AIN NEWS 1: दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच शीशमहल के सरकारी आवास को लेकर विवाद गहरा गया है। विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री आतिशी पर दो सरकारी आवासों पर अवैध कब्जा करने का आरोप लगाते हुए शीशमहल को तुरंत सील करने की मांग की है।
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गुप्ता ने सवाल उठाया कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शीशमहल की चाबी दिल्ली के PWD अधिकारियों को सौंपने के बजाय आतिशी को क्यों दी। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “जब मुख्यमंत्री आतिशी को पहले से ही AB-17 मथुरा रोड पर आवास आवंटित है, तो फिर वे शीशमहल पर गैरकानूनी कब्जा क्यों कर रही हैं?” उन्होंने PWD विभाग से शीशमहल को सील करने और कानूनी कार्रवाई की भी मांग की।
इस विवाद में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि सरकारी अधिकारी BJP के दबाव में आकर मुख्यमंत्री आतिशी को 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगला आवंटित नहीं कर रहे हैं, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने खाली किया है। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि नए मुख्यमंत्री का सामान उस बंगले में पहुंचा दिया गया है, जबकि अभी भी यह आवास उनके नाम पर आवंटित नहीं हुआ है।
सिंह ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय को खाली करा दिया गया है। उन्होंने BJP पर आरोप लगाया कि चूंकि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीतने में असमर्थ रही है, इसलिए वह अब मुख्यमंत्री के बंगले को अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश कर रही है।
इससे पहले, सोमवार को मुख्यमंत्री आतिशी अपने सामान के साथ उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित बंगले में चली गईं, जो कि पिछले नौ वर्षों से केजरीवाल को आवंटित था। केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद इस बंगले को खाली किया था।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोपों के इस सिलसिले ने दिल्ली की राजनीतिक स्थिति को और भी जटिल बना दिया है। दोनों पक्ष अपने-अपने तर्क प्रस्तुत कर रहे हैं, लेकिन असल सवाल यह है कि क्या इस मुद्दे का समाधान जल्द ही निकलेगा?
इस प्रकार, शीशमहल का मामला न केवल राजनीतिक संघर्ष का प्रतीक है, बल्कि यह दिल्ली की सरकारी आवास नीति पर भी सवाल उठाता है। AAP और BJP के बीच की यह लड़ाई आगे भी जारी रहने की संभावना है।