Will Acting DGP Prashant Kumar Get Service Extension? Absence from Farewell Letter Sparks Speculation
क्या प्रशांत कुमार को मिलेगा सेवा विस्तार? विदाई पत्र में नाम ना होने से अटकलें तेज
AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार को लेकर इन दिनों चर्चाएं तेज हो गई हैं। उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि 31 मई 2025 है, लेकिन एक आधिकारिक पत्र ने उनके संभावित सेवा विस्तार को लेकर अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है।
इस पत्र में 31 मई को रिटायर हो रहे आईपीएस अधिकारियों की सूची दी गई है, लेकिन उसमें प्रशांत कुमार का नाम नहीं है। ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि क्या उन्हें सेवा विस्तार मिलने वाला है?
कौन-कौन हैं पत्र में शामिल?
उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी एक आमंत्रण पत्र में उन वरिष्ठ अधिकारियों का उल्लेख किया गया है, जिन्हें 31 मई को सेवानिवृत्त होना है। इन अधिकारियों के लिए 29 मई को लखनऊ स्थित अमर शहीद भगत सिंह लॉन में दोपहर 1:30 बजे विदाई समारोह आयोजित किया जाएगा।
इस सूची में शामिल अधिकारी हैं:
डीजी जेल पी.वी. रामाशास्त्री
डीजी दूरसंचार डॉ. संजय एम. तरडे
एडीजी महिला और बाल सुरक्षा संगठन कंचन यादव
एडीजी सतर्कता डॉ. अरविंद चतुर्वेदी
एडीजी कार्यपालिका तेज स्वरूप सिंह
लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इस पत्र में डीजीपी प्रशांत कुमार का नाम शामिल नहीं है, जबकि वे भी इसी दिन रिटायर होने वाले हैं।
प्रशांत कुमार का नाम क्यों नहीं?
यह सवाल अब आम जन से लेकर पुलिस विभाग तक के गलियारों में गूंज रहा है कि अगर प्रशांत कुमार 31 मई को रिटायर हो रहे हैं, तो उनका नाम विदाई सूची में क्यों नहीं है?
इसी सवाल के साथ यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि उन्हें सेवा विस्तार मिल सकता है। यह पहला मौका होगा जब किसी कार्यवाहक डीजीपी को सेवा विस्तार मिलेगा।
सूत्रों के अनुसार, योगी सरकार ने उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार देने का प्रस्ताव भेजा है, जिस पर अब सिर्फ अंतिम मुहर लगनी बाकी है।
सेवा विस्तार की मिसालें और संभावनाएं
हालांकि अब तक उत्तर प्रदेश में किसी कार्यवाहक डीजीपी को सेवा विस्तार नहीं मिला है, लेकिन परमानेंट डीजीपी को पहले सेवा विस्तार मिल चुका है।
सुलखान सिंह को उत्तर प्रदेश के परमानेंट डीजीपी रहते हुए तीन महीने का सेवा विस्तार मिला था।
अरविंद कुमार जैन, जो अखिलेश यादव सरकार में डीजीपी रहे थे, उन्हें भी सेवा विस्तार मिला था।
एक पूर्व डीजीपी का कहना है कि सेवा विस्तार डीजीपी से लेकर एसपी तक किसी को भी दिया जा सकता है, बशर्ते सरकार के पास इसके लिए ठोस कारण हों।
प्रशांत कुमार: सरकार के विश्वसनीय अधिकारी
प्रशांत कुमार को योगी आदित्यनाथ सरकार का भरोसेमंद अधिकारी माना जाता है। उन्होंने कई अहम मामलों की निगरानी और नेतृत्व किया है, जिनमें संवेदनशील कानून-व्यवस्था से जुड़े मुद्दे भी शामिल हैं।
उनका प्रशासनिक अनुभव और कार्यशैली सरकार के लिए सहायक रही है, जिससे संभावना और प्रबल हो जाती है कि उन्हें विस्तार मिल सकता है।
अगर सेवा विस्तार नहीं मिला तो?
चर्चा यह भी है कि अगर प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार नहीं दिया गया, तो उनके लिए कोई नया, शक्तिशाली पद बनाया जा सकता है।
सरकार उनकी सेवाओं को किसी न किसी रूप में जारी रखना चाहती है, क्योंकि वे प्रदेश में कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
फिलहाल सबकी नजरें उत्तर प्रदेश सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं। क्या प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार मिलेगा या उनकी जगह नए डीजीपी की नियुक्ति होगी?
सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन पत्र में नाम ना होने से संकेत मिल रहे हैं कि प्रशांत कुमार को कुछ और समय तक सेवा में बने रहने का अवसर मिल सकता है।
Speculation around Prashant Kumar DGP extension has intensified as the acting DGP of Uttar Pradesh was not included in the farewell letter issued for retiring IPS officers on May 31. This absence has triggered discussions on whether Prashant Kumar will receive a service extension or if a special post will be created for him. The Yogi government’s trusted officer could soon become the first acting DGP to receive an extension in UP Police history.