AIN NEWS 1 अलीगढ़: फर्रुखाबाद की ईसी एक्ट की विशेष अदालत के न्यायाधीश डॉ. अनिल कुमार सिंह पर हमले की कोशिश के मामले में पुलिस ने सुंदर भाटी गैंग की भूमिका की जांच शुरू कर दी है। घटना के बाद पुलिस ने 250 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगाले, लेकिन संदिग्ध बोलेरो कार अब तक नहीं मिली है। न्यायाधीश ने आरोप लगाया है कि गैंग ने उनके खिलाफ सुनाए गए फैसले का बदला लेने के लिए यह हमला करने की कोशिश की।
क्या है पूरा मामला?
29 अक्टूबर को डॉ. अनिल कुमार सिंह नोएडा जा रहे थे। जब वह खैर के गोमत चौराहे को पार कर रहे थे, तब एक सफेद रंग की बोलेरो (यूपी 81 7882) में सवार पांच अज्ञात व्यक्तियों ने उनकी गाड़ी का पीछा करना शुरू कर दिया।
पीछे चल रही बोलेरो ने कई बार उनकी गाड़ी को रोकने की कोशिश की। आरोपितों ने रास्ते में गाली-गलौज की और हथियार दिखाकर डराने की कोशिश की। न्यायाधीश ने समझदारी दिखाते हुए सोफा पुलिस चौकी के पास अपनी गाड़ी रोकी, जिसके बाद बोलेरो सवार यू-टर्न लेकर फरार हो गए।
सुंदर भाटी गैंग पर शक क्यों?
डॉ. सिंह ने गौतमबुद्धनगर कोर्ट में बतौर एडीजे रहते हुए कुख्यात सुंदर भाटी और उसके गैंग के 11 सदस्यों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इनमें ऋषिपाल, सिंह राज, योगेश, विकास पंडित, कालू भाटी, दिनेश भाटी, अनूप भाटी, यतेंद्र चौधरी, सोनू, बौबी और सुरेंद्र पंडित शामिल हैं। न्यायाधीश ने संदेह जताया है कि इस सजा का बदला लेने के लिए गिरोह ने यह साजिश रची होगी।
पुलिस जांच का मौजूदा हाल
पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है। संदिग्ध बोलेरो की पहचान के लिए 250 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए, लेकिन कार की स्पष्ट तस्वीर नहीं मिली।
न्यायाधीश द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर कार की तलाश की जा रही है। एसपी देहात मुकेश चंद्र उत्तम ने बताया कि बोलेरो कार पर कोई खास पहचान चिह्न नहीं है। वाहन के नंबर (7882) से मिलते-जुलते अन्य वाहनों की भी जांच की जा रही है।
अधिक सुरक्षा की मांग
घटना के बाद न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही आरोपितों को पकड़ा जाएगा और इस मामले की सच्चाई सामने लाई जाएगी।
निष्कर्ष
यह घटना न्यायिक अधिकारियों पर बढ़ते खतरे और सुरक्षा की जरूरत को दर्शाती है। पुलिस मामले की गंभीरता को समझते हुए कार्रवाई कर रही है। जल्द ही आरोपितों की गिरफ्तारी की उम्मीद है।