Monday, November 18, 2024

गाजियाबाद में जहरीली हवा का कहर: सांस लेना हुआ मुश्किल, आंखों में जलन बढ़ी?

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AIN NEWS 1: गाजियाबाद में वायु प्रदूषण ने गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। रविवार को हवा में धूल, धुएं, और जहरीले कणों की मात्रा और बढ़ गई, जिससे सांस लेना मुश्किल हो गया। इसके अलावा, लोगों की आंखों में जलन और स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ रही हैं। प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने चेतावनी दी है कि फिलहाल हालात में कोई सुधार नहीं होगा।

प्रदूषण स्तर बढ़ा, मास्क पहनने की सलाह

रविवार को शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बेहद खराब श्रेणी में रहा।

लोनी: 412

वसुंधरा: 396

संजयनगर: 329

इंदिरापुरम: 318

विशेषज्ञों के अनुसार, वायु प्रदूषण के बढ़ने की मुख्य वजह कूड़ा जलाना, वाहन उत्सर्जन और ठंड के कारण बनी स्मॉग की परत है। दिवाली के बाद से प्रदूषण का स्तर और खराब हो गया है। चिकित्सकों ने लोगों को घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनने की सलाह दी है।

पीएम 10 और पीएम 2.5 खतरनाक स्तर पर

रविवार को प्रदूषण के मुख्य तत्व खतरनाक स्तर पर रहे:

पीएम 10: 348 (मानक 100)

पीएम 2.5: 421 (मानक 60)

अन्य तत्व जैसे सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड हालांकि मानक के भीतर हैं, लेकिन कुल मिलाकर वायु गुणवत्ता बेहद खराब है।

प्रदूषण रोकने के उपाय

प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने बताया कि जगह-जगह पानी का छिड़काव कराया जा रहा है और कूड़ा जलाने की शिकायतों पर कार्रवाई की जा रही है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी विकास मिश्रा ने कहा कि समस्या के समाधान के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल स्थिति सुधरने की उम्मीद कम है।

कोहरे और ठंड का असर

मौसम विभाग ने बताया कि रविवार शाम से कोहरा छाना शुरू हो गया, जिससे प्रदूषण की समस्या और बढ़ गई।

अधिकतम तापमान: 27 डिग्री सेल्सियस

न्यूनतम तापमान: 14 डिग्री सेल्सियस

मौसम वैज्ञानिक डॉ. अरविंद यादव के अनुसार, सोमवार को तापमान में और गिरावट की संभावना है। पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी का असर जल्द ही मैदानी इलाकों में दिखाई देगा। 20 नवंबर के बाद ठंड और बढ़ने की संभावना है।

राहत कब मिलेगी?

विशेषज्ञों का कहना है कि तेज हवा चलने या बारिश होने पर ही प्रदूषण से राहत मिल सकती है। अक्टूबर और नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब हवा सांस लेने लायक रही हो। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत प्रदूषण को कम करने के लिए पहले ही कई पाबंदियां लगाई जा चुकी हैं।

स्वास्थ्य पर बढ़ता खतरा

प्रदूषण का यह स्तर न केवल सांस लेने में परेशानी पैदा कर रहा है, बल्कि आंखों और गले में जलन जैसी समस्याओं को भी बढ़ा रहा है। बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

निष्कर्ष: प्रदूषण का यह संकट गंभीर है और जल्द ही स्थिति में सुधार की संभावना कम है। आम जनता को प्रदूषण से बचाव के लिए सजग रहना होगा।

 

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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