AIN NEWS 1 | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (21 सितंबर, 2025) को शाम 5 बजे देशवासियों को संबोधित किया। यह संबोधन खासतौर पर आने वाले नए जीएसटी सुधारों को लेकर था, जो सोमवार (22 सितंबर, 2025) से पूरे देश में लागू होंगे। पीएम मोदी ने इसे देश के लिए “जीएसटी बचत उत्सव” करार दिया और कहा कि इस सुधार से करोड़ों परिवारों, व्यापारियों और निवेशकों को सीधा लाभ मिलेगा।
उन्होंने बताया कि ये सुधार केवल कर व्यवस्था को आसान बनाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह “नागरिक देवो भवः” की भावना को भी प्रकट करते हैं। यानी सरकार की हर नीति का मूल उद्देश्य नागरिकों की भलाई और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाना है।
नवरात्र की शुरुआत और सुधारों का शुभारंभ
प्रधानमंत्री ने कहा कि नवरात्र के पहले दिन का सूर्योदय सिर्फ धार्मिक दृष्टि से नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी खास होगा। उसी दिन से देश एक नए कर-युग में प्रवेश करेगा। जीएसटी सुधारों का यह चरण भारत की ग्रोथ स्टोरी को और तेज गति देगा और करोड़ों लोगों के लिए बचत व समृद्धि का मार्ग खोलेगा।
जीएसटी बचत उत्सव – सीधा फायदा जनता को
मोदी ने बताया कि नए जीएसटी ढांचे के तहत उपभोक्ताओं और व्यवसायियों दोनों को बड़े पैमाने पर लाभ मिलेगा।
लोगों की जेब में अधिक पैसा बचेगा।
उपभोग और निवेश बढ़ेगा।
रोजमर्रा की वस्तुएं और सस्ती होंगी।
रोजगार और व्यापारिक अवसरों का विस्तार होगा।
सरकार का अनुमान है कि इन सुधारों और आयकर छूट की वजह से जनता को करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी।
आयकर छूट सीमा में बदलाव – डबल बोनस
प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से आयकर छूट सीमा बढ़ाने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अब 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर टैक्स छूट का लाभ मिलेगा। यह कदम गरीब, नव-मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग के लिए एक “डबल बोनांजा” साबित होगा।
गरीब वर्ग को महंगाई से राहत मिलेगी।
नव-मध्यम और मध्यम वर्ग के पास अधिक बचत और निवेश की क्षमता होगी।
खपत बढ़ने से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
जीएसटी सुधारों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
मोदी ने याद दिलाया कि 2017 में जब देश ने पहली बार जीएसटी लागू किया था, तब यह भारत की कर प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव था।
पहले देश में अलग-अलग तरह के टैक्स मौजूद थे – ऑक्ट्रॉय, एंट्री टैक्स, सेल्स टैक्स, एक्साइज, वैट, सर्विस टैक्स आदि। व्यापारी और उपभोक्ता दोनों इस जटिल कर ढांचे से परेशान रहते थे।
लेकिन जीएसटी ने “एक राष्ट्र – एक कर” के सपने को साकार किया। अब इन नए सुधारों के साथ जीएसटी और भी ज्यादा पारदर्शी और सरल बन गया है।
नागरिक देवो भवः – सुधारों का मूल भाव
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि नए जीएसटी सुधार सिर्फ कर ढांचे का बदलाव नहीं हैं, बल्कि ये सरकार के उस दृष्टिकोण को दर्शाते हैं जिसमें नागरिक को सर्वोच्च स्थान दिया गया है।
उपभोक्ताओं को सस्ते दामों पर वस्तुएं मिलेंगी।
कर संग्रहण पारदर्शी होगा।
व्यापारियों को टैक्स प्रक्रिया में राहत मिलेगी।
जनता के हित को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
MSME और स्वदेशी का महत्व
मोदी ने कहा कि जब भारत समृद्धि के शिखर पर था, तब MSME सेक्टर उसकी रीढ़ था। आज हमें उसी गौरव को पुनः प्राप्त करना है।
उन्होंने देशवासियों से अपील की:
Made in India उत्पाद खरीदें।
हर घर और हर दुकान स्वदेशी का प्रतीक बने।
हमारे उत्पादों की गुणवत्ता ऐसी होनी चाहिए कि वह भारत का गौरव बढ़ाए।
उनका मानना है कि यदि लोग स्वदेशी वस्तुओं को प्राथमिकता देंगे, तो भारत की अर्थव्यवस्था और तेज गति से आगे बढ़ेगी।
आम जनता के लिए राहत
मोदी ने कहा कि इस सुधार का सबसे बड़ा फायदा जनता को होगा। अब रोजमर्रा की जरूरी चीजें या तो कर-मुक्त हैं या फिर उन पर केवल 5% जीएसटी लागू होगा। इससे गरीब और मध्यम वर्ग दोनों को सीधे लाभ मिलेगा।
पीएम मोदी का यह संबोधन केवल जीएसटी सुधारों की घोषणा नहीं था, बल्कि यह देशवासियों को विश्वास दिलाने का भी प्रयास था कि सरकार की हर नीति का उद्देश्य “नागरिक देवो भवः” की भावना को साकार करना है।
जीएसटी सुधारों से जहां जनता की जेब में बचत होगी, वहीं अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। आयकर छूट, सरल कर व्यवस्था, स्वदेशी पर बल और MSME को बढ़ावा – ये सभी कदम भारत को आने वाले वर्षों में आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होंगे।