Priyanka Gandhi Defends Rahul: “Judges Cannot Decide Who is a True Indian”
प्रियंका गांधी का बयान: “जज तय नहीं कर सकते कि कौन सच्चा भारतीय है”
AIN NEWS 1 नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने भाई और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट के हालिया बयान पर कड़ा रुख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने सेना से संबंधित राहुल गांधी के पुराने बयानों पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि यदि वह “सच्चे भारतीय” हैं तो उन्हें ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए। इस टिप्पणी पर प्रियंका गांधी ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि “सुप्रीम कोर्ट के जज यह तय नहीं कर सकते कि कौन सच्चा भारतीय है और कौन नहीं।”
प्रियंका गांधी का बचाव
प्रियंका गांधी ने साफ कहा कि राहुल गांधी के दिल में सेना के प्रति गहरा सम्मान है और उन्होंने कभी भी सेना के खिलाफ कुछ नहीं कहा। उनके अनुसार, “राहुल गांधी ने हमेशा भारतीय सेना के सम्मान और साहस को सराहा है। उनके हर भाषण में यह बात झलकती है।” प्रियंका ने यह भी कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी का यह अधिकार है कि वे सरकार से सवाल करें।
प्रियंका गांधी ने यह सवाल भी उठाया कि क्या लोकतांत्रिक भारत में सवाल पूछना देशभक्ति के खिलाफ माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने सिर्फ सीमा पर सुरक्षा और चीनी घुसपैठ जैसे गंभीर मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा है, जो कि विपक्ष का कर्तव्य है। इसे देश विरोधी कैसे कहा जा सकता है?”
विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया
प्रियंका गांधी के इस बयान के बाद विपक्षी गठबंधन “INDIA” के अन्य दलों ने भी राहुल गांधी का समर्थन किया। विपक्षी दलों का कहना है कि राहुल गांधी का बयान भारतीय लोकतंत्र के मूलभूत अधिकारों के अंतर्गत आता है। विपक्षी नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को “अवांछित” (अनुचित) बताया।
उनका कहना है कि राहुल गांधी ने केवल यह सवाल उठाया था कि सीमावर्ती क्षेत्रों में चीन की गतिविधियों पर सरकार ने क्या कदम उठाए हैं। विपक्षी दलों के अनुसार, यह सवाल हर देशवासी का अधिकार है और इस पर टिप्पणी करना देशद्रोह या राष्ट्रभक्ति की कसौटी पर किसी को परखने जैसा नहीं होना चाहिए।
पृष्ठभूमि: राहुल गांधी का बयान
यह विवाद दिसंबर 2022 में शुरू हुआ था, जब राहुल गांधी ने “भारत जोड़ो यात्रा” के दौरान कहा था कि “चीन भारत की भूमि पर कब्जा कर रहा है और सरकार इस पर चुप है।” राहुल गांधी का यह बयान विवादित हो गया और उनके खिलाफ लखनऊ की अदालत में केस दर्ज हो गया।
बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कार्यवाही पर रोक लगा दी थी, लेकिन अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि राहुल गांधी सच्चे भारतीय हैं तो उन्हें इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए।
लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सवाल
प्रियंका गांधी और विपक्षी दलों के बयानों से यह स्पष्ट है कि यह विवाद केवल एक बयान का नहीं बल्कि लोकतांत्रिक अधिकारों का मुद्दा बन गया है। क्या किसी को देशभक्ति की कसौटी पर परखना सही है? क्या विपक्ष का सरकार से सवाल पूछना असंवैधानिक है?
प्रियंका गांधी का कहना है कि राहुल गांधी ने जो भी कहा वह देश के हित में था और सेना के सम्मान के साथ समझौता किए बिना था। उनका कहना था कि “लोकतंत्र में हर नागरिक को सवाल पूछने का अधिकार है और अगर उस पर सवाल उठाकर देशभक्ति को जांचा जाएगा तो यह गलत परंपरा होगी।”
इस पूरे मामले से यह स्पष्ट है कि देश में लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और न्यायपालिका की भूमिका पर बहस तेज हो गई है। प्रियंका गांधी के बयान ने इस बहस को और गहरा कर दिया है कि क्या न्यायपालिका को यह तय करने का अधिकार है कि कौन “सच्चा भारतीय” है।
विपक्ष का मानना है कि सरकार से सवाल पूछना लोकतंत्र का मूल तत्व है, और इस पर किसी की देशभक्ति को परखना उचित नहीं है।
इस विवाद का असर राजनीतिक रूप से भी देखा जा रहा है, खासकर उस समय जब संसद का सत्र चल रहा है और विपक्ष सरकार पर लगातार हमले कर रहा है।
Priyanka Gandhi has strongly defended her brother Rahul Gandhi after the Supreme Court’s remarks on his past comments regarding the Indian Army and China border issues. She emphasized that judges cannot decide who is a “true Indian” and highlighted Rahul Gandhi’s deep respect for the army. Opposition parties under the INDIA alliance have also backed Rahul Gandhi, calling the court’s remark unwanted and stressing that asking questions about national security and border issues is a democratic right, not anti-national activity.