AIN NEWS 1: दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है, और इसकी गहरी छाप शहर के विभिन्न हिस्सों में देखी जा रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, अक्षरधाम मंदिर के आसपास की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 396 तक पहुँच गई है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आती है। यह स्थिति दिल्ली में रह रहे लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को मापने के लिए 0 से 500 के बीच का पैमाना निर्धारित किया गया है। AQI स्तर 300 से ऊपर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है, जो सांस संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है, विशेष रूप से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, और हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए खतरनाक है। विशेषज्ञों के अनुसार, AQI स्तर जितना अधिक होता है, वायु में हानिकारक प्रदूषकों का स्तर भी उतना ही बढ़ जाता है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में पराली जलाना, वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्य, और औद्योगिक उत्सर्जन शामिल हैं। पराली जलाने का मौसम आते ही दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ जाता है। वर्तमान में, अक्षरधाम मंदिर क्षेत्र के अलावा अन्य हिस्सों में भी AQI का स्तर खराब है और इस वजह से आम लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है।
CPCB और स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सलाह दी है कि वे प्रदूषण का स्तर अधिक होने के समय घर से बाहर कम से कम निकलें और विशेषकर बुजुर्ग, बच्चे, और पहले से बीमार लोग इस समय अधिक सतर्क रहें। दिल्ली सरकार ने भी प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें निर्माण कार्य पर प्रतिबंध, वर्क फ्रॉम होम की सुविधा, और पानी के छिड़काव जैसे उपाय शामिल हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए सभी नागरिकों को मिलकर काम करना होगा। लोगों को सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करना चाहिए, गाड़ियों का कम उपयोग करें और स्थानीय निकायों के नियमों का पालन करना चाहिए। सरकार भी उद्योगों पर निगरानी, निर्माण कार्यों में सावधानी और प्रदूषण फैलाने वाले स्रोतों को नियंत्रित करने के उपायों पर काम कर रही है।
दिल्ली के प्रदूषण के इस स्तर ने स्वास्थ्य संगठनों के लिए भी चेतावनी की घंटी बजा दी है, और आम जनता को अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सचेत रहने की जरूरत है।