराम तिवारी के अनुसार, “यह घड़ी भारतीय ज्ञान और वैज्ञानिक परंपराओं को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है।”
यह घड़ी न केवल एक पर्यटक आकर्षण होगी, बल्कि यह लोगों को प्राचीन भारतीय समय गणना प्रणाली से भी परिचित कराएगी।
तस्वीरों में घड़ी का चेहरा दिखाई दे रहा है, जो सोने के रंग का है। घड़ी के चेहरे पर 30 मुहूर्त और 12 राशियां अंकित हैं। घड़ी के चारों ओर सूर्य, चंद्रमा और ग्रहों की छवियां भी हैं।
वैदिक घड़ी का लोकार्पण भारतीय संस्कृति और वैज्ञानिक परंपराओं के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। यह घड़ी भारत के समृद्ध इतिहास और विरासत को दुनिया के सामने प्रदर्शित करेगी।
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वैदिक घड़ी के बारे में कुछ विवाद भी हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह घड़ी वैज्ञानिक रूप से सटीक नहीं है।
लेकिन, वैदिक घड़ी निश्चित रूप से एक अनूठी और महत्वाकांक्षी परियोजना है। यह घड़ी प्राचीन भारतीय ज्ञान और आधुनिक तकनीक का मिश्रण है।