AIN NEWS 1: दिल्ली के चांदनी चौक में एक रैली के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि शीला दीक्षित ने दिल्ली के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया और जनता के लिए दिन-रात काम किया।
शीला दीक्षित के कार्यों की प्रशंसा
प्रियंका गांधी ने अपने भाषण में कहा, “यह बहुत स्पष्ट है कि शीला दीक्षित जी ने दिल्ली में क्या काम किया। उन्होंने दिल्ली में पीने का पानी उपलब्ध कराया और सीवरों की सफाई जैसे कई अहम कार्य किए। वह जनता की सेवा के लिए दिन-रात मेहनत करती थीं।”
अरविंद केजरीवाल पर हमला
उन्होंने आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा। प्रियंका गांधी ने कहा, “अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, लेकिन उनके खिलाफ कोई भी आरोप साबित नहीं हुआ।” उनका इशारा इस ओर था कि केजरीवाल ने सत्ता में आने के लिए कांग्रेस सरकार पर झूठे आरोप लगाए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा प्रहार
प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी आलोचना की और कहा, “प्रधानमंत्री मोदी अपने 80% भाषणों में केवल दूसरों की आलोचना करते हैं। वह हर समस्या का दोष पंडित जवाहरलाल नेहरू पर डाल देते हैं। यह कैसी राजनीति है, जो केवल दूसरों को नीचा दिखाने के लिए की जाती है?”
नकारात्मक राजनीति की आलोचना
प्रियंका गांधी ने कहा कि आज की राजनीति का उद्देश्य लोगों को आपस में लड़ाना बन गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की राजनीति सिर्फ स्वार्थ के लिए की जाती है, न कि जनता की भलाई के लिए।
प्रियंका गांधी वाड्रा का यह बयान लोकसभा चुनाव से पहले काफी अहम माना जा रहा है। उन्होंने शीला दीक्षित की उपलब्धियों को गिनाते हुए कांग्रेस सरकार की सकारात्मक छवि पेश की, जबकि आम आदमी पार्टी और बीजेपी की आलोचना करते हुए उनकी नकारात्मक राजनीति को उजागर किया।
In a rally at Chandni Chowk, Congress MP Priyanka Gandhi Vadra praised Sheila Dikshit’s contributions to Delhi, highlighting her work in water supply and sewer cleaning. She criticized Arvind Kejriwal for making false corruption allegations against Dikshit and slammed PM Narendra Modi for focusing 80% of his speeches on criticizing others, especially blaming Jawaharlal Nehru. Priyanka Gandhi accused both AAP and BJP of engaging in divisive politics for self-interest instead of public welfare.