AIN NEWS 1: बिहार की राजधानी पटना में पुलिस की वर्दी पर एक बार फिर दाग लग गया है। गौरीचक थाना क्षेत्र में गश्त पर निकली पुलिस टीम ने बारात से लौट रहे चार लोगों को धमकाकर 25 हजार रुपये वसूल लिए। इस घटना के बाद शिकायत के आधार पर दारोगा, दो होमगार्ड के जवान और एक निजी चालक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
घटना का पूरा विवरण
दीदारगंज के कोठिया गांव निवासी जितेंद्र कुमार और उनके तीन दोस्त 1 नवंबर की रात बारात से लौट रहे थे। उनकी कार को गौरीचक थाने की गश्ती गाड़ी ने रोका। पुलिसकर्मियों ने पहले उनकी तलाशी ली और फिर पैसे की मांग की। जब पीड़ितों ने नकदी नहीं होने की बात कही, तो उन्हें झूठे केस में फंसाने की धमकी दी गई।
डर के मारे पीड़ितों को पास के एक पेट्रोल पंप पर ले जाया गया। वहां स्कैनर के जरिए उनके बैंक खातों से 25 हजार रुपये ट्रांसफर कराए गए। इसके बाद पुलिसवालों ने पेट्रोल पंप कर्मचारियों से नकद पैसे ले लिए।
शिकायत और कार्रवाई
2 नवंबर को जितेंद्र कुमार ने पटना पुलिस के वरीय अधिकारियों से संपर्क कर पूरी घटना की जानकारी दी। इसके बाद गौरीचक थाने के 2019 बैच के दारोगा विवेक कुमार, दो होमगार्ड के जवान और निजी चालक प्रेम कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
पुलिस जांच में आरोप सही पाए गए। पेट्रोल पंप पर हुई ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के सबूत और सीसीटीवी फुटेज भी इस वसूली की पुष्टि करते हैं। डीआईजी सह एसएसपी राजीव मिश्रा ने मामले की जांच सिटी एसपी पूर्व को सौंपी। सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
निलंबन और बर्खास्तगी की तैयारी
गिरफ्तारी के बाद दारोगा को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। दोनों होमगार्ड के जवानों की सेवाएं समाप्त करने के लिए संबंधित अधिकारियों को पत्र भेजा गया है। दारोगा के खिलाफ विभागीय जांच भी चल रही है, जिसके बाद उसकी बर्खास्तगी की संभावना है।
थानों में निजी चालकों की भूमिका पर सवाल
इस घटना से राजधानी के थानों में निजी चालकों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। कई थानों में निजी चालक पुलिसकर्मियों की तरह काम करते हैं और अवैध वसूली जैसे मामलों में शामिल पाए जाते हैं।
निष्कर्ष
यह घटना पुलिस की छवि पर बड़ा धक्का है। वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लिया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इस मामले ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए सुधार की जरूरत को फिर से उजागर किया है।