AIN NEWS 1: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 117वीं कड़ी “मन की बात” में आगामी Maha Kumbh 2025 के लिए डिजिटल नवाचारों के उपयोग का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इस बार श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव के लिए डिजिटल नेविगेशन सिस्टम, एआई-संचालित कैमरे और डिजिटल लॉस्ट एंड फाउंड केंद्र जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।
1. डिजिटल नेविगेशन सिस्टम:
प्रधानमंत्री ने कहा कि Maha Kumbh 2025 में श्रद्धालुओं को डिजिटल नेविगेशन सिस्टम की मदद से आसानी से विभिन्न घाटों, मंदिरों और साधुओं के अखाड़ों तक पहुंचने की सुविधा मिलेगी। यह नेविगेशन सिस्टम यात्रियों को सही दिशा दिखाएगा, जिससे उन्हें अपने गंतव्य तक पहुँचने में कोई कठिनाई नहीं होगी। इसके अलावा, श्रद्धालुओं को पार्किंग स्पेस की जानकारी भी इस सिस्टम के जरिए मिलेगी, जिससे पार्किंग के लिए समय की बचत होगी और यातायात का बेहतर प्रबंधन होगा।
2. एआई-संचालित कैमरे:
प्रधानमंत्री ने बताया कि पूरे मेले क्षेत्र को एआई-संचालित कैमरों से कवर किया जाएगा। ये कैमरे पूरे मेले के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा में सहायक होंगे। अगर कोई व्यक्ति अपने परिवार या दोस्तों से बिछड़ जाता है, तो ये कैमरे उन्हें खोजने में मदद करेंगे। इससे श्रद्धालुओं को चिंता कम होगी और उनके परिवार के सदस्य भी शांति से पूजा-अर्चना कर सकेंगे।
3. डिजिटल लॉस्ट एंड फाउंड केंद्र:
Maha Kumbh 2025 में एक डिजिटल लॉस्ट एंड फाउंड केंद्र की भी व्यवस्था की जाएगी। यदि कोई श्रद्धालु खो जाता है या किसी चीज़ की तलाश करता है, तो वह इस केंद्र का उपयोग कर सकता है। यह सुविधा श्रद्धालुओं के लिए बेहद सहायक होगी, खासकर उन लोगों के लिए जो विशाल मेला क्षेत्र में अपने परिवार से अलग हो जाते हैं।
4. स्मार्ट और सुरक्षित कुम्भ:
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार Kumbh Mela में श्रद्धालुओं के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इन सुविधाओं से मेला क्षेत्र में सुरक्षा, सुगमता और समग्र अनुभव में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक के उपयोग से Mela में आने वाले श्रद्धालुओं को एक स्मार्ट और सुरक्षित वातावरण मिलेगा।
इससे यह साबित होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सरकार का उद्देश्य हर बड़े आयोजन को आधुनिक तकनीक से जोड़ते हुए श्रद्धालुओं को बेहतर और सुरक्षित अनुभव देना है। Maha Kumbh 2025 की इस पहल के साथ भारत एक नई दिशा में कदम बढ़ा रहा है, जहां धार्मिक आयोजनों को भी तकनीकी दृष्टिकोण से सशक्त बनाया जा रहा है।