AIN NEWS 1 | 30 जुलाई, बुधवार को संसद के मानसून सत्र के सातवें दिन समाजवादी पार्टी की युवा सांसद प्रिया सरोज ने लोकसभा में एक भावनात्मक और प्रभावशाली भाषण दिया। अपने संबोधन में उन्होंने न सिर्फ रेल मंत्रालय की ओर जनता की बुनियादी समस्याओं का ध्यान आकर्षित किया, बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार की शिक्षा नीतियों की भी खुलकर आलोचना की।
बस सिटी रेलवे स्टेशन की बदहाली पर चिंता
प्रिया सरोज ने लोकसभा में अपने भाषण की शुरुआत जौनपुर जिले के “बस सिटी रेलवे स्टेशन” की खस्ता हालत की ओर ध्यान दिलाते हुए की। उन्होंने सभापति महोदय के माध्यम से रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से अपील करते हुए कहा कि यह स्टेशन हजारों यात्रियों के लिए एक प्रमुख केंद्र है, जिससे प्रयागराज और अन्य जिलों के लिए यातायात होता है। लेकिन अफसोस की बात है कि यहां बैठने की व्यवस्था, साफ पीने का पानी, और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं तक मौजूद नहीं हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर इस स्टेशन पर बुनियादी ढांचे में सुधार किया जाए, तो यात्रियों को राहत मिलेगी और यात्री संख्या बढ़ने से रेलवे को भी राजस्व में इजाफा होगा।
रेलवे से क्या मांगा प्रिया सरोज ने?
स्टेशन परिसर में साफ-सुथरा प्रतीक्षालय हो
पीने के पानी की स्वच्छ व्यवस्था हो
शौचालय और सफाई व्यवस्था का उचित प्रबंधन किया जाए
स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था बेहतर हो
उन्होंने बताया कि जौनपुर जिले की जनसंख्या घनत्व को देखते हुए यह स्टेशन विकास का हकदार है और इसे नजरअंदाज करना जनता के साथ अन्याय है।
शिक्षा के अधिकार पर हमला: सरकारी स्कूलों को बंद करने का विरोध
अपने भाषण के दूसरे हिस्से में सांसद प्रिया सरोज ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 5000 सरकारी स्कूलों को बंद करने के फैसले पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय सीधे तौर पर भारत के संविधान के अनुच्छेद 21ए – शिक्षा का अधिकार – का उल्लंघन है।
उनका कहना था कि यह फैसला गरीब, पिछड़े और ग्रामीण तबके के बच्चों को शिक्षा से वंचित कर देगा। खासकर उन बच्चों को जो निजी स्कूलों की फीस नहीं उठा सकते।
महिलाओं की शिक्षा पर पड़ रहा है असर
प्रिया सरोज ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं की शिक्षा दर पहले ही चिंता का विषय है। उनके अनुसार, करीब 28 लाख बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है, जिनमें बड़ी संख्या में लड़कियां भी शामिल हैं।
इस फैसले का असर न केवल छात्रों पर पड़ेगा बल्कि ढाई लाख से ज्यादा शिक्षक और कर्मचारी बेरोजगार हो सकते हैं, जो शिक्षा तंत्र को गहरा झटका देगा।
प्रिया सरोज की मांगें सरकार से
उत्तर प्रदेश सरकार 5000 स्कूलों को बंद करने का फैसला तुरंत वापस ले
शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित किया जाए
महिला शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए
शिक्षक और कर्मचारियों की नौकरियां सुरक्षित की जाएं
जनता की आवाज बनीं प्रिया सरोज
सपा सांसद प्रिया सरोज के इस भाषण ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वह जमीनी मुद्दों को संसद में उठाने वाली जनप्रतिनिधि हैं। उन्होंने जनता की बात को सीधे संसद में रखा और सरकार से जवाबदेही की मांग की।
युवाओं, महिलाओं, गरीबों और ग्रामीण भारत की आवाज बनने के लिए उनकी यह पहल कई लोगों को प्रेरित कर सकती है।
Samajwadi Party MP Priya Saroj delivered a powerful speech in the Lok Sabha highlighting two crucial issues – the poor condition of the Bus City Railway Station in Jaunpur and the Uttar Pradesh government’s controversial decision to shut down 5000 government schools. She demanded immediate railway infrastructure development and protested against the violation of Article 21A of the Constitution, emphasizing the adverse effects on women’s education and employment of over 2.5 lakh teachers. Her speech reflects strong grassroots-level advocacy.