AIN NEWS 1 पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने राजद नेता तेजस्वी यादव के हालिया ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तेजस्वी को अपने प्रदेश अध्यक्ष के घर में आ रहे 17% कम बिजली बिल के मामले में स्पष्ट प्रमाण पेश करना चाहिए। सम्राट चौधरी का कहना है कि यह मामला बिजली विभाग से जुड़ा है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया है कि यदि कहीं कोई गड़बड़ी है तो बिजली विभाग को जनता की सहायता तुरंत करनी चाहिए।
#WATCH पटना: राजद नेता तेजस्वी यादव के ट्वीट पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, "स्वाभाविक है। उनके(तेजस्वी यादव) प्रदेश अध्यक्ष के घर में जब 17% कम बिल आ रहा है तो प्रमाण देना चाहिए न कि कहां गड़बड़ी है… यह स्पष्ट तौर पर बिजली विभाग का मामला है। बिजली विभाग को… pic.twitter.com/810gMnvz0i
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 28, 2024
तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में बिजली बिल में असामान्य वृद्धि का आरोप लगाया था, जिस पर सम्राट चौधरी ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जब तेजस्वी के प्रदेश अध्यक्ष के घर में बिल कम आ रहा है, तो इसे प्रमाणित करना जरूरी है कि गड़बड़ी कहां है। सम्राट ने स्पष्ट किया कि यह मामला सिर्फ आरोप लगाने का नहीं है, बल्कि सही जानकारी के साथ स्थिति स्पष्ट करने का भी है।
उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं और जनता की परेशानियों का समाधान करना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “बिजली विभाग को चाहिए कि वे अपने स्तर पर जांच करें और यदि कहीं भी अनियमितता पाई जाती है, तो उसे तुरंत ठीक करें।”
सम्राट चौधरी ने बिहार में बिजली के मुद्दों को सुलझाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि जनता को कोई भी समस्या होने पर प्रशासन से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जनता की भलाई के लिए तत्पर है और सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
राजनीतिक हलकों में यह बयान चर्चा का विषय बन गया है, और आने वाले समय में बिजली के बिलों के मुद्दे पर और भी सियासी बयानबाजी देखने को मिल सकती है। तेजस्वी यादव और सम्राट चौधरी के बीच यह वाकयात बिहार की राजनीति में नए मोड़ का संकेत दे रहे हैं, जिससे दोनों पक्षों के समर्थकों के बीच भी तीखी बहस हो सकती है।
बिहार में बिजली संकट और इससे जुड़ी समस्याएं आम जनता के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं। ऐसे में सरकार का यह प्रयास कि जनता को परेशानी न हो, निश्चित रूप से सराहनीय है। लेकिन राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच, लोगों को सही जानकारी और समाधान की उम्मीद है।
इस प्रकार, बिहार की बिजली समस्या एक बार फिर सियासत का हथियार बनती दिख रही है, जिसमें आरोपों का दौर और भी तेज हो सकता है।