दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) 4 के तहत लगाई गई पाबंदियां हटाने की अनुमति दी है। हालांकि, कोर्ट ने यह निर्देश दिया है कि पाबंदियों का स्तर फिलहाल ग्रैप 2 से नीचे नहीं जाना चाहिए।
प्रदूषण से जुड़ी प्रमुख बातें
- पाबंदियां हटाने का कारण:
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में लगातार सुधार हुआ है, और हाल के दिनों में यह 300 के नीचे दर्ज किया गया। - सुप्रीम कोर्ट के निर्देश:
- कोर्ट ने कहा कि ग्रैप 4 पाबंदियां हटाई जा सकती हैं, लेकिन फिलहाल ग्रैप 2 और कुछ ग्रैप 3 पाबंदियां जारी रहेंगी।
- कोर्ट ने वायु प्रदूषण का स्थायी समाधान ढूंढने की आवश्यकता पर जोर दिया।
- 12 दिसंबर को स्थिति की समीक्षा कर आगे के निर्देश दिए जाएंगे।
- ग्रैप 4 पाबंदियां:
इन पाबंदियों में निर्माण कार्यों पर रोक, गैर-जरूरी ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध, और कुछ उद्योगों की गतिविधियों पर रोक शामिल थी।
मजदूरों के मुआवजे पर फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने निर्माण कार्यों पर लगी रोक से प्रभावित मजदूरों को मुआवजा देने में देरी को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई।
- मुआवजे की स्थिति:
- 90,693 मजदूरों को 2,000 रुपये मुआवजा दिया गया।
- अतिरिक्त 6,000 रुपये मुआवजा जल्द जारी करने के निर्देश दिए गए।
- कोर्ट की चेतावनी:
यदि राशि तुरंत जारी नहीं हुई, तो अवमानना कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला प्रदूषण में सुधार और स्थायी समाधान की दिशा में एक संतुलित कदम है। हालांकि, वायु गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए कड़े नियमों की जरूरत बनी रहेगी।